पत्रकार ने खोला ‘नून रोटी ढाबा’, रोजाना दस हजार रुपये कमा रहे!

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से 5 लाख रुपए लेकर शुरू किया कारोबार, सारे मीडियाकर्मियों को लेनी चाहिए प्रेरणा, एक दोपहर अपन ने भी शानदार भोजन का मुफ्त में उठाया लुत्फ… मीडियाकर्मियों के लिए गाजीपुर के एक पत्रकार ने नजीर कायम किया है. इस पत्रकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत बैंक से 5 लाख रुपए लेकर …

काक्रोच क्लब आफ इंडिया में तब्दील हो गया पीसीआई! (देखें वीडियो)

प्रेस क्लब आफ इंडिया को अगर काक्रोच क्लब आफ इंडिया भी कह लें तो कोई बुरा न मानेगा क्योंकि एक तो वैसे ही होली नजदीक है और दूजे प्रेस क्लब की टेबल पर सरेआम काक्रोच घूमते टहलते और आपके खाने में मुंह मारते मिल जाएंगे. सबकी दुर्व्यवस्था की खोज खबर रखने वाले पत्रकारों के अपने ही क्लब का क्या हाल है, इसे देखने लिखने वाला कोई नहीं.

बंगाली माछ-भात के इतने प्रेमी क्यों होते हैं?

Daya Sagar : अक्सर सोचता था बंगाली माछ-भात के इतने प्रेमी क्यों होते हैं। तराई इलाका होने के कारण यहां धान की बहार है। जिससे सदियों से इनका जीवन चावल पर आश्रित है। और मछली के लिए यहां गंगा का मीठा पानी है। गंगा यहां हुगली में बदल जाती है और उत्तराखंड के गंगोत्री से निकलने भागीरथी बंगाल की खाड़ी में कहीं खो जाती है। हुगली में इतनी मछली होती है जो साल भर पूरे पश्चिम बंगाल को तृप्त कर सकती है।