अलग-अलग चाहर दिवारियों से समय-समय पर झर-झर के बाहर आये बयान जिन्हें पाठकों की सुविधा के लिए, सिलसिलेवार नीचे परोसा गया हैं, तो यही संकेत दे रहे हैं कि “टीपू“ से “टीपू सुलतान“ बनने के अखिलेश (घर परिवार में टीपू) के मंसूबों पर पूरी तरह पानी फिर गया है।
Tag: cm up
यूपी में जंगलराज : फिर निर्भया कांड, जननांग पर घाव, जलाने के निशान, बोरे में शव, फिर केस दब जाएगा!
Kumar Sauvir : बीती शाम लखनऊ की एक बेटी फिर कुछ हैवानों की शिकार बन गयी। अलीगंज के बीचोंबीच सेंट्रल स्कूल के पीछे बोरे में दो दिन पुरानी उसकी लाश जब बरामद हुई तो लोग गश खाकर गिर पड़े। उम्र रही होगी करीब 25 साल, कपड़े बुरी तरह फटे हुए। हाथ और पैर तार से बंधे थे। इस बच्ची को जलाया गया था। इतना ही नही, इसके जननांग पर दरिन्दों ने बहुत बड़ा घाव बना दिया था। एक मनोविज्ञानी से बातचीत हुई तो उन्होंने बताया कि ऐसी दरिन्दगी नव-धनाढ्य और इसके बल पर पाशविक ताकत हासिल किये लोगों की ही करतूत होती है। सत्ता का नशा भी सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारक तत्व बनता है। तो फिर कौन हैं वह लोग ? शायद एडीजी पुलिस (महिला सुरक्षा) सुतापा सान्याल को पूरी छानबीन के बाद इस बारे में पता चल जाए। इसके एक दिन पहले भी तेलीबाग में भी इसी तरह की एक लाश बरामद हुई थी। क्या वाकई लखनऊ की आबोहवा बेटियों के खिलाफ हो चुकी है? अगर ऐसा है तो हम सब के लिए यह शर्म, भय, निराश्रय, असंतोष के साथ ही साथ चुल्लू भर पानी में डूब जाने की बात है। बेशर्म हम।
यूपी सीएम अखिलेश ने महज मौजमस्ती के लिए सरकारी पैसे पर विदेश टूर किया!
सरकारी खर्चों पर किए गये विदेश दौरों के बाद उन दौरों के दौरान सीखी गयी बातों को लेकर रिपोर्ट तैयार करना और उस पर अमल करना एक सामान्य प्रक्रिया है परंतु यूपी सीएम के सरकारी विदेश दौरे इस सामान्य प्रक्रिया से छूट प्राप्त श्रेणी में आते हैं. यह खुलासा लखनऊ निवासी सामाजिक कार्यकर्ता और इंजीनियर संजय शर्मा की एक आरटीआई से हुआ है। दरअसल, संजय की आरटीआई के जवाब में उत्तर प्रदेश के गोपन विभाग के विशेष सचिव एवं जन सूचना अधिकारी कृष्ण गोपाल ओर से जो उत्तर मिला है, उसने अखिलेश के विदेश दौरों की पोल खोल दी है.
‘पीके’ डाउनलोड कर देखने पर सीएम अखिलेश यादव के कार्यालय ने दी सफाई
लखनऊ : आमिर खान अभिनीत फिल्म ‘पीके’ को कम्प्यूटर पर ‘डाउनलोड’ करके देखे जाने को लेकर उठे विवाद के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यालय ने आज इस पर सफाई देते हुए अपने कदम को जायज ठहराया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस मामले में ट्विटर पर आधिकारिक बयान पोस्ट किया है, जिसमें कहा गया है कि अखिलेश ने फिल्में डाउनलोड करके देखने की सेवा देने वाले ‘क्लब एक्स मीडिया सर्वर’ की सदस्यता ले रखी है और उन्होंने लाइसेंस लेकर इस सेवा का उपयोग कर ‘पीके’ फिल्म देखी है। ऐसे में उन पर फिल्म के ‘पाइरेटेड’ स्वरूप को देखने के लगाये जा रहे इल्जाम निराधार हैं।
अखिलेश यादव हैकर! : ‘पीके’ फिल्म डाउनलोड कर देखने पर थाने में दी गई तहरीर
यूपी के सीएम अखिलेश यादव ही जब खुद कानून तोड़ने लगे तो प्रदेश में भला कानून का राज कैसे कायम हो सकता है. यही कारण है कि यूपी में जंलराज की स्थितियां सदा बनी रहती हैं. गरीब-गुरबों का बुरा हाल रहता है. ताजी सूचना अखिलेश यादव से जुड़ी है. उन्होंने फिल्म पीके सिनेमा हॉल में जाकर देखने की बजाय इसे अवैध तरीके से इंटरनेट से डाउनलोड कर देखा. फिल्म ‘पीके’ को इंटरनेट से डाउनलोड करके देखने का मामला ‘पायरेसी’ का होता है. इसको लेकर लखनऊ के सोशल और आरटीआई एक्टिविस्ट संजय शर्मा ने विभिन्न जगहों पर शिकायत की है और अखिलेश यादव के खिलाफ एफआईआर लिखाने के लिए लखनऊ के थाना हजरतगंज में तहरीर दी है.
