Mukund Mitr : दिल्ली क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा संपथ कुमार सुरप्पगारि। जग को ठगने के लिए ‘प्रयुक्ति’ नामक अखबार निकाला। पत्रकारों और गैर-पत्रकारों का करोड़ों रुपया मारा। पत्रकारिता की आड़ में लोगों को ठगा। खुद को कानून के ऊपर समझने लगा। मार्च में हैदराबाद पुलिस के हत्थे चढ़ा। अब दिल्ली पुलिस ने दबोचा है।
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प्रयुक्ति अखबार का मालिक संपथ कुमार तो महाठग निकला, पढ़िए इस फ्रॉड की गिरफ्तारी की कहानी
Mukund Mitr : संपथ कुमार गिरफ्तार… दिल्ली में पत्रकारों, प्रिंटर्स और अन्य का करोड़ों रुपये मार जाने वाला प्रयुक्ति का मालिक संपथ कुमार सूरप्पगारि आखिरकार आंध्र प्रदेश में चढ़ा पुलिस के हत्थे। यह व्यक्ति दिल्ली से प्रयुक्ति (हिंदी दैनिक अखबार निकालता है। यह पत्रकारों और प्रिंटर्स समेत तमाम लोगों का करीब 80 लाख रुपये मार …
अखबार मालिक का दिया चेक हुआ बाउंस, पढ़िए नाराज़ संपादक ने क्या कुछ लिखा…
Mukund Mitr : और वही हुआ… संपथ, आप मेरे आरोपी हो….. प्रयुक्ति अख़बार के मालिक संप थ कुमार सु रप्पागरि अब तो यह पक्का हो गया कि आप अब मेरे भी आरोपी हो। मेरे आरोप हैं–
अखबार मालिक ने अपने संपादक को जो चेक दिया है, वह बाउंस होगा या भुनेगा? आई परीक्षा की घड़ी!
Mukund Mitr : संपथ कुमार सूरप्पागारि आ गई तुम्हारी परीक्षा की घड़ी… प्रयुक्ति के मालिक संपथ कुमार अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक कल यानी 30 नवम्बर 2018 को आपके दिए गए चेक को बैंक में लगाने की तारीख है। विगत कई माह से वेतन हजम किए हो। इस वजह से मैं और मेरा परिवार मानसिक यंत्रणा …
अखबार मालिक के पत्र का सम्पादक ने यूं दिया जवाब
उलटा चोर कोतवाल को डांटे…. दोस्तो smpath ने मुझे आज यानी शनिवार शाम यह सन्देश भेजा है। अपनी आईडी से नहीं भेजा। डेली प्रयुक्ति से भेजा है। इस आई डी से यह मेरे साथ पहला संवाद है। इस आई डी को मैंने लगे हाथ ब्लॉक कर दिया है।
प्रयुक्ति अखबार के बागी संपादक मुकुंद को मालिक संपथ ने भिजवाया लंबा-चौड़ा पत्र, पढ़ें
Dear Mr Mukund, Its gentle reminder to you to withdraw baseless allegations about organisation & Management.
‘प्रयुक्ति’ अखबार का मालिक संम्पथ अपने कर्मियों और प्रिंटर का 60 लाख रुपये हजम कर गया!
Mukund Mitr सम्पथ कुमार सूरप्पगारि के झूठ दर झूठ… सम्पथ कुमार सूरप्पगारि याद आया कुछ… अपना कथन याद करो। नीयत में कचरा में है तो झोले में पत्थर। कर्मचारियों और प्रिंटर्स का मोटा पैसा करीब 60 लाख रुपये हजम कर गए हो। अनगिनत चेक बाउंस हो गए हैं। गरीब चपरासियों को खून के आंसू रुलाये …
‘प्रयुक्ति’ के संवेदनहीन मालिक संपथ की कुछ कहानियां पढ़िए
Mukund Mitr : प्रयुक्ति के संवेदनहीन संपथ की पढ़िए कहानियां… 1- सन्तोष कुमार पांडेय का किस्सा यह लड़का करोलबाग से नोएडा ऑफिस डी 33 सेक्टर 2 आने के बाद बतौर पियून भर्ती किया गया। इस गरीब लड़के का करीब 16 हज़ार रुपये बकाया है। इसने सम्पथ के कुत्ते की टट्टी तक उठाई है। इसने पैसा …
और अब बंद हो चुके ‘प्रयुक्ति’ अखबार के संपादक मुकुंद भी हुए बागी! पढ़ें उनकी भड़ास
Mukund Mitr : पत्रकारिता… जी हां। दुनिया का सबसे अच्छा करियर। मगर अधिकांश अखबारी घरानों और नए नवेलो ने इसे शोषण की कब्रगाह में तबदील कर दिया है। दोस्तों, मैं बहुत जल्द 80 के दशक से अब तक की पत्रकारिता पर बहुत जल्द यहीं पर लिखूंगा… बहीखाता…
नोएडा पुलिस से डरा ‘प्रयुक्ति’ का मालिक संपत सेलरी देने को हुआ मजबूर
बार-बार ठिकाने बदल कर अखबार निकालने वाला प्रयुक्ति का मालिक संपत गत मंगलवार को नोएडा के सेक्टर-20 थाने में लाया गया। इससे पहले उसे दो घंटे सेक्टर-15 की गोल चक्कर चौकी में पुलिस ने बैठाए रखा। लगातार लेट हो रही सेलरी के चलते नौकरी छोड़कर जा चुके कर्मचारियों का पैसा तो फंसा ही हुआ है, …
‘प्रयुक्ति’ अखबार बंद, फंसी मीडियाकर्मियों की सेलरी
चमचे पत्रकार अब भी कर रहे अखबार बंद होने का खंडन… मार्च में दिल्ली से नोएडा शिफ्ट हुआ प्रयुक्ति अखबार लंबे समय से चली आ रही पैसे की तंगी की वजह से छपना बंद हो गया है। 17 सितंबर के बाद से प्रयुक्ति अखबार बाजार में आना बंद हो गया है। इसके चलते संस्थान में …
‘प्रयुक्ति’ अखबार वित्तीय संकट से घिरा, नौकरी छोड़ रहे मीडियाकर्मी, लग सकता है ताला!
