यात्रा-वृत्तांत : कैलाश-मानसरोवर, जहाँ पर वैचारिक उथल-पुथल का ज्वार शांत

आधुनिकीकरण के इस दौर में वर्तमान समय तथ्य – आधारित है परंतु यह भी सत्य है कि आस्था और तथ्य दो अलग – अलग बातें हैं. विज्ञान की भाषा में प्रकृति का आधार ऊर्जा है तो आस्था का आधार भाव है. आस्था की धुरी का केन्द्रबिन्दु इस भाव पर टिका है कि प्रकृति में एक सर्वशक्तिमान शक्ति है जो प्रकृति की नियंता है, उसे ही भगवान की संज्ञा दी जाती है. भारतीय चिंतन के अनुसार व्यक्ति जिस भाव से भगवान के प्रति अपनी आस्था प्रकट करता है, उसी अनुरूप उसे भगवान का सान्निध्य मिलता है. 

घमंड में चूर बीजेपी महासचिव का शर्मनाक बयान, ‘पत्रकार-वत्रकार छोड़ो यार, अक्षय हमसे बड़ा पत्रकार था क्या!’

मध्यप्रदेश में पत्रकार अक्षय सिंह की रहस्यमय हालात में मौत संबंधी एक सवाल के जवाब में बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बेहूदगी भरा जवाब देते हुए कहा- ‘पत्रकार-वत्रकार छोड़ो यार। वो कोई हमसे भी बड़ा पत्रकार था क्या?’ इस हरकत भरी टिप्पणी पर इसलिए मीडिया में रोष है कि जिस समय विजयवर्गीय जब पत्रकार की मौत का मजाक बना रहे थे, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उनके साथ वहीं पर उपस्थित थे। बयान देने के बाद विजयवर्गीय पत्रकारों की हंसी उड़ाते हुए भी दिखे। जोर से ठहाका भी लगाया। 

ये है अंदर की राजनीति, शिवराज ने बंधवाया कैलाश का बोरिया-बिस्तर

अंतत: कैलाश विजयवर्गीय नई दिल्ली पहुंच ही गए और अब वे प्रदेश की बजाय राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय होंगे। कल शाम भाजपा आलाकमान ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव का महत्वपूर्ण जिम्मा सौंप दिया। पर्दे के पीछे का राजनीतिक सच यह भी है कि प्रदेश की राजनीति से कैलाश विजयवर्गीय को बाहर रखने के इच्छुक मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी थे। ताई और भाई का झगड़ा भी पुराना चलता रहा है, लिहाजा लोकसभा अध्यक्ष के रूप में ताकतवर हो चुकी श्रीमती सुमित्रा महाजन यानि ताई ने भी इस मामले में पर्दे के पीछे सक्रिय भूमिका निभाई। दिल्ली दरबार ने भी इस निर्णय से पहले मुख्यमंत्री से सलाह मशवरा करते हुए उन्हें पूरी तवज्जो भी दी। दिल्ली स्थित राजनीतिक सूत्रों का यह भी कहना है कि इंदौर और भोपाल से कैलाश विजयवर्गीय का बोरिया-बिस्तर बंधवाने में शिवराज की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही है।

मंत्री कैलाश चौरसिया मामला : डीजीसी ने अपील का विरोध क्यों नहीं किया?

लखनऊ : सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने मंत्री कैलाश चौरसिया के तीन साल की सजा के खिलाफ सत्र न्यायालय में दायर अपील में जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) फौजदारी द्वारा कोई भी विरोध नहीं करने के सम्बन्ध में जिला मजिस्ट्रेट, मिर्जापुर और प्रमुख सचिव न्याय को शिकायत भेजी है.

कैलाश चौरसिया को मंत्री पद से न हटाने पर याचिका दायर

लखनऊ : सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री कैलाश चौरसिया के तीन साल की सजा पाने के बाद कानूनन मंत्री नहीं रहने के कारण पद से हटाने की रिट याचिका दायर कर दी। याची के अधिवक्ता अशोक पाण्डेय हैं।