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All posts tagged "media vimarsh"

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अनिल भास्कर- पॉलिटिकल कवरेज में पक्षपात या पॉलिटिकल एजेंडे को आगे बढ़ाने के गम्भीर धतकर्म से इतर बाकी विषयों को लेकर भी आज मीडिया...

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अनिल भास्कर- हिंदी पत्रकारिता के बाल्टी-मग युग की सबसे खास बात यह रही कि परोक्ष तौर पर ही सही, सर्कुलेशन टीम अखबारों के सम्पादकीय...

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अनिल भास्कर- 1990 के दशक में आर्थिक उदारीकरण ने बाजार को विस्तार दिया तो इस विस्तार ने मीडिया हाउसों की ऊंची उड़ान के लिए...

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अनिल भास्कर- सम्पादक नामक संस्था का पिछले तीन दशकों में जिस तेजी से क्षरण हुआ है, वह पत्रकारिता के लिए सबसे बड़ी चिंता का...

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अनिल भास्कर- मीडिया का अगर राजनीतिक अनुकूलन और उसके तटस्थता-निष्पक्षता के मूलभूत सिद्धांत का अवमूल्यन हुआ तो इसकी वजह सिर्फ मीडिया संस्थानों की धनपिपासा...

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अनिल भास्कर- मुख्यधारा की मीडिया इन दिनों आलोचनाओं के गहरे घेरे में है। पक्षधरता से लेकर जनसरोकारों की उपेक्षा और सामाजिक विकृतियों के विस्तार...

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