Mumbai : The Mumbai Press Club expresses its shock over the killing of Madhya Pradesh-based journalist Sandeep Kothari, who has been burnt to death for exposing the sand mafia.
Month: June 2015
गाजीपुर के पत्रकारों ने सरकार को ललकारा, हत्यारों को गिरफ्तार करो
गाजीपुर : शाहजहांपुर के पत्रकार जगेन्द्र सिंह की हत्या एवं हत्यारों की गिरफ्तारी न होने तथा प्रदेश भर में पत्रकारो के ऊपर हो रहे हमलों के विरोध में गाजीपुर पत्रकार एसोसिएशन के तत्वाधान में पत्रकारों ने मिश्रबाजार चौराहे से सरयू पाण्डेय पार्क तक मौन जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया।
सवाल सिर्फ यह है कि क्या संदीप पत्रकार था ?
यह मप्र है, यहां सबकुछ शांति और सद्भाव के साथ होता है। व्यापमं घोटाले में 28 आरोपियों की मौत हो गई फिर भी शांति है। डीमेट घोटाले में दायें से बायें तक सब के सब फंसे हैं। कुल 5500 फर्जी डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं, फिर भी चारों ओर शांति है। पत्रकार संदीप कोठारी हत्याकांड हो गया, तो क्या हुआ, शांति तो शांति ही है। कोई आवाज नहीं उठा रहा। उल्टा पुलिस मरने वाले को ही कुछ इस तरह दोषी ठहरा रही है मानो मौत तो उसका मुकद्दर ही थी। जो हुआ, वही होना था।
पढ़ते रहें भड़ास, लामबंद हो अब उत्पीड़ित-वंचित मीडिया बिरादरी
हम किसी भी कीमत पर इस कारपोरेट मीडिया के तिलिस्म को किरचों में बिखेरना चाहते हैं। मजीठिया के नाम पर धोखाधड़ी से जिन्हें संशोधित वेतनमान के सिवाय कुछ भी हासिल नहीं हुआ है और अपने अपने दफ्तरों में गुलामों जैसी जिनकी जिंदगी है, बेड़ियां उतार फेंकने की चुनौती वे अब स्वीकार करें।
ज़ी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ से एक साथ 15 लोगों के जबरन इस्तीफे
ज़ी मध्यप्रदेश – छत्तीसगढ़ के चैनल हेड दिलीप तिवारी ने चैनल के कुछ रिपोर्टर सहित इनपुट और आउटपुट के कुल 15 लोगों से जबरिया इस्तीफा ले लिया है।
सहारा में एक और विकेट गिरा, दुग्गल ने ज्वॉइन की डॉबर कंपनी
राष्ट्रीय सहारा देहरादून के बुरे हाल हैं। लगभग एक सप्ताह में तीन लोगों ने संस्थान को अलविदा कह दिया । ताजा मामला एकाउंट हेड रमेश चंद दुग्गल का है । दुग्गल ने डाबर कंपनी को ज्वाइन कर लिया है । ऑफर लेटर प्राप्त हो गया है। अगर सब कुछ ठीकठाक रहा तो जुलाई के पहले …
पत्रकार संदीप का शव थाने में रखकर घेराव, हत्या के विरोध में कटंगी बंद
मंडला (मध्य प्रदेश) : पत्रकार संदीप कोठारी की हत्या के विरोध में सोमवार को कटंगी के बाजार बंद हैं. संदीप के परिजनों ने पुलिस थाने के सामने शव रखकर सीबीआई जांच की मांग की. वह सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने तक अंतिम संस्कार नहीं किए जाने की बात पर अड़े हुए थे. आखिकरार एएसपी के एसआईटी का गठन कर जांच के एलान के बाद वह अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए. गौरतलब है कि इससे पूर्व प्रदेश के गृहमंत्री बाबूलाल गौर सीबीआई से घटना की जांच कराने की मांग ठुकरा चुके हैं.
छप्पन लाख में सौदा कर आखिर ढहा ही दिया केदार बाबू का घर
बांदा (उ.प्र.) : आखिरकार, जनकवि जनकवि बाबू केदारनाथ अग्रवाल का मकान ढहा ही दिया गया, और इसी के साथ इस घर से जुड़ी ऐतिहासिक यादें मलबें में बिखर गईं। घर का 56. 64 लाख रुपये में सौदा हो चुका था। जिले के साहित्यकारों ने केदार बाबू की पुत्रवधू की ओर से किया गया सौदे का रजिस्टर्ड इकरारनामा हासिल कर लिया है। उन्होंने मीडिया को इकरारनामे की फोटोकॉपी उपलब्ध करा दी है।
पत्रकार संदीप हत्याकांड की भी सीबीआई जांच से एमपी सरकार का इनकार, जांच एसआईटी को
बालाघाट (म. प्र.) : पत्रकार संदीप कोठारी को अगवा कर जिंदा फूंक देने की घटना की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दी गई है। दो आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। तीसरे फरारी पर 30 हजार का इनाम घोषित हो गया है। संदीप के भाई नवनीत का कहना है कि उनके भाई की हत्या में खनिज, भूमाफिया का हाथ है। इस मामले की केद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराई जाए। इस मांग को राज्य के गृहमंत्री बाबू लाल गौर ने नकार दिया है। कोठारी तीन वर्ष पूर्व एक दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार थे, वर्तमान में भी वे लेखन का कार्य किए जा रहे थे। आरोपियों का चिटफंड, खनन सहित अन्य कारोबार है। कोठारी इन आरोपियों की गतिविधियों के खिलाफ समाचार लिखते रहे हैं।
पत्रकार आधी जंग जीते, जगेंद्र के परिजनों को 30 लाख मुआवजा, दो को नौकरी का भरोसा दिया सीएम अखिलेश यादव ने
नई दिल्ली: पत्रकार जगेंद्र हत्याकांड के आरोपी मंत्री पर तो अभी तक कार्रवाई नहीं हुई लेकिन परिवार से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तीस लाख रुपए के मुआवजे और घर के दो लोगों को नौकरी का भरोसा दे दिया है. इसके बाद परिवार ने धरना खत्म कर दिया है.
पत्रकार जगेंद्र हत्याकांड पर केंद्र और यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
नई दिल्ली : शाहजहांपुर के जुझारू पत्रकार जगेंद्र सिंह की हत्या के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है। इससे हत्याकांड के आरोपी मंत्री और पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता भी आसान होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। कोर्ट ने हत्याकांड के संबंध में यूपी सरकार, केंद्र सरकार और प्रैस काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस भेजकर दो सप्ताह के भीतर जवाब तलब कर लिया है।
व्हाट्सअप ने पत्रकारों को किया एकजुट, घेर लिया सीएम का घर
2008 के आस -पास पहली बार सोशल साइट्स पर कदम रखा था। एक आईटी कंपनी में बतौर एसोसिएट कंटेन्ट क्रिएटर लैपटॉप ऑन करने के बटन को दबाने से मैंने आईटी के इस मकड़जाल को धीरे –धीरे सीखा था। सबसे पहले ऑर्कुट फिर ब्लॉग फिर फेसबुक। तीन साल तक फेसबुक पर अपडेट रहने के कई फायदे हुए। लोगों से जान पहचान हुई और पत