कर्मचारियों द्वारा किए गए मुकदमों के कारण कोर्ट-कचहरी का चक्कर लगाते संपत. प्रयुक्ति अखबार में आर्थिक संकट और कर्मचारियों का शोषण लगातार जारी है। संस्थान में कार्यरत कर्मचारी अपनी परेशानी किसी से कह नहीं सकते, क्योंकि उनकी सेलरी रोक दी जाएगी। काम छोड़ने के बावजूद एक महिला कर्मचारी का फुल एंड फाइनल अभी तक नहीं …
प्रयुक्ति जैसे दिशाहीन अखबार का एक साल से निकलना चौंकाने वाला सच है!
पत्रकारिता की दुर्दशा देख रोना आता है… खास तौर से हिंदी पत्रकारिता का हाल बेहद बुरा है। बात कर रहा हूं प्रिंट मीडिया की। इलेक्ट्रानिक पर बात करना तो समय जाया करना है। हाल बुरा है..कुछ सरकार के कारण, कुछ अखबार मालिकों के कारण, कुछ तथाकथित संपादकों के कारण और कुछ इस प्रोफेशन में घुस आए ऐसे लोगों के कारण जिन्हें इस पेशे के तय मानदंडों से कुछ लेना-देना नहीं है। उन्हें मतलब है तो सिर्फ नेताओं और अधिकारियों के साथ तस्वीरें खिंचाने, उन तस्वीरों को छापने और फिर उसे दिखा कर राजनीतिक गलियारों में घुस अपना स्वार्थ साधने व अपनी दुकानदारी चलाने से।
‘प्रयुक्ति’ अखबार के मैनेजमेंट पर कई आरोप लगा महिला पत्रकार ने कहा गुडबॉय, पढ़ें इस्तीफानामा
The Chairman
Prayukti
21 B/9, Rohtak Road, Opp LIC Building,
Karol Bagh, New Delhi-110005
Sir
With a profound feeling, i, Ms Deepti Angrish, am confessing that coerced by the callous, inhuman, insensitive, merciless and intolerant behavior of the head and the team prayukti, i am taking the decision of leaving the publication. Despite of my hard work and loyalty towards the publication, i was humiliated at each and every moment, at each and every work of mine. This kind of torturous behavior started after the couple of days of my joining, which i ignored and kept working honestly and diligently. Following are the few instances (although there are actually numerous) which i can recall:
‘संपत जी, आपसे पुन: अपनी जून माह की सेलरी और अपना पीएफ क्लीयर करने का आग्रह करता हूं’
Sachin Choudhary : श्रीमान संपत कुमार सुरप्पागारी (चेयरमैन प्रयुक्तिा हिंदी दैनिक) जी, अखबार लॉन्च करने के लिए आपको बधाई और शुभकामनाएं। अखबार सालों-साल चले और नित नई उंचाइयों को छुए। सर व्यस्त कार्यक्रम होने से चलते शायद आप भूूल गए होंगे इसलिए मैं आपको एक बार याद दिलाना चाहता हूं। जिस दिन (20 जून 2016) मैं त्याग पत्र देने प्रयुक्ति कायार्लाय आया था उस दिन आपने मुझे कहा था कि सचिन तुम्हारे 1500 रुपए पिछले महीने के बकाया और इस माह की सैलरी मैं आपके खाते में एक जुलाई को डलवा दूंगा, लेकिन सर ऐसा हुआ नहीं।
कैसे-कैसे मीडिया संस्थान और मीडिया में नौकरी की ये कैसी शर्तें?
यह कोई प्रयुक्ति पब्लिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी है जो अपने सेवा करार में बताती है कि कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय के तहत पंजीकृत है। यह लोगों को नौकरी पर रखती है तो उनसे “सेवा करार” करती है। इसमें यह नहीं बताया गया है कि सेवा के बदले क्या दिया जाएगा पर यह प्रमुखता से लिखा है कि बांड की तारीख एक साल (12 महीने) नौकरी जरूर करूंगा। यही नहीं, इसमें यह भी लिखा है कि अगर बांड पर दस्तखत करने वाला ऐसा नहीं कर पाया तो उसे एक लाख रुपए बतौर पेनल्टी देना होगा।