प्रातः स्मरणीय भाई साहब अतुल माहेश्वरी की आज चौथी पुण्य तिथि है। हां हम ‘उन्हें भाई’ साहब नाम से ही पुकारते रहे हैं। अमर उजाला उन्हें ‘नवोन्मेषक’ कहता है। यह उसका विषय है। चौथी पुण्य तिथि पर एक ऐसे व्यक्ति जो इंसानियत की मिसाल हो, जो मनसा, वाचा, कर्मणा पत्रकारिता और अमर उजाला को समर्पित हो, जो अपने कर्मचारियों, छोटे से छोटे हम जैसे कार्यकर्ताओं का भी पूरा-पूरा ध्यान रखते हों, जिन्हें हर स्टेशन का स्टींगर मुंह जुबानी याद हो, जो हर फोन काल को स्वयं रीसिव करते और रीसिव न हो पाने की स्थिति में काल बैक करते, हर पत्र का उत्तर देना मानों उनका अपना दायित्व होता, कोई आमंत्रण हो तो उपस्थित न हो सकने की स्थिति में उसके लिए शुभ कामना का पत्र और किसी कर्मी, कार्यकर्ता के दुख-सुख में ढाल बन समाधान करते ऐसे संपादक को खोने का दुख हम-सा तुच्छ कार्यकर्ता भी महसूस कर सकता है। भाई साहब! आपको अश्रुपूरित श्रद्धांजलि, ईश्वर आपकी आत्मा को शान्ति दे।