उज्जैन सिंहस्थ घोटाला : ऐसे-ऐसे कारनामे कि आप दातों तले उंगली दबा लेंगे

भोपाल : विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होते ही विपक्ष ने मप्र में हुए सिंहस्थ घोटाले की डीटेल्स जारी की हैं। कांग्रेस ने दावा किया है कि कुल 5000 करोड़ के सिंहस्थ आयोजन में करीब 3000 करोड़ का घोटाला किया गया है। 10 रुपए में बिकने वाली चीज को 20 रुपए में किराए पर लिया गया। हर चीज के नाम तीन गुने तक चुकाए गए। दागी अफसरों की पोस्टिंग की गई और विज्ञापन के नाम पर 600 करोड़ का घोटाला किया गया। अमेरिका में जहां से सिंहस्थ स्नान के लिए एक भी एनआरआई नहीं आया, 180 करोड़ का विज्ञापन किया गया।  इतने पैसे में तो भारतीय मूल के अमेरिकियों को फ्री हवाईयात्रा करवाकर सिंहस्थ दर्शन कराया जा सकता था। पढ़िए इनवेस्टीगेशन रिपोर्ट जो मीडिया के सामने सार्वजनिक की गई है :

‘शिव’ राज में जीरो TRP वाले चैनल्स की भी मौज

भोपाल : मध्य प्रदेश में इन दिनों बड़ा चैनल घोटाला चर्चा में है जिसकी अंतर्कथा व्यापम से जोड़कर देखी जा रही है। खबर यह है की वर्ष 2012 से उन  चैनलस पर मेहरबानी की जो अधिकांश जीरो टीआरपी वाले चैनल्स हैं या बंद पड़ी हैं जबकि बड़ी चैनल्स अपने प्राइम टाइम के समाचारों के विज्ञापन के लिए  तरस रहीं हैं यहाँ तक की प्रधानमंत्री मोदी की पसंद दूरदर्शन को छ अंकों की राशि में भी शामिल नहीं किया गया है, कुल १०० करोड़ के इस घोटाले में उन चैनल मालिकों की पौ बारह हो गयी है जो या तो जेल में बंद हैं या उन पर आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं|

एमपी में तीन सौ करोड़ के विज्ञापन घोटाले में आईएएस समेत कई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी

भोपाल. 300 करोड़ के विज्ञापन घोटाला एवं एक ही परिवार के कई सदस्यों को करोड़ो रुपये देकर शासन को आर्थिक हानि पहुंचाने पर जनसंपर्क आयुक्त अनुपम राजन, सीएम के सेकेट्री एसके मिश्रा और दो अन्य के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 120बी की एफआईआर दर्ज करने का परिवाद सीजेएम कोर्ट में एडवोकेट यावर खान ने विनय डेविड की ओर से पेश किया. कोर्ट ने बयान के लिए 02 /03 / 16 पेशी नियत की है. मध्यप्रदेश का जनसम्पर्क विभाग पत्रकारिता के नाम पर भाई-भतीजावाद, कमीशन आधारित विज्ञापनवाद, चहेतों को आर्थिक लाभ पहुंचाने तथा एक ही परिवार के कई सदस्यों को मीडिया अथवा पत्रकारिता के नाम पर विज्ञापन देने के लिए कुख्यात है.

व्यापमं से भी बड़ा घोटाला!

लीजिए साहब व्यापमं से भी बड़ा घोटाला. बस थोड़ा इंतजार कीजिए इस सड़ांध में इतनी गंदगी मिलेगी की सांस लेना मुश्किल हो जाएगा. खबर पढ़िए व नीचे लिंक देखिए. प्रदेश अभी व्यापम और पीएससी घोटालों के झटकों से उबर भी नहीं पाया था कि उसकी प्रतिष्ठा को एक और झटका लगा है। सांची में खुल रहा नया बौद्ध विश्वविद्यालय औपचारिक शुरुआत के पहले ही गंभीर विवादों में उलझ गया है। विश्वविद्यालय के गैर अकादमिक पदों के लिए हुई नियुक्तियों के जो नतीजे सोमवार एक दिसंबर को घोषित किए गए हैं,  उनमें गंभीर अनियमितताओं की बात सामने आई है।