2017 का विधानसभा चुनाव जातिवादी राजनीति के सहारे नहीं जीता जा सकेगा, अखिलेश यादव को अहसास हो गया
अजय कुमार, लखनऊ
एक वर्ष और बीत गया। समाजवादी सरकार ने करीब पौने तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है। 2014 सपा को काफी गहरे जख्म दे गया। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार ने धरती पुत्र मुलायम को हिला कर रख दिया। पार्टी पर अस्तित्व का संकट मंडराने लगा है। अगर जल्द अखिलेश सरकार ने अपना खोया हुआ विश्वास हासिल नहीं किया तो 2017 की लड़ाई उसके लिये मुश्किल हो सकती है। अखिलेश के पास समय काफी कम है। भले ही लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के पश्चात समाजवादी सरकार ने अपनी नीति बदली ली है, लेकिन संगठन वाले उन्हें अभी भी पूरी आजादी के साथ काम नहीं करने दे रहे हैं। सीएम अखिलेश यादव अब मोदी की तरह विकास की बात करने लगे हैं लेकिन पार्टी में यह बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। मुलायम अभी भी पुराने ढर्रे पर ही चल रहे हैं। निश्चित ही 2015 खत्म होते ही तमाम दलों के नेता चुनावी मोड में आ जायेंगे। भाजपा तो वैसे ही 2017 के विधान सभा चुनावों को लेकर काफी अधीर है, बसपा और कांग्रेस भी उम्मीद है कि समय के साफ रफ्तार पकड़ लेगी। फिलहाल तो यही कहा जा सकता है कि कांग्रेस ही नहीं सपा-बसपा भी 2014 में अर्श से फर्श पर आ गये।
यूपी में जंगलराज : मंत्री के बेटे ने कब्जायी तहसील की सरकारी जमीन, वकील गुस्से में
वीवीआईपी कहे जाने वाले अमेठी जिले में तहसील की सरकारी जमीन पर कब्ज़ा किये जाने का एक मामला प्रकाश में आया है. कब्ज़ा कोई और नहीं कर रहा बल्कि सरकार के एक कैबिनेट मंत्री के बेटे द्वारा किया जा रहा है. एक ओर जहाँ सूबे की सपा सरकार सूबे में नई नई योजनाये लाकर उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की कोशिश में जुटी है वहीं मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले एक कैबिनेट मंत्री ही खुद सरकार की इज्जत में बट्टा लगा रहे हैं. कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के बेटे पर बैनामे के कागजात में हेराफेरी करने व स्टाम्प चोरी करने के साथ ही तहसील की खाली पड़ी जमीन पर जबरन कब्ज़ा कर निर्माण करने का आरोप है.
यूपी में जंगलराज, यूपी में ‘चोरों’ की सरकार : अब आईपीएस भी सुरक्षित नहीं, अमिताभ ठाकुर के घर भीषण चोरी
उत्तर प्रदेश में जंगलराज का आलम ये हो गया है कि अब जनता तो जनता, अफसर तक सुरक्षित नहीं हैं. वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर आज सुबह जब गाजियाबाद से लखनऊ लौटे तो पता चला कि उनके घर में भीषण चोरी हो चुकी है. गोमती नगर स्थित उनके घर में चोरी की ये घटना कोई सामान्य नहीं है. जहां पर अमिताभ ठाकुर का घर है, वहां ढेर सारे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का घर है. मतलब वीआईपी इलाका है. इस इलाके में घुसने और चोरी करने की हिम्मत कोई सामान्य चोर कर ही नहीं सकता.
IPS officer Amitabh Thakur
यूपी में जंगलराज : मंत्री के रिश्तेदार की खबर छापने पर पत्रकार की पिटाई, एफआईआर लिखने से इंकार
तहसील सिकन्दरपुर, बलिया के पत्रकार संजीव कुमार सिंह को कबीना मंत्री रामगोविन्द चैधरी के चचेरे भाई रामबचन यादव और उसके ड्राईबर धर्मेन्द्र के बारे में खबर छापने की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. संजीव ने दुर्गा पुजा के दिन धर्मेन्द्र द्वारा सिकंदरपुर कस्बे में कथित छेड़छाड़ करने पर लोगों द्वारा की गयी पिटाई के बाद पुलिस द्वारा एकतरफा कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में खबर लिखी थी. इस पर 08 अक्टूबर को रात करीब 07.30 बजे धर्मेन्द्र, छोटक सिंह तथा अन्य लोगों ने समाचार छपने के लिए संजीव को भला-बुरा कहा और लात-घूंसे से मारा.