क्या चैनलों के उदय के साथ पत्रकारिता के पराभव की शुरुआत हो चुकी है? देश का नंबर वन कहा जाने वाला चैनल आजतक भले ही देश भर में एक बेहतरीन न्यूज़ चैनल के रूप में जाना जाता हो, लेकिन इस ग्रुप से जुड़े लोग आए दिन इसकी छवि को धूमिल करने से बाज नहीं आते हैं. चैनल से जुड़े पत्रकार तमाम तरह के विवादों में आते ही रहते हैं, लेकिन इस बार मामला चैनल से जुड़े एक पत्रकार के मंत्री के चरणों में बैठ जाने का है.
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मुगलसराय लाठीचार्ज मामले में कमिश्नर ने गठित की जांच कमेटी
वाराणसी : मुगलसराय में पत्रकारों व व्यापारियों पर लाठीचार्ज का मामला प्रदेश के गृह सचिव व डीजीपी तक पहुंच गया। दोनों ही अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच का आदेश दिए हैं। अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि दोषी पाए जाने पर कोतवाल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ वाराणसी के कमिश्नर आरएम श्रीवास्तव ने आला अधिकारियों के निर्देश पर जांच टीम भी गठित कर दी। उन्होंने वाराणसी के मुख्य राजस्व अधिकारी (पीआरओ) कमलेश कुमार सिंह और एसपी सिटी सुधाकर यादव को यह जिम्मा सौंपा है। जांच टीम को चार दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है।
मुगलसराय में पत्रकारों पर लाठीचार्ज के विरोध में दैनिक जागरण एवं अमर उजाला भी हुए खड़े
चंदौली जिले के मुगलसराय में कोतवाल अनिरुद्ध सिंह द्वारा पत्रकारों तथा उनके बचाव में आए व्यापारियों पर लाठीजार्च के मामले ने तूल पकड़ लिया है. विवादित छवि के कोतवाल के निलंबन की मांग को लेकर जिले भर के पत्रकार संगठन अड़ गए हैं. मुगलसराय के कुछ टीवी स्ट्रिंगरों को छोड़कर पूरी मीडिया कोतवाल के खिलाफ खड़ी हो गई है. व्यापार मंडल, समाजिक संस्था समेत सभी दलों के लोगों ने कोतवाल के गुंडई की निंदा करते हुए उनके निलंबन की मांग की है.
मुगलसराय में पत्रकारों पर लाठीचार्ज की खबर क्यों नहीं चली चैनलों पर?
मुगलसराय में खबरिया चैनलों की हालत बहुत ही दयनीय है. इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकार अधिकारियों के दल्ले के रूप में काम करते हैं. खबरें वही चलती हैं, जिन्हें अधिकारी चलवाना चाहते हैं. इसलिए अधिकारी भी चैनलों के स्ट्रिंगरों के अर्दब में रहते हैं. जिले के गिने-चुने स्ट्रिंगरों के पास सारे चैनलों की आईडी रहती है, लिहाजा ये स्ट्रिंगर अपने हिसाब और लिहाज से खबरें चलवाते या रूकवाते हैं. मुगलसराय में प्रिंट मीडिया के पत्रकारों पर हुई लाठीचार्ज में भी इन्हीं स्ट्रिंगरों की भूमिका महत्वपूर्ण रही.
मुगलसराय में कोतवाल के खिलाफ धरनारत पत्रकारों पर लाठीचार्ज, कई घायल
यूपी की समाजवादी सरकार में पुलिस की पत्रकारों से गुंडागर्दी और हमले लगातार जारी हैं. पत्रकारों की आपसी गुटबाजी ऐसे तत्वों को पूरा प्रश्रय भी दे रही है. खबर चंदौली जिले की मुगलसराय कोतवाली की है. अतिक्रमण हटाने की आड़ में नए आए कोतवाल अनिरुद्ध सिंह ने एक पत्रकार को बुरी तरह पीटा. अन्य पत्रकार जब कोतवाल के इस कुकृत्य का विरोध करने सड़क पर बैठे तो पुलिस ने उनपर लाठियां बरसाईं. कई पत्रकार इस लाठीचार्ज में बुरी तरह घायल हुए हैं. दो पत्रकारों समेत कई लोगों को पुलिस पकड़कर कोतवाली ले गई.
पत्रकारों को धमकाते सीओ और कोतवाल