मामाजी माणिकचंद्र वाजपेयी ध्येयनिष्ठ पत्रकारिता के प्रतीक हैं : रामबहादुर राय

विश्व संवाद केंद्र में मामाजी माणिकचंद्र वाजपेयी के चित्र स्थापना एवं ध्येयनिष्ठ पत्रकारिता पर परिसंवाद का आयोजन…. भोपाल । विश्व संवाद केंद्र की ओर से ‘ध्येयनिष्ठ पत्रकारिता’ विषय पर आयोजित परिसंवाद में मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार श्री रामबहादुर राय ने कहा कि मामाजी माणिकचंद्र वाजपेयी श्रेष्ठ संपादकों की श्रेणी में तो थे ही, वह आपातकाल …

‘राय साहब भी कभी संघी नहीं रहे, वे नामवरजी की बहुत कद्र करते हैं’

Abhishek Srivastava : क. पता है, अगले महीने नामवरजी नब्‍बे साल के हो जाएंगे!
ख. तो इसमें खास क्‍या है भाई… बहुत लोग नब्‍बे साल के हुए और निपट गए।
क. अरे, 28 जुलाई को उनका जन्‍मदिन त्रिवेणी सभागार में इंदिरा गांधी राष्‍ट्रीय कला केंद्र की ओर से मनाया जाएगा। मामला ये है…
ख. हां, तो अच्‍छी बात है… सरकारी संस्‍था को इतने बड़े लेखक का सम्‍मान करना ही चाहिए।

नहीं पहुंचे प्रमुख अतिथि, ‘जिया इंडिया’ मैग्जीन की लांचिंग फ्लॉप

रोहन जगदाले को अब समझ में आ रहा होगा कि मीडिया का क्षेत्र बाकी धंधों-बिजनेसों से अलग है और जो इसे धूर्तता, चालाकी, कपट, क्रूरता के साथ चलाना चाहता है उसे अंततः निराशा हाथ लगती है और करोड़ों गंवाकर हाथ जलाकर एक न एक दिन इस मीडिया क्षेत्र से बाहर निकलने को मजबूर हो जाना पड़ता है. यकीन न हो तो पर्ल ग्रुप के न्यूज चैनलों और मैग्जीनों का हाल देख लीजिए. पी7न्यूज, बिंदिया, मनी मंत्रा.. सबके सब इतिहास का हिस्सा बन गए. खरबों रुपये गंवाकर इसके मालिक को मीडिया से कुछ नहीं मिला. इसलिए क्योंकि मीडिया हाउस के शीर्ष पदों पर गलत लोगों को बिठाया गया और मीडिया हाउस खोलने का मकसद मूल कंपनी के छल-कपट को छिपाना-दबाना घोषित किया गया.