पिछले दिनों महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में एक छात्रा ने एक पी-एच.डी. के शोधार्थी पर यौन-उत्पीडन का आरोप लगाया. यह घटना होली के दिन की है जब 50 से 60 छात्र-छात्राएँ विश्वविद्यालय परिसर में तकरीबन 2 से 4 बजे के बीच सामान्य रूप से गुलाल खेल रहे थे और नृत्य भी कर रहे थे. ज्ञात हो कि होली के एक दिन बाद छात्रा ने उस पी-एच.डी. शोधार्थी पर यह आरोप लगाया. जैसे ही यह आरोप सभी के संज्ञान में आया, वहाँ उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं ने प्रशासन को लिखित रूप में यह जवाब दिया कि वहाँ पर इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है. बावजूद इसके विश्वविद्यालय प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से कुलानुशासक के द्वारा जाँच का आदेश दिया. जाँच में यह स्पष्ट होने लगा कि पीड़िता के पीछे आरोपी के पुराने वैचारिक मतभेद और उससे जुड़े विरोधी गुटों का अतिरिक्त सहयोग है.