दैनिक जागरण के नोएडा कार्यालय पर श्रम पर्यवेक्षकों का छापा, टीम को बैरंग लौटाया

नोएडा : कुछ न्‍यूज पेपर इंप्‍लाइज यूनियनों के उपश्रमायुक्‍त से अनुरोध पर श्रम पर्यवेक्षकों के चार सदस्‍यीय दल ने नोएडा के सेक्‍टर-63 स्थित दैनिक जागरण कार्यालय पर छापा मारा, लेकिन जागरण प्रबंधन के दबाव में छापा टीम को बैरंग लौटना पड़ा।

 

दैनिक जागरण के बंदरों से हमारी कोई दुश्‍मनी नहीं

अब संजय गुप्‍ता के बंदरों पर तरस आने लगा है। क्‍योंकि उनकी क्षुद्रता मौलिक नहीं, आरोपित लगने लगी है। ठीक वैसे, जैसे सूर्य के प्रकाश से चंद्रमा प्रकाशित होता है। ये मूल रूप से दुष्‍ट नहीं हैं। मालिकों ने अपनी दुष्‍टता इन पर आरोपित की है। ये दुष्‍टता की पौध नहीं हैं। ये दुष्‍टता के बीज भी नहीं हैं। ये तो भूमि हैं। लावारिस भूमि। जो मालिकों के हाथ लग गई है। मालिकों को पौध की नहीं, बीज की नहीं अलबत्‍ता भूमि की तलाश होती है। ये हर शहर, नगर और गांव में सिर्फ भूमि तलाशते रहते हैं। भूमि अधिग्रहण विधेयक मालिकों की खुराफात का ही एक परिणाम है। जिसके कुचक्र में फंस गए हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। और नष्‍ट होने लगा है उनका आभामंडल। ये मालिक लोग प्रधानमंत्री से किसानों की भूमि ले लेंगे और छीन लेंगे प्रधानमंत्री की भूमि, जिसे उन्‍होंने बड़ी मेहनत से तैयार की है। इसलिए प्रधानमंत्री पर भी तरस आता है, जो बिक गया है बनियों के हाथ।

दैनिक जागरण ने लिखा – आइन्स्टीन ने की थी गुरुत्वाकर्षण की खोज !

अब तक हमने पढ़ा था कि गुरुत्वाकर्षण की खोज ‘न्यूटन’ ने की थी लेकिन 25-मार्च को दैनिक जागरण के आगरा संस्करण के माध्यम से पाठकों को जानकारी दी गयी कि “पेड़ के नीचे बैठे ‘आइन्स्टीन’ के सिर पर सेब गिरा तो गुरुत्वाकर्षण की खोज हुयी”|