तुम्हें विदा करते हुए बहुत उदास हूँ सुनील…

हमारे सहकर्मी, हमारे स्वजन अमर उजाला हल्द्वानी के संपादक सुनील साह नहीं रहे.  राजीव लोचन साह, हमारे राजीव दाज्यू के फेसबुक वाल पर अभी-अभी लगा है वह समाचार, जिसकी आशंका से हमारे वीरेनदा कल फोन पर आंसुओं से सराबोर आवाज में कह रहे थे- ”सुनील वेंटीलेशन पर है और कल डाक्टरों ने जवाब दे दिया है।” सुनील साह नैनीताल से जुड़े हैं और बरसों से हल्द्वानी में हैं। पिछले जाड़ों में हम सुनील साह, हरुआ दाढ़ी, चंद्रशेखर करगेती और हमारे गुरुजी ताराचंद्र त्रिपाठी से मिलने नैनीताल से हल्द्वानी निकलने वाले ही थे कि पद्दो का घर से अर्जेंट फोन आ गया और हम हल्द्वानी बिना रुके बसंतीपुर पहुंच गये।

सुनील शाह और अमर उजाला : दोनों मेड फॉर ईच अदर थे…

यकीन नहीं हो रहा है कि सुनील शाह नहीं रहे। मैं 20 से 24 अप्रैल तक दिल्ली में नहीं था। लौटकर आया तो पता चला कि जनसत्ता में मित्र रहे सुनील शाह जो इस समय अमर उजाला, हलद्वानी में संपादक थे – एक कार दुर्घटना में घायल हो गए हैं और बेहतर इलाज के लिए दिल्ली लाया गया। फोन पर उनकी पत्नी से बात हुई तो पता चला वे सर गंगा राम हॉस्पीटल में दाखिल हैं। अस्पताल जाकर पता चला कि हलद्वानी में कार दुर्घटना बहुत मामूली थी और उनकी कलाई की हड्डी टूट गई थी। इसके लिए ऑपरेशन कर कलाई में प्लेट लगाई गई थी जो कोई खास चोट नहीं कही जाएगी।

सुनील शाह और संजय कुमार सिंह : पुराने दिनों की याद दिलाती एक तस्वीर

अमर उजाला हल्द्वानी के संपादक सुनील शाह का दिल्ली में निधन

अमर उजाला हल्द्वानी (उत्तरांचल) के संपादक सुनील शाह अब इस दुनिया में नहीं रहे। वह 59 वर्ष के थे। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में बीती रात 3:10 बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ा। डाक्टरों ने प्रयास कर उनकी धडकन वापस लाई। 3:45 बजे फिर दौरा पड़ा और धड़कन वापस नहीं आई। 3:50 बजे उनका निधन हो गया।