राजस्थान : मजीठिया संघर्ष में कूदे कौंसिल ऑफ जर्नलिस्ट्स अध्यक्ष

राजस्थान में मजीठिया वेज बोर्ड के लिए संघर्ष कर रहे अखबारों के पत्रकारो के साथ कौंसिल ऑफ जर्नलिस्ट्स ने भी संघर्ष का ऐलान कर दिया है. जयपुर में मंगलवार को कौंसिल ऑफ जर्नलिस्ट्स के अध्यक्ष और टीवी पत्रकार अनिल त्रिवेदी के नेतृत्व में पत्रकारो का प्रतिनिधिमंडल श्रम आयुक्त राजस्थान रजत मिश्रा से मिला और उन्हे 4 पेज का ज्ञापन सौंपा. 

अजमेर ‘पत्रिका’ में अहंकारी संपादक का आतंक, दुखद रवैये से स्टॉफ परेशान

राजस्थान पत्रिका अजमेर में जब से उपेंद्र शर्मा को संपादक बनाया गया है, स्टाफ पर मुसीबत टूट पड़ी है। जूनियर रिपोर्टर से सीधे संपादक की कुर्सी पर बैठे उपेंद्र शर्मा किसी को कुछ नहीं समझ रहे। उनसे पहले यहां ज्ञानेश उपाध्याय जैसे धीर-गंभीर और विद्वान संपादक थे। उपाध्याय ने अपने छोटे से कार्यकाल में सभी को मान-सम्मान दिया। लेकिन उपेंद्र शर्मा तानाशाह की तरह काम कर रहे हैं। 

एक और खैरलांजी : दलितों की कब्रगाह बनता जा रहा राजस्थान का नागौर जिला

राजस्थान की राजधानी जयपुर से तक़रीबन ढाई सौ किलोमीटर दूर स्थित अन्य पिछड़े वर्ग की एक दबंग जाट जाति की बहुलता वाला नागौर  जिला इन दिनों दलित उत्पीडन की निरंतर घट रही शर्मनाक घटनाओं की वजह से कुख्यात हो रहा है. विगत एक साल के भीतर यहाँ पर दलितों के साथ जिस तरह का जुल्म हुआ है और आज भी जारी है ,उसे देखा जाये तो दिल दहल जाता है ,यकीन ही नहीं आता है कि हम आजाद भारत के किसी एक हिस्से की बात कर रहे है .ऐसी ऐसी निर्मम और क्रूर वारदातें कि जिनके सामने तालिबान और अन्य आतंकवादी समूहों द्वारा की जाने वाली घटनाएँ भी छोटी पड़ने लगती है .क्या किसी लोकतान्त्रिक राष्ट्र में ऐसी घटनाएँ संभव है ? वैसे तो असम्भव है ,लेकिन यह संभव हो रही है ,यहाँ के राजनीतिक और प्रशासनिक ढांचें की नाकामी की वजह से …

राजस्थान में दैनिक नवज्‍योति ने एरियर बांटना शुरू किया

राजस्‍थान के पांच शहरों जयपुर, अजमेर, कोटा, जोधपुर और उदयपुर से प्रकाशित दैनिक नवज्‍योति समाचार पत्र ने अपने कर्मचारियों को पिछला बकाया एरियर की राशि का भुगतान करना शुरू कर दिया है। प्रबंधकों और कर्मचारियों के बीच हुए समझौते के अनुसार एरियर का भुगतान चार किश्‍तों में किया जाना है। 

बिना धूप, बिना छाया के भास्कर की माया, झूठी खबर से हरियाणा में खूब भद्द पिटी

एक समय हरियाणा में दैनिक भास्कर की अपनी अलग पहचान थी। सच्ची व विश्वसनीय खबरों के लिए भास्कर का नाम लिया जाता था। परन्तु मीडिया संस्थानों से थोक के भाव निकले पत्रकारों के रूप में सस्ते मजदूर मिलने से भास्कर ने अपनी विश्वसनीयता भी खो दी है।

…और ये रही वो खबर

मजीठिया पर आरपार की लड़ाई, राजस्थान के पत्रकार भी एकजुट

जयपुर : चर्च रोड स्थित कुमारानन्द हॉल में रविवार को दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, राजस्थान पत्रिका, इंडियन एक्सप्रेस, टाइम्स ऑफ़ इंडिया व पूरे राजस्थान राज्य के पत्रकार एवं गैर-पत्रकार कर्मचारी पहली बार एकसाथ एकत्रित हुए और मजीठिया के अनुसार वेतनमान के लिए आरपार की लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया। 

मजीठिया : राजस्थान में भी बजा बिगुल, राज्यपाल-मुख्यमंत्री को दिया ज्ञापन

पहली मई मज़दूर दिवस पर मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू कराने के लिए राजस्थान ने बिगुल बजा दिया है। शुक्रवार को जयपुर में नेशनल यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट (इंडिया ) और जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ़ राजस्थान (जार ) ने राज्यपाल कल्याण सिंह और मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे को ज्ञापन दिया।

