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कविता मैंने कभी लिखी नहीं . पता नहीं कुछ मिनटों पहले मन की बेचैनियों से कुछ लाइनें निकली हैं .. ये जीवन की पहली...
Yashwant Singh : महिला दिवस नजदीक है... 'यह नाटक नहीं चलेगा'- यह वो कविता है जो पुरुष प्रधान इस समाज के ताने-बाने को ललकारती...
गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में आक्सीजन की कमी से 60 बच्चों की मौत से शोकग्रस्त मन कल (12 अगस्त) सो न सका उन मासूम...
अम्मा भी अखबार के जैसी रोज सुबहपन्ना-पन्ना घर भर में बंट जाती हैं ये दो लाइनें किसी का भी मन बरबस अपनी ओर खींचने...
अब जीत न्याय की होगी... -मनोज शर्मा एडवोकेट- आ गया समय निकट अब जीत न्याय की होगी इतिहास में दर्ज कहानी मजीठिया वीरों की...
आवा हो भइया होली मनाई अब तो गावन कै लड़िका भी पप्पू टीपू जानि गएन,'यूपी को ये साथ पसन्द है' ऐह जुम्ला का वो...
पुरखे नदी किनारे, सागर तीरे,पर्वत-पर्वत घाटी-घाटी,बना बावला सूंघ रहा हूं,मैं अपने पुरखों की माटी।
अभिषेक श्रीवास्तव : देश में सत्ता परिवर्तन की पहली सालगिरह के मौके पर बीती 17 मई को हमने राष्ट्रीय स्तर का एक आयोजन दिल्ली...
भागी हुई लड़कियां -आलोक धन्वा- एक घर की जंजीरेंकितना ज्यादा दिखाई पड़ती हैंजब घर से कोई लड़की भागती है क्या उस रात की याद...
Panini Anand : यह नीरो की राजधानी है. एक नहीं, कई नीरो. सबके सब साक्षी हैं, देख रहे हैं, सबके घरों में पुलाव पक...
नई दिल्ली : अजय सिंह की कविताएं भारतीय लोकतंत्र की विफलता को पूरी शिद्दत से प्रतिबिंबित करती हैं। उनकी कविताओं का मूल स्वर स्त्री,...
आजकल बनारस सुर्खियों में है... बनारस को लेकर रोज कोई न कोई घोषणा सुनने को मिल रही है.... ऐसा होगा बनारस... वैसा होगा बनारस......