मिस्टर ट्रम्प! पत्रकारिता के नियम हमारे हैं, आपके नहीं

अमेरिका फर्स्ट क्यों है… क्यों वह दुनिया का चौधरी कहलाता है और आर्थिक सम्पन्नता के मामले में भी अमेरिका तमाम मंदी के बावजूद सर्वोच्च क्यों बना हुआ है..? इन सवालों के जवाब ट्रम्पकाल की शुरुआत में ही बड़ी आसानी से खोजे जा सकते हैं… लोकतंत्र की खूबसूरती दमदार विपक्ष के रूप में ही देखने को मिलती है और अमेरिकी समाज ने बता दिया कि वह तंग दिल नहीं, बल्कि खुली सोच का हिमायती है… अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रम्प  ने अपनी शपथ में मेक इन अमेरिका के नारे के साथ बाय अमेरिकन-हायर अमेरिकन की बात कही है… उनके शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार जहां 60 डेमोक्रेटिक सांसदों ने किया तो जाने-माने हॉलीवुड अभिनेता रॉबर्ट डी नीरो  ने भी खुलेआम खिलाफत की…

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के स्टेट ऑफ़ द यूनियन के अंतिम भाषण से संकटग्रस्त पूंजीवाद का चीत्कार सुनाई दे रहा!

Arun Maheshwari : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का स्टेट ऑफ़ द यूनियन का अंतिम भाषण सुना। अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित अट्ठावन मिनट का यह भाषण ओबामा के ख़ास प्रकार के आवेग, ओज और आकर्षक वाग्मिता के साथ ही कई मायनों में विचारोत्तेजक और पूरी दुनिया के मौजूदा परिदृश्य और उसमें अमेरिका की एक नेतृत्वकारी और निर्णायक भूमिका के बारे एक समग्र दृष्टिकोण को पेश करने वाला भाषण था। इस पर अलग से धीरज के साथ लिखने की ज़रूरत है।

यूपी सीएम अखिलेश ने महज मौजमस्ती के लिए सरकारी पैसे पर विदेश टूर किया!

सरकारी खर्चों पर किए गये विदेश दौरों के बाद उन दौरों के दौरान सीखी गयी बातों को लेकर रिपोर्ट तैयार करना और उस पर अमल करना एक सामान्य प्रक्रिया है परंतु यूपी सीएम के सरकारी विदेश दौरे इस सामान्य प्रक्रिया से छूट प्राप्त श्रेणी में आते हैं. यह खुलासा लखनऊ निवासी सामाजिक कार्यकर्ता और इंजीनियर संजय शर्मा की एक आरटीआई से हुआ है। दरअसल, संजय की आरटीआई के जवाब में उत्तर प्रदेश के गोपन विभाग के विशेष सचिव एवं जन सूचना अधिकारी कृष्ण गोपाल ओर से जो उत्तर मिला है, उसने अखिलेश के विदेश दौरों की पोल खोल दी है.

न्यूज़ चैनलों द्वारा मोदी की अमरीका यात्रा की कवरेज चारण-भाट क़िस्म की थी

अति हर चीज़ की बुरी होती है। फिर चाहे वो किसी का मण्डन ही क्यों न हो। मोदी के अमरीका की धरती पर चरण रखने से पहले ही भारतीय न्यूज़ चैनलों के पत्रकार वहां पहुंच चुके थे। और फिर शुरू हुआ मोदी का गुणगान। पूरे हफ्ते चली इस सांस रोक देने वाली कवरेज ने मोदी के बारे में हमें इतना बता दिया है कि अब कल्पना के लिए कुछ भी शेष नहीं है।

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मोदी की मुलाकातों की तस्वीरों में भारत के एक खौफनाक भविष्य की तस्वीरें देख रहा हूं

Kanwal Bharti : अमेरिका में कारपोरेट और उनके सीईओस के साथ मोदी की मुलाकातों की तस्वीरों में मैं भारत के एक खौफनाक भविष्य की तस्वीरें देख रहा हूँ. उनमें मजदूरों के शोषण और उत्पीड़न के खतरनाक दृश्य देख रहा हूँ. गरीबी और भुखमरी से ग्रस्त लोगों के फांसी पर झूलते शरीर और उनके कंकाल देख रहा हूँ.

मेरी अमेरिका यात्रा (3): अमेरिकी बाज़ार पर सबसे ज्यादा छाप आपको चीन की मिलेगी

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यह नज़ारा सेन फ्रांसिस्को के लोम्बार्ड स्ट्रीट का है. यह कोई पार्क नहीं बल्कि एक कॉलोनी है जिस पर लोगों के घर बने हुए हैं. कितने भाग्यशाली हैं ये लोग जिनका घर ऐसी जगह पर है. हालांकि कितनी मेहनत की होगी अमेरिका ने खुद को यहां तक पहुंचाने में और क्या योगदान दिया होगा उन लोगों ने जिनका यहां घर है, विकीपीडिया के अनुसार लोम्बार्ड स्ट्रीट सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया में एक पूर्व पश्चिम सड़क है, जो खड़ी ऊंचाई के एक ब्लॉक के लिए प्रसिद्ध है इसमें आठ तीव्र घुमावदार मोड़ हैं. इस सड़क का नाम सैन फ्रांसिस्को सर्वेक्षक जैस्पर ओ फर्रैल ने फिलाडेल्फिया की लोम्बार्ड स्ट्रीट के नाम पर रखा था. कई फिल्मकारों ने अपनी फिल्म में इस सड़क को बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल किया है.