यशवंत सिंह- ‘ब्रह्म माया है और जीव अविद्या!’ उपनिषद के एक श्लोक का ये अंश है। इसकी व्याख्या ओशो ने जो की है, कमाल कर दिया है। सवा घंटे का उनका व्याख्यान उपरोक्त एक लाइन को समझाने के लिए है। इस व्याख्यान में एंटी-मैटर जैसी साइंटिफिक खोज का भी सहारा लिया गया। कृष्ण, महावीर, बुद्ध …
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रजनीश-वाणी…
सुशोभित- 1960 के दशक के अंत और 1970 के दशक के आरम्भ में रजनीश अपने प्रवचनों का अंत एक बहुत ही सुंदर बात से करते थे। वे कहते थे- “आपने मेरी बातों को इतने प्रेम और शांति से सुना, इसके लिए अनुग्रहीत हूं। और अंत में आप सबके भीतर बैठे परमात्मा को प्रणाम करता हूं, …
ओशो भक्तिन ने कोरोना से निपटने के लिए ये रास्ता सुझाया! पढ़ें राष्ट्रपति को लिखा पत्र
To The Honorable President of India Rashtrapati Bhavan New Delhi-110004 India Subject : Corona Pandemic – Root Cause & Solution Respected Sir,
ओशो डार्लिंग! नाचने की अवस्था के आगे की चीज है मुस्कुराती मस्ती के साथ मौन हो जाना!
Yashwant Singh :नेटफ्लिक्स पर ओशो की वेब सीरीज (वाइल्ड वाइल्ड कंट्री) देखना जोरदार अनुभव है। ओशो मेरे पसंदीदा शख्सियतों में से हैं, बहुत लंबे समय से। इस धरती, प्रकृति, मनुष्यता, समाज, सत्ता, सरवाइवल, समय, बदलाव, चेतना और एवोल्यूशन को समझना हो तो आपको कइयों को समझना-पढ़ना होगा। शंकर से लेकर मार्क्स तक, भगत सिंह से …
ओशो की बौद्धिक संपत्ति पर विदेशी चेलों का डाका, फर्जी हस्ताक्षर से 800 करोड़ की लूट
बिना आरबीआई से अनुमति के विदेश ले गए बौद्धिक संपत्ति, ओशो के विदेशी संन्यासियों ने फर्जी हस्ताक्षर कर संपति पर डाला डाका मुंबई। ओशो के नाम से मशहूर रजनीश ने पूरे देश को अपने विचारों से झकझोर कर रख दिया था। एशिया से लेकर पश्चिमी देशों तक उनके इतने भक्त बने कि अमेरिकी राष्ट्रपति सहित …
जब ओशो को बेड़ियों, हथकड़ियों और ज़ंजीरों से जकड़ कर विभिन्न जेलों मे घुमाया गया था…
अभिनेता आशुतोष राणा Ashutosh Rana : ओशो और आदर्श अनुयायी.. आपको शायद याद हो अमेरिका में ओशो को बिना किसी गिरफ़्तारी वारंट के, बिना किसी प्राथमिकी के अमरीकी पुलिस ने अचानक गिरफ़्तार कर लिया था। और १२ दिनों तक एक निर्दोष, निहत्थे व्यक्ति को बेड़ियों, हथकड़ियों और ज़ंजीरों से जकड़ कर विभिन्न जेलों मे घुमाते …
इस जगत को एक नाचते-हंसते-गाते हुए धर्म की जरूरत है : ओशो
…नाचने में कंजूसी मत करना। जी भर कर नाचो। ऐसे नाचो कि नाच ही रह जाए, तुम खो जाओ। हेरत-हेरत हे सखी, रह्या कबीर हिराई। नृत्य की बड़ी खूबी है, जो किसी और कृत्य में नहीं। नृत्य में जितने जल्दी नर्तक डूब जाता है और खो जाता है, किसी और चीज में नहीं खोता। हर …
भड़ास4मीडिया के भविष्य को लेकर यशवंत ने क्या लिया फैसला, जानें इस एफबी पोस्ट से
Yashwant Singh : ऐ भाई लोगों, कल हम पूरे 44 के हो जाएंगे. इलाहाबाद में हायर एजुकेशन की पढ़ाई के दौरान ओशो-मार्क्स के साथ-साथ अपन पामोलाजी-न्यूमरोलॉजी की किताब पर भी हाथ आजमाए थे. उस जमाने में हासिल ज्ञान से पता चलता है कि मेरा जन्मांक 8 और मूलांक 9 है. जन्मांक छब्बीस का छह और …
