The Reservation Jumla

कहीं आर्थिक आरक्षण भी चुनावी जुमलेबाजी तो नहीं? लोकसभा चुनाव के सौ-पचास दिन पहले अचानक संविधान संशोधन द्वारा आर्थिक आरक्षण के कदम को मोदीजी का मास्टर स्ट्रोक बताया जा रहा है.!दूसरी तरफ इसे तीन राज्यों के नतीजे और 80 सीटों वाले यूपी में सपा-बसपा गठबंधन से उपजी घबराहट में लिया गया फैसला बताने वालों की …

10% आरक्षण से कम से कम 31% को मूर्ख बनाए रखने का लक्ष्य!

Sanjaya Kumar Singh : 10% आरक्षण से कम से कम 31% को मूर्ख बनाए रखने का लक्ष्य! एंटायर पॉलिटिकल साइंस वालों- वोट की फसल तैयार होने में समय लगता है। अब खेत बोने से फसल समय पर तैयार नहीं होगी।

गरीब सवर्णों को आरक्षण का लॉलीपाप सुप्रीम कोर्ट में नहीं टिक पाएगा!

गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण फिलहाल बीरबल की खिचड़ी है! Pradyumna Yadav : मोदी कैबिनेट की बैठक में आज सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के फैसले को मंजूरी मिल गई है. आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का फैसला कोई नया नहीं है. आज से पहले नरसिम्हाराव की सरकार ने 25 सितंबर , 1991 …

यशवंत ने क्यों लिखा- ”जागो सवर्णों जागो! जातिवाद जिंदाबाद! इंडियन पॉलिटिक्स अमर रहे!”

Yashwant Singh : ब्रिटेन में कार्यरत Neeti Vashisht जी को ये स्टेटस (देखें स्क्रीनशॉट) अपडेट किए 10 घण्टे हो गए लेकिन लाइक कमेंट सिर्फ मैंने किया है। मैं सवर्ण घर में पैदा हुआ हूँ लेकिन सवर्ण मानसिकता नहीं रखता। पर इस लोकतंत्र में जब देखता हूँ कि वोट बैंक और प्रेशर ग्रुप ही काम करते …

गुलाब कोठारी जी, मोहन भागवत के अलावा और लोगों से भी मिला करिए, ज्ञान में वृद्धि होगी!

आदरणी गुलाब कोठारी जी मालिक और प्रधान संपादक, राजस्थान पत्रिका आरक्षण को लेकर आपने एक सर्वे किया है। आपके अखबार को लेकर एक रिसर्च मैंने भी की है। हाल ही में आपके अखबार के प्रथम पृष्ठ पर एक सर्वे छपा। इसमें बताया गया था कि आरक्षण से किस प्रकार समाज में वैमनस्य बढ़ रहा है। …

‘लोकमत’ अखबार के मालिक विजय दर्डा ने आरक्षण के खिलाफ पहले पन्ने पर जहरीला लेख लिखा

Dilip C Mandal :  महाराष्ट्र के लोकतांत्रिक, न्यायप्रिय और समतावादी लोगों का अभिनंदन! शानदार, ज़बरदस्त, ज़िंदाबाद। देश को फुले, सावित्रीबाई, शाहू, बाबासाहेब जैसे महापुरुष देने वाले प्रदेश ने देश को एक बार फिर रास्ता दिखाया है और इसकी गूँज देश के अलग अलग हिस्सों में सुनाई देगी, तो इस बात को याद किया जाएगा कि नींव का पत्थर महाराष्ट्र के लोगों ने रखा था। लोकमत, महाराष्ट्र का सबसे ज्यादा बिकने वाला समाचारपत्र है और ज़ाहिर है कि समाज के तमाम समूहों के लोग उसे खरीदते हैं।

धोखा है क्रीमीलेयर, अजा एवं अजजा वर्गों में सम्भव नहीं!

मोहनदास कर्मचन्द गांधी द्वारा देश के सभी वंचित वर्गों को हमेशा के लिये पंगु बनाये रखने के लिये जबरन थोपे गये पूना पैक्ट को लागू करने के लिये भारत के संविधान की प्रस्तावना में सामाजिक न्याय का उल्लेख किया गया है। उसके क्रियान्वयन के लिये संविधान के अनुच्छेद 16 (4) में पिछड़े वर्गों को प्रशासन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिये अजा एवं अजजा वर्गों को आरक्षण प्रदान करने के प्रावधान हैं जिसके तहत इन वार्गों को 22.50 फीसदी आरक्षण प्रदान किया गया है।