कर्मचारी कोई भी हो, अस्थाई नहीं हो सकता : राजस्थान हाईकोर्ट

जयपुर : कर्मचारियों के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण एवं स्वागत योग्य आदेश जारी किया है। माननीय न्यायालय का कहना है कि यदि राज्य सरकार ने उसे वेतन दिया है तो वो उसका कर्मचारी हुआ। संविदा या कोई दूसरा नाम देकर उसे अस्थाई करार नहीं दिया जा सकता। यदि यह आदेश एप्लिकेबल हुआ तो देश भर में कोई भी कर्मचारी अस्थाई नहीं रहेगा। 

काश पूरा देश बीकानेर हो जाता

मरहूम शायर अज़ीज़ आज़ाद ने एक बार कहा था “मेरा दावा है सब ज़हर उतर जायेगा, सिर्फ़ इक बार मेरे शहर में रहकर देखो” या अल्फ़ाज़ उस शहर-ए-तहज़ीब की हक़ीक़त बयाँ करते हैं जिसे ये संसार बीकानेर के नाम से जानता है और जो देश  सीमावर्ती इलाक़ों में एक है. रेगिस्तान की रेत के बीच क़रीब 528 सालों बसे बीकानेर की स्थापना राव बीकाजी ने अक्षय द्वितीया को की थी.

शिक्षण संस्थानों में डिग्रियों के फर्जीवाड़े का धंधा

हाल ही में राजस्थान में एक निजी विश्वविद्यालय द्वारा किए गए बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया। जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की ओर से जारी की गईं 25 हजार से अधिक डिग्रियां और अंक तालिकाएं फर्जी पाई गईं। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने फर्जी डिग्री के मामले में जोधपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के चेयरमैन कमल मेहता को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले सिक्किम में भी एक निजी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार और मालिक को जेल की हवा खानी पड़ी थी। हिमाचल की भी एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी द्वारा इसी तरह डिग्रियां बांटी जा रही थीं। आज देश भर में कई निजी शिक्षा संस्थानों द्वारा फर्जी डिग्री देने का धंधा जोरों पर चल रहा है। शिक्षा एक मजाक बन चुकी है। लोग परीक्षा पुस्तिकाएं घर पहुंचा दे रहे हैं। दलाली का धंधा जोरों पर है।

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष मेघवाल ने प्रेस कांफ्रेंस में बांटे गिफ्ट वॉउचर, कई पत्रकारों ने ठुकराया तो सफाई देने लगे !!

भीलवाड़ा (राजस्थान) : यहां प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल की प्रेस कांफ्रेंस में पिछले दिनो गिफ्ट वॉउचर बांटे गए। मेघवाल का कहना है कि ‘मैंने स्वेच्छा से पत्रकार साथियों को गिफ्ट वॉउचर दिए हैं, इस पर किसी को ऐतराज नहीं होना चाहिए।’

वसुन्धरा राजे ने किया ज़ी राजस्थान न्यूज चैनल के लोगो का अनावरण

जयपुर : मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने सोमवार को अपने आवास पर ज़ी मीडिया समूह के प्रादेशिक न्यूज चैनल ज़ी राजस्थान न्यूज के लोगो का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने चैनल की री-लॉन्चिग भी की। इस मौके पर ग्रुप के सीईओ भास्कर दास और चैनल के स्टेट हैड पुरुषोत्तम वैष्णव भी मौजूद रहे।

कमल शर्मा को मिला ‘माणक अलंकरण’ पुरस्कार

पत्रकारिता के क्षेत्र में राजस्थान का प्रतिष्ठित पुरस्कार ‘माणक अलंकरण’ जन टीवी के कार्टूनिस्ट कमल शर्मा को प्रदान किया गया है। कमल शर्मा को कार्टूनिस्ट की श्रेणी में विशिष्ट पुरस्कार के लिए पिछले वर्ष चयनित किया गया था। जोधपुर में गांधी जयंती पर 32वां माणक अलंकरण समारोह आयोजित किया गया। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हरिदेव जोशी, पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति सनी सेबिस्टियन, सांसद गजेंद्र सिंह, जसवंत सिंह विश्नोई ने पुरस्कार प्रदान किए। गौरतलब है कि कमल शर्मा पिछले बारह सालों से बतौर कार्टूनिस्ट कार्य कर रहे हैं।

मोदी जी, राजस्थान में शराब के नाम पर खरबों रुपये की इस काली कमाई को कौन डकार रहा है? (देखें वीडियो)

Yashwant Singh : मोदी जी बताओ, उगाही का ये पैसा आप खा रहे हो या वसुंधरा राजे सिंधिया को खाने दे रहे हो… ये तो सच है कि भाजपा शासित केंद्र और राज्य में से कोई एक इस खरबों रुपये के शराब घोटाले का पैसा रोजाना डकार रहा है….  राजस्थान में भाजपा की सरकार है. केंद्र में भाजपा की सरकार है. तो फिर माउंट आबू से लेकर राजस्थान के विभिन्न शहरों में शराब बिक्री के दौरान आम जन से खरबों रुपयों की प्रतिदिन अवैध उगाही का पैसा कहां जा रहा है, कौन खा रहा है. मोदी जी कहते हैं कि न खाउंगा और न खाने दूंगा. पर राजस्थान में घटित हो रहे ‘शराब स्कैंडल’ को देखकर लगता है कि भाजपा के बड़े नेता, भाजपा शासित राजस्थान राज्य के नेता, मंत्री, अफसर जमकर उगाही का पैसा खा रहे हैं.