बाबा कीनाराम जन्मोत्सव 2017 में शामिल हुए कई संपादक और पत्रकार! (देखें वीडियो)
औघड़/अघोरी परंपरा के आराध्य-ईष्ट बाबा कीनाराम जी का विश्व-विख्यात जन्मोत्सव समारोह-2017 धूमधाम से संपन्न हुआ. देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं के साथ जाने-माने पत्रकार, न्यायाधीश, कलाकार, बुद्धिजीवीयों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया. तीन दिन तक चले इस कार्यक्रम पर लगभग हर मीडिया हाऊस की नज़र थी. कार्यक्रम का समापन (वर्तमान में) अघोर-परंपरा के विश्व-विख्यात हेडक़्वार्टर “बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुण्ड” वाराणसी व् “बाबा कीनाराम अघोरपीठ” रामशाला, रामगढ़, चंदौली (दोनों) के पीठाधीश्वर व पूरी दुनिया में अघोर-परम्परा के मुखिया अघोराचार्य महाराजश्री बाबा सिद्धार्थ गौतम राम जी के आशीर्वचन के साथ हुआ।
Osho Tantra इस संन्यासी से सीखें तंत्र साधना के सारे रहस्य
नाथ योगी संप्रदाय के प्रवर्तक गुरु गोरखनाथ के बारे में ओशो क्या कहते हैं, जानिए
ओपिनियन पोस्ट मैग्जीन ने इस बार गुरु गोरखनाथ के बारे में ओशो के विचार को प्रकाशित किया है. असल में योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश का सीएम बन जाने के बाद से अचानक नाथ संप्रदाय और गोरखनाथ चर्चा में आ गए हैं. गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर के महंत योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बहाने …
डरे हुए लोग जाते हैं ज्योतिषियों के पास!
ज्योतिषियों के पास कोई आध्यात्मिक पुरुष थोड़े ही जाता है। ज्योतिषियों के पास तो संसारी आदमी जाता है। कहता है : भूमि-पूजा करनी है, नया मकान बनाना है, तो लगन-महूरत; कि नई दुकान खोलनी है, तो लगन-महूरत; कि नई फिल्म का उद्घाटन करना है, लगन महूरत; कि शादी करनी है बेटे की, लगन-महूरत। संसारी डरा हुआ है : कहीं गलत न हो जाए! और डर का कारण है, क्योंकि सभी तो गलत हो रहा है; इसलिए डर भी है कि और गलत न हो जाए! ऐसे ही तो फंसे हैं, और गलत न हो जाए!
सूक्ष्म शरीर ही कारण बनता है नए जन्मों का…
आत्मा तो वस्तुत: एक ही है। लेकिन शरीर दो प्रकार के है। एक शरीर जिसे हम स्थूल शरीर कहते है, जो हमें दिखाई देता है। एक शरीर जो सूक्ष्म शरीर है जो हमें दिखाई नहीं पड़ता है। एक शरीर की जब मृत्यु होती है, तो स्थूल शरीर तो गिर जाता है। लेकिन जो सूक्ष्म शरीर है वह जो सटल बॉडी है, वह नहीं मरती है। आत्मा दो शरीरों के भीतर वास कर रही है। एक सूक्ष्म और दूसरा स्थूल। मृत्यु के समय स्थूल शरीर गिर जाता है। यह जो मिट्टी पानी से बना हुआ शरीर है यह जो हड्डी मांस मज्जा की देह है। यह गिर जाती है। फिर अत्यंत सूक्ष्म विचारों का, सूक्ष्म संवेदनाओं का, सूक्ष्म वयब्रेशंस का शरीर शेष रह जाता है, सूक्ष्म तंतुओं का।
जानिए, नोटबंदी को लेकर ओशो ने कई साल पहले एक प्रवचन में क्या कहा था!
तुम जिसको पैसा समझते हो वह एक मान्यता है अगर किसी दिन सरकार बदल जाए और रातोंरात यह एलान किया जाए कि फलाँ-फलाँ नोट नहीं चलेगा तो तुम क्या करोगे ?
मान्यता को बदलने में देर कितनी लगती है?
ओशो का वह प्रवचन, जिस पर तिलमिला उठी थी अमेरिकी सरकार और दे दिया जहर!
