कर्मचारियों के रुख से हिन्दुस्तान टाइम्स और हिन्दुस्तान के प्रबंधन में खलबली

वाराणसी : मजीठिया प्रकरण में यूपी सरकार ने जिस हिन्दुस्तान टाइम्स और हिन्दुस्तान को यह कहते हुए छोड़ दिया था कि वहां ज्यादा वेतन मिल रहा है, अब उस अखबार की कुछ इकाइयों के कम॔चारियों के बीच उबाल देख प्रबंधन चिंतित हो उठा है। पहले बरेली में हलचल हुई, फिर गोरखपुर के कम॔चारी लेबर आफिस तक पहुंचे और अब लखनऊ में लगभग चार दज॔न कमंचारियो ने प्रपत्र-2 भरकर श्रम विभाग के प्रमुख सचिव व श्रम आयुक्त को प्रेषित कर दिया है।

‘मध्यप्रदेश जनसंदेश’ की हालत खस्ता, जीएम और संपादक दोनों के विदाई के आसार

मध्यप्रदेश जनसंदेश अंतिम सांसे ले रहा है। वजह महैर वाले बाबू साहब द्वारा अखबार से हाथ खींच लेना है। पैसा उनका था और मजे ले रहे थे छोटे कारोबारी। इस अखबार की उल्टी गिनती तो उसी दिन शुरू हो गयी थी जब बाबू साहब की आटा मिल को प्रशासन ने सील कर दिया था। अखबार के जीएम अजय सिंह बिसेन को सेटिंग-गेटिंग की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। लेकिन अनुभवहीन बिसेन कुछ कर पाने में नाकाम रहे। अंतत: महैर वाले बाबू साहब किसी तरह आटा मिल का ताला खुलवाने में कामयाब हो गए।

पप्पू वर्सेज फेंकू, राजनीति में गिरती शाब्दिक मर्यादा

आजकल भारतीय राजनीति में शब्दों की मर्यादा खण्ड खण्ड होकर बिखर गयी है , राजनेतागण अपनी वाचाल शैली से जनता को निराश कर रहे हैं , कब कहाँ किस नेता को कौन सा नेता किस नए पुराने और अमर्यादित शब्दों से किस जगह उद्बोधित कर दे कोई नहीं जानता। ताजा मामला हालिया चल रही लोकसभा कार्यवाही का है जहाँ बीजेपी के संसदीय कार्यमंत्री और बेहद वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने राहुल गांधी को उनके भाषण के बाद विचलित होकर भरे पूरे सदन के बीच पप्पू पप्पू कह कर संबोधित किया और अगले दिन उनके भाषण को “शैतान का प्रवचन” कह कर मर्यादा तोड़ने के क्रम में एक कदम और बढ़ाया।

योगेश गुप्ता दलाल नहीं हैं इसीलिए परिवार चलाने के वास्ते सतना में नौकरी कर रहे हैं

साथी, तकलीफजदा हूं योगेश गुप्ता के बारे में यह सुन कर पढ़ कर। बनारस में योगेश ने पत्रकारों की लड़ाई के चलते नौकरी गंवाई। मैंने खुद एक बार एचटी प्रबंधन के अपने एक साथी से पूछा तो उनका जवाब था कि नेतागिरी छोड़ दें, सब बढ़िया हो जाएगा। योगेश ने नुकसान उठाया। सड़क पर रहे। स्ट्रिंगर के तौर पर भी काम किया पर समझौता नहीं किया।

काशी पत्रकार संघ योगेश गुप्ता की जेब में, नौकरी करते हैं सतना में फिर भी हैं मानद सदस्य

वाराणसी। आगामी 28 सितंबर 2014 को होने जा रहे काशी पत्रकार संघ का चुनाव मनमानी की भेंट चढ़ने जा रहा है। सालों से संघ पर कब्जा जमाये बैठे योगेश गुप्ता और उनका गिरोह किस तरह हावी है इसे संघ की मतदाता सूची में देखा जा सकता है। पूर्व अध्यक्ष योगेश गुप्ता पप्पू सतना के मध्यप्रदेश जनसंदेश में कार्यरत हैं। इनकी उम्र भी इतनी नहीं कि मानद सदस्य बन सकें। लेकिन संघ का संविधान इनके और इनके गिरोह के लोगों की जेब में है। इसलिए वह जनसंदेश टाइम्स वाराणसी के नाम पर मानद सदस्य बन बैठे हैं।