Sanjaya Kumar Singh : यादों में आलोक – “सत्यातीत पत्रकारिता : भारतीय संदर्भ”… दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में कल (शनिवार को) आयोजित एक सेमिनार में देश में मीडिया की दशा-दिशा पर चर्चा हुई। विषय था, “सत्यातीत पत्रकारिता भारतीय संदर्भ”। संचालन रमाशंकर सिंह ने किया और बताया कि अंग्रेजी के पोस्ट ट्रुथ जनर्लिज्म के लिए कुछ लोगों ने “सत्योत्तर पत्रकारिता” का सुझाव दिया था पर सत्योत्तर और सत्यातीत पत्रकारिता में अंतर है और आखिरकार सत्यातीत का चुनाव किया गया।