: जैनी धर्मशाला में पर्यूषण के दौरान हड्डियां और बोतलों के साथ हंगामा : यह आपके अध्यक्ष महोदय हैं। उप्र मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति के। ये समिति के ठेकेदार हैं और पुलिस में उनकी दलाली बेहिसाब है। इसलिए जितना भी कुकर्म कर सकते हैं, कर लेते हैं। नाम है हेमन्त तिवारी। फिलहाल तो उनके चेहरे पर कुकर्म एक नया काला धब्बा जुड़ गया है। ताजी सूचना ये है कि छत्तीसगढ़ के रायपुर में जैन समुदाय की निरंजनी धर्मशाला ने हेमन्त तिवारी और सिद्धार्थ कलहंस आदि अराजक पत्रकारों की करतूत पर खफा होकर 50 हजार रुपयों का जुर्माना लगाने की धमकी दी लेकिन बीच-बचाव कर मामला निपटा दिया गया। इन पत्रकारों पर आरोप है कि उन्होंने जैन समुदाय के पर्युषण अवसर पर जैन समुदाय की निरंजनी धर्मशाला के चार कक्षों में जमकर मदिरा और मांसाहार किया।
Tag: siddhartha kalhans
चुनाव प्रक्रिया शुरू होते ही हेमन्त-कलहंस की उछलकूद शुरू
Kumar Sauvir : पहले दो महीने की मोहलत ली थी, अब बोले पांच को कराऊंगा चुनाव… मजाक बना दिया हेमन्त और कलहंस की जुगुलबंदी ने पत्रकरिता को… अभी दस दिन पहले ही हेमन्त तिवारी और सिद्धार्थ कलहंस की साजिशों से ऊबे पत्रकारोें ने अवैध कार्यकारिणी की जगह नयी कमेटी के चुनाव के लिए चुनाव-कार्यक्रम का ऐलान कर दिया था। इस कार्यक्रम के तहत पिछले22 तारीख तक 60 से ज्यादा लोगों ने अपना नामांकन दर्ज कराया था जो अब तक का एक रिकार्ड है। इसके तहत सितम्बर की छह तारीख को नयी कमेटी के लिए मतदान शुरू होगा और उसी दिन चुनाव परिणामों की घोषणा कर दी जाएगी।
यूपी मान्यताप्राप्त पत्रकार समिति : तीन बरसों से कुंडली मारे बैठे हैं, विरोध हुआ तो भड़क गये हेमंत और कलहंस
न करेंगे और न किसी को करने देंगे, विधानभवन के प्रेस-रूम में पुरानी समिति की करतूतों पर पत्रकारों का आक्रोश, उप्र अगले महीने संपन्न होंगे उप्र मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के चुनाव
सब जानते हैं कलहंस का असली धंधा क्या है, उस कुमार सौवीर से तो बाद में निपट लूंगा : हेमंत तिवारी
: जो मनमर्जी और गुण्डागर्दी का कड़ा विरोध करे, वही सबसे बड़ा गुण्डा : मान्यताप्राप्त पत्रकार समिति में गुण्डागर्दी पर हेमन्त तिवारी की नई व्याख्या : 25 तक कोई फैसला नहीं हुआ तो 27 को होगी फैसलाकुन बैठक :
लखनऊ : हम आपको बताये दे रहे हैं वह फोन वार्ता का लब्बोलुआब, जो शरत प्रधान और हेमन्त तिवारी के बीच हुई थी। बातचीत का मकसद था उप्र मान्यताप्राप्त पत्रकार समिति का बरसों से लटका चुनाव और उस पर कुण्डली पर बैठे तथाकथित और खुद को दिग्गज कहलाते नहीं थकते पत्रकार। परसों शाम मुख्यमंत्री कार्यालय एनेक्सी वाले मीडिया सेंटर में शरत प्रधान ने वहां मौजूद पत्रकारों को उस बातचीत का मोटी-मोटा ब्योरा सुनाया।
के. विक्रम राव, हेमन्त तिवारी और सिद्धार्थ कलहंस जैसों को दूर रखना अन्यथा पूरा मिशन तबाह कर देंगे
Kumar Sauvir : अखिलेश जी। मुझे अपनी मौत का मुआवजा एक कराेड़ से कम मंजूर नहीं… अपने मुआवजा सेटलमेंट के बंटवारे का पूरा प्लान तय कर लिया है मैंने… पत्रकार-समिति के लोगों, 10-20 पेटी अलग ले लेना, पर मेरे हिसाब से नहीं… मैंने कर रखा है एक करोड़ मुआवजा के एक-एक पैसा का हिसाब प्लान… मेरी चमड़ी खिंचवाना व उसमें भूसा भरके मेरी प्रतिमा स्थापित कराना मित्रों…
मीडिया ने मेरे खिलाफ खूब खबरें छापी पर मैंने इसे अपनी सहज आलोचना माना : मुलायम सिंह यादव
लखनऊ : बदलते दौर में सोशल मीडिया की प्रासंगिकता बढ़ रही है। आज के दौर में इसे नजरअंदाज कर न तो राजनीति संभव है और न ही सरकार चलाना। पूर्व रक्षा मंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने यह विचार इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्लूजे) की ओर से ‘सोशल मीडिया-वरदान या अभिशाप’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय परिसंवाद में व्यक्त किए। राजनीति के शुरुआती दिनों को याद करते हुए श्री यादव ने कहा कि कई बार कहा कि मीडिया ने उनके खिलाफ खबरें छापी पर उन्होंने इसे अपनी सहज आलोचना के रूप में ही लिया।