सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी से मिले आकाशवाणी के कैज़ुअल एनाउंसर

आल इंडिया रेडियो कैज़ुअल अनाउन्सर एंड कंपेयर यूनियन रजिस्टर्ड और आल इंडिया रेडियो ब्रॉडकास्टिंग प्रॉफेशनल एसोसिएशन रजिस्टर्ड का एक प्रतिनिधि मंडल माननीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी से यूनियन महासचिव डॉ शबनम खानम और शरद तिवारी के नेतृत्व और शिमला के सांसद वीरेंद्र कश्यप के संरक्षण में मिला। प्रतिनिधि मंडल में उपरोक्त के अलावा अर्चना गोयल, संजीव अग्निहोत्री और मनोज सिंह शामिल थे। मंत्री ने कैजुअल कर्मियों की सभी समस्याओं का सिरे से निवारण करने का आश्वासन दिया है। इस कार्य हेतु वे देश के हर केंद्र के प्रतिनिधियों की दिल्ली में मीटिंग लेंगी, जिसमें देश भर के केजुअल कर्मियों की समस्याओं का निवारण किया जाएगा।

अमित शाह की संपत्ति और स्मृति इरानी की डिग्री वाली खबरें टीओआई और डीएनए से गायब!

Priyabhanshu Ranjan : स्मृति ईरानी भी कमाल हैं। 2004 के लोकसभा चुनाव के वक्त अपने हलफनामे में अपनी शैक्षणिक योग्यता B.A बताती हैं। 2017 के राज्यसभा चुनाव में अपने हलफनामे में खुद को B. Com. Part 1 बताती हैं। 2011 के राज्यसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने खुद को B. Com. Part 1 ही बताया था। बड़ी हैरानी की बात है कि 2004 में खुद को B.A बताने वाली स्मृति जी 2011, 2014 और 2017 में खुद को B. Com. Part 1 बताती हैं।

दिलीप मंडल ने लंबे समय तक ज्योतिष यानी भविष्यफल का कॉलम लिखा है!

Dilip Mandal : सॉरी…. क्या यह जानकर आपके दिल को चोट पहुँचेगी कि मैंने लंबे समय तक ज्योतिष यानी भविष्यफल का कॉलम लिखा है। दुनिया में चूंकि 12 राशियाँ, यानी 12 तरह के ही लोग होते हैं, इसलिए, भविष्यवाणी करना मुश्किल नहीं है। 12 तरह के लोगों के लिए 12×3 यानी 36 अच्छे बुरे वाक्य बना लीजिए। इसके लगभग असंख्य कॉम्बिनेशन बनते हैं। इन्हें 12 राशियों पर फेंटते रहिए। आप ज़िंदगी भर इन 36 सेंटेंस से ज्योतिष का धंधा कर सकते हैं। आज ही करके देखिए।

संस्कृत एक मर चुकी भाषा है… ब्राह्मणों ने सैकड़ों बरसों में बड़े जतन से इसकी हत्या की है…

Navin Kumar : संस्कृत एक मर चुकी भाषा है। ब्राह्मणों ने सैकड़ों बरसों में बड़े जतन से इसकी हत्या की है। अब इसे ज़िंदा नहीं किया जा सकता। सिर्फ संस्कृत के दम पर मूर्ख ब्राह्मण सदियों बाकी दुनिया से अपनी चरण वंदना करवाते रहे हैं। जब बाकियों ने इसे खारिज कर दिया तो दर्द से बिलबिला उठे हैं, क्योंकि अब वो अपनी मक्कारियों को सिर्फ एक भाषा के दम पर ढक नहीं पा रहे हैं। अब गया वो जमाना जब वेद सुन लेने पर बिरहमन दलितों के कान में शीशा पिघलाकर डाल देते थे। टीक और टीकाधारी पूजापाठियों का ज़माना लद चुका है। अपनी जाहिली पर रोना-धोना बंद कीजिए। इसे बच्चों पर जबरन थोपना एक ऐसा अपराध है जिसे वो बड़े होने के बाद हरगिज माफ नहीं करेंगे। स्मृति ईरानी जनता की गाढ़ी कमाई पंडितों को खुश करने में लुटा रही हैं।

मोदी की बनारस यात्रा : स्मृति ईरानी से मात खाकर हर्षवर्धन को औकात बोध हो गया!

Sheetal P Singh : प्रधानमंत्री की आज होने वाली बनारस यात्रा से “ट्रामा सेन्टर” के शिलान्यास कार्यक्रम को रद्द कराने में मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी कामयाब हो गईं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन अपनी सारी कोशिशों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मनाने में नाकामयाब साबित हुए। उन्होंने पिछले कार्यक्रम (जो टल गया था, अब हो रहा है) में इसे सबसे प्रमुख कार्यक्रम तय कराया था। क़रीब २०० करोड़ की लागत से बीएचयू में बना ट्रामा सेंटर पिछले डेढ़ साल से उद्घाटक की प्रतीक्षा कर रहा है।