धर्मशाला : मजीठिया वेतनमान मामले पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर हिमाचल प्रदेश में भी श्रम विभाग सक्रिय हो गया है। अखबारों के कार्यालयों में मजीठिया मामले को लेकर छानबीन शुरू हो गई है। दैनिक जागरण धर्मशाला की बनोई स्थित यूनिट में छानबीन के दौरान लेबर इंस्पेक्टर को कर्मचारियों ने घेर लिया।
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लेबर इंस्पेक्टर के सामने सीना तानकर खड़े हुए जागरण कर्मी, अखबार को 30 दिन की मोहलत
धर्मशाला। मजीठिया वेज बोर्ड मामले में दैनिक जागरण की हिमाचल प्रदेश में स्थित धर्मशाला यूनिट के कर्मचारियों की शिकायत पर लेबर इंस्पेक्टर के पास पहली सुनवाई में जागरण प्रबंधन ने जवाब देने के बजाय तीन दिन का समय देने की गुहार लगाई है।
धर्मशाला में छात्रा से बर्बर गैंग रेप, बड़बोले मीडिया ने पूंछ चुराई
हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला डिग्री कॉलेज में दिल्ली के निर्भया कांड जैसी वीभत्स घटना शुक्रवार को हुई। कॉलेज के चार सीनियर छात्रों ने प्रथम वर्ष की छात्रा को कॉलेज से उठाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और मरणासन्न हालत में सड़क किनारे फेक दिया। इस मामले की चर्चा पूरे हिमाचल में लोगों की जुबान पर है लेकिन निर्भया कांड पर दस-दस पेज के सप्लीमेंट छापने वाले प्रिंट मीडिया में एक सिंगल कॉलम खबर तक नहीं है।
मजीठिया वेज बोर्ड संघर्ष : अमर उजाला को जवाब दायर करने का अब आखिरी मौका, भारत सरकार भी पार्टी
अमर उजाला हिमाचल से खबर है कि यहां से मजीठिया वेज बोर्ड के लिए लड़ाई लड़ रहे प्रदेश के एकमात्र पत्रकार को सब्र का फल मिलता दिख रहा है। अमर उजाला के पत्रकार रविंद्र अग्रवाल की अगस्त 2014 की याचिका पर सात माह से जवाब के लिए समय मांग रहे अमर उजाला प्रबंधन को इस बार 25 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आखिरी बार दस दिन में जवाब देने का समय दिया है। अबकी बार कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कर दिया है कि अगर इस बार जवाब न मिला तो अमर उजाला प्रबंधन जवाब दायर करने का हक खो देगा और कोर्ट एकतरफा कार्रवाई करेगा।
ये पत्रकार हैं या चाटुकार (देखें तस्वीरें)
ये दो तस्वीरें हिमाचल प्रदेश के जिला उना जिले की है. यहां के पत्रकारों की चाटुकारिता का नमूना हैं ये तस्वीरें. चाटुकारिता में ये पत्रकार इतने घिर गए कि इन लोगों को अपने पेशे की गरिमा का तनिक खयाल ही नहीं रहा. आखिर कैसे इनसे उम्मीद की जाएगी कि ये निष्पक्ष पत्रकारिता का धर्म निभाएंगे. सत्ता के चरणों में लोटने को आतुर इन पत्रकारों की करनी पर कलम के सच्चे सिपाहियों का सिर शर्म से झुक गया है.