ओशो का वह प्रवचन, जिससे ईसायत तिलमिला उठी थी और अमेरिका की रोनाल्ड रीगन सरकार ने उन्हें हाथ-पैर में बेडि़यां डालकर गिरफ्तार किया और फिर मरने के लिए थेलियम नामक धीमा जहर दे दिया था। इतना ही नहीं, वहां बसे रजनीशपुरम को तबाह कर दिया गया था और पूरी दुनिया को यह निर्देश भी दे दिया था कि न तो ओशो को कोई देश आश्रय देगा और न ही उनके विमान को ही लैंडिंग की इजाजत दी जाएगी। ओशो से प्रवचनों की वह श्रृंखला आज भी मार्केट से गायब हैं। पढिए वह चौंकाने वाला सच…
मस्ती की एक रात इस Osho पंथी संत ने यशवंत को दीक्षित कर नाम दे दिया स्वामी प्रेम संतति!
Yashwant Singh : तंत्र साधना को जानने की इच्छा के तहत काफी समय से बहुत कुछ पढ़, देख, सुन, खोज रहा हूं. इसी दरम्यान चंद रोज पहले लखनऊ में एक ओशो पंथी संन्यासी मिल गए, स्वामी आनंद भारती. उनसे तंत्र को लेकर त्रिपक्षीय वार्ता हुई. एक कोने पर Kumar Sauvir जी थे. दूसरे कोने पर खुद स्वामी आनंद भारती और तीसरे कोने पर मैं, श्रोता व वीडियो रिकार्डर के रूप में. ये 25 मिनट का वीडियो आपको बहुत कुछ बताएगा.
मांस मदिरा से मोक्ष तक की बात करने वाला एक बुजुर्ग OSHO पंथी संन्यासी (देखें वीडियोज)
Yashwant Singh : OSHO मांस मदिरा से मोक्ष तक, एक बुजुर्ग ओशो अनुयायी संन्यासी का दर्शन प्रवचन देखें सुनें… ओशो कह गए, संभोग से समाधि तक. उनके हाथों दीक्षित एक बुजुर्ग ओशो अनुयायी कह रहे हैं मांस मदिरा से मोक्ष तक. लखनऊ में वरिष्ठ पत्रकार Kumar Sauvir के ठिकाने पर एक शाम फक्कड़ों की हुई जुटान में इस ओशो पंथी संत से मांस मदिरा उत्सव के दौरान इस विषय पर हुई बेबाक बातचीत को मैंने छह पार्ट में मोबाइल से रिकार्ड किया.
व्यापमं में उलझे शिवराज का मकसद था मोदी को खुश करना : थानवी
भोपाल। वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने विश्व हिंदी सम्मेलन को वैभवशाली बनाए जाने पर कहा है कि इस सम्मेलन को वैभव देकर और पूरे शहर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरों से रंगकर व्यापम घोटाले में फंसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मोदी को खुश करने की कोशिश की है। प्रदेश की राजधानी भोपाल में चल रहे 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन में हिस्सा लेने आए पत्रकार ओम थानवी ने कहा, “इस सम्मेलन की मुश्किल यह हो गई कि शुरुआत से ही इसका मकसद यह हो गया कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज प्रधानमंत्री मोदी को प्रभावित करेंगे, क्योंकि वे खुद व्यापम घोटाले में फंसे हैं और अगर अपने माई-बाप को प्रभावित करते हैं तो थोड़ा सा तो बचाव है।”
ओशो के आगे
Yashwant Singh : कुछ नए बदलावों को महसूस कर रहा हूँ। खुद के भीतर। बाहर की दुनिया के प्रति बहुत मामूली जुड़ाव लगाव द्वेष राग शेष है। अंदर की यात्रा शुरू हो गई है। जैसे कोई बीज वर्षों से यूँ ही पड़ा हो और अब अचानक वो धरती से बाहर निकलने को मचल रहा हो। न आगे दौड़ जाने की ख्वाहिश है न पीछे बीते हुए को पकड़े रहने ज़िद। जिस क्षण में हूँ उसी संग प्रवाहित होने की कोशिश है। पहले भागने की सोचता था। पहले गुरु की तलाश में परेशान था। अब सब नियति पर छोड़ दिया है। जाहे विधि राखे राम। लालसाएं कामनाएं इच्छाएं पक कर टपकने लगी हैं। अब कैसे किससे क्यों संवाद करूँ। जो खुद ब खुद मिल रहा है वो अद्भुत अव्यक्त है।