मोदी के राज में पत्रकारों की आवाज की जा रही बंद, फिर भी चाटुकार बजा रहे बीन

मोदी सरकार के राज में पत्रकारों के खिलाफ हिंसक घटनाएं बढ गई हैं। राज्य सरकारें भी पत्रकारों पर अंकुश लगाने के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार हैं। हों भी क्यों न केंद्र में अपनी सरकार और राज्य तो अपना है ही। ताजा उदाहरण बीजेपी शासित राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ में देखने को मिल रहा है। लेकिन कुछ चाटुकार पत्रकार इसका विरोध करने के बजाए अभी भी मोदी धुन की बीन बजा रहे हैं। सच्ची पत्रकारिता के खिलाफ रहने वाले पत्रकारों की वाट लग रही है और चाटुकारिता करने वाले पत्रकारों को सम्मान दिया जा रहा है। ऐसे ही कुछ पत्रकारों के कारण मीडिया की छवि दिन ब दिन गिरती जा रही है।

क्या हिंदी पत्रकारों के मुद्दे पर प्रेस क्लब में कम भीड़ आती है?

पत्रकार विनोद वर्मा की फर्जी आरोपों में गिरफ्तारी के मामले में प्रेस क्लब आफ इंडिया में बुलाई गई बैठक में एक सवाल यह उठा कि क्या हिंदी पत्रकारों के मुद्दे पर होने वाली प्रतिरोध सभाओ में अंग्रेजी के पत्रकार नहीं आते हैं? देखें-सुनें वीडियो : इसे भी देख सकते हैं>>

मोदी पर मिमिक्री दिखाने में क्यों फटती है टीवी चैनलों की?

वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्त ने प्रेस क्लब आफ इंडिया में पत्रकार विनोद वर्मा की छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा की गई अवैधानिक गिरफ्तारी के खिलाफ बोलते हुए खुलासा किया कि टीवी चैनलों पर मोदी की मिमिक्री दिखाने पर पाबंदी है. इस वीडियो को सुनिए विस्तार से, जानिए पूरा प्रकरण क्या है… इसे भी देख सकते हैं>>