‘रिपब-लिक टीवी’ मानें भाजपा की गुंडा वाहिनी, शेहला रशीद ने कुछ गलत नहीं किया!

Samar Anarya : अगर आपको लगता है कि रिपब-लिक टीवी वाले को भगा के शेहला रशीद डोरा ने कुछ गलत कर दिया है तो आप निहायक बेवकूफ हैं! क्या है कि नैतिकता और सिद्धांत दोनों उन पर लागू होते हैं जो खुद भी उन्हें मानते हों! और अगर आपको लगता है कि रिपब-लिक पत्रकारिता की नैतिकता मानता है, एक खबरिया चैनल है तो यह आपकी कम बुद्धि की दिक्कत है- हमारी नहीं!

रवीश ने अपने ब्लाग और पोस्ट से चुनौती दी- साबित करो कि यह फोटोशाप नहीं है!

Sheetal P Singh : बूसी बसिया. कल गौरी लंकेश को इसाई बताकर खारिज किया गया था, सबूत में उनके दफ़नाये जाने को उत्तर भारत के कुपढ़ समाज के मूढ़ मष्तिष्क में ठोंसा गया और यह भी कहा गया कि वे केरल की संघ कार्यकर्ताओं की हत्या के पक्ष में लिख रही थीं!

शहला का बिहेवियर कहीं से भी जागृति शुक्ला या दधीचि से अलग नहीं लगा!

Prabhat Shunglu : शहला राशिद का प्रेस क्लब प्रोटेस्ट वाला वीडिया यू ट्यूब पर देखा। दो बातें कहनी हैं। एक- शहला ने जब रिपब्लिक टीवी को गेट आउट कहा तो वो मुझे उसका ये बिहेवियर कहीं से भी जागृति शुक्ला या दधीचि से अलग नहीं लगा। दूसरा- शहला या किसी को भी प्रेस और पत्रकारिता के इस दौर को कोसने का पूरा हक है, लेकिन शहला के अंदाज़ और भाषा में वायलंस था और मैं इसकी निंदा करता हूं।

रिपोर्टर ‘रिपब्लिक’ का हो या ‘पांचजन्य’ का, ‘वायर’ का हो या ‘एक्सप्रेस’ का, उसे रहने का हक़ है

Panini Anand : कल संघ या भाजपा का कोई व्यक्ति अगर किसी पत्रकार को उसके चैनल या पब्लिकेशन की पहचान की वजह से भगाएगा तो हम उसे सही मानें या ग़लत. रिपोर्टर रिपब्लिक का हो या पांचजन्य का, वायर का हो या एक्सप्रेस का, उसे रहने का हक़ है. यह बात सारे सार्वजनिक जीवन वाले लोग समझ लें. नहीं समझेंगे तो हम इसका विरोध करेंगे, चाहे आप किसी भी विचारधारा के हों. याद रखिए, अन्याय के विरुद्ध लड़ते हुए अन्याय करना खुद अन्यायी बन जाना है.

संघी वर्तमान को भी तोड़-मरोड़ देते हैं! (संदर्भ : गौरी लंकेश को ईसाई बताना और दफनाए जाने का जिक्र करना )

Rajiv Nayan Bahuguna : इतिहास तो छोड़िए, जिस निर्लज्जता और मूर्खता के साथ संघी वर्तमान को भी तोड़ मरोड़ देते हैं, वह हतप्रभ कर देता है। विदित हो कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ इलाकों में गंगा को गंगे, गीता को गीते, नेता को नेते और पत्रिका को पत्रिके कहा-लिखा जाता है। तदनुसार गौरी लंकेश की पत्रिका का नाम है- लंकेश पत्रिके। इसे मरोड़ कर वह बेशर्म कह रहे हैं कि उसका नाम गौरी लंकेश पेट्रिक है। वह ईसाई थी और उसे दफनाया गया। बता दूं कि दक्षिण के कई हिन्दू समुदायों में दाह की बजाय भू-समाधि दी जाती है। मसलन आद्य शंकराचार्य के माता पिता की भू-समाधि का प्रकरण अधिसंख्य जानते हैं।

हे सहला राशिद, संस्थानों की लड़ाई व्यक्तियों से नहीं लड़ी जाती!

Atul Chaurasia : सहला राशिद जिस तरह से उंगलियां नचा-नचा कर पत्रकार को लताड़ रही हैं, वह माथे पर चढ़ चुका सेलीब्रेटी नशा भी हो सकता है. संस्थानों की लड़ाई व्यक्तियों से नहीं लड़ी जाती है, यह बात शायद उन्हें समझ नहीं आ रही है. रिपब्लिक की लड़ाई को पत्रकार के साथ निपटाना शायद उन्हें सस्ता और आसान जरिया लगा हो. पर मुगालते से जितना जल्दी बाहर निकल जाएं उतना बेहतर.

Murder of Gauri Lankesh is another horrific act of capitalist-communal nexus

The Socialist Party strongly condemns the murder of Gauri Lankesh, activist and editor of  ‘Lankesh Patrika’. The party calls upon the state and the central government to arrest and sentence the killers of Gauri Lankesh at the earliest.

Country wide outrage over killing of Journalist Gauri Lankesh

There has been widespread resentment and outrage throughout the country over the dastardly killing of the intrepid journalist Gauri Lankesh, the Editor of Lankesh Patrike of Bengaluru. The President of the Indian Federation of Working Journalists (IFWJ) has already demanded for the enquiry into her death as nothing is clear whether she was killed by right wing forces or ultra-left Naxalites as was also on their hit list. Today a demonstration and dharna led by the IFWJ President Shri B.V. Mallikarjunaiah was organised in Bengaluru. The President of the Karnataka Union of Working Journalists Shri N. Raju also joined him along with hundreds of journalists to condemn cowardly murder of Ms.Gauri. The demonstration converged at the Press Club where all speakers condoled her death.

IFWJ, DUJ and JFA condemns killing of fearless journalist Gauri Lankesh

Bengaluru : Indian Federation of Working Journalist has condemned the gruesome killing of Gauri Lankesh, the bold editor of the popular weekly tabloid ‘Lankesh Patrike’. In a statement, the IFWJ President B V Mallikarjunaiah and the Secretary General Parmanand Pandey have asked the government of Karnatka to immediately bring the culprits to book and take stringent action against them.
It may be noted that, of late, the attacks on the journalists across the country have increased the mainly because of the rise of intolerance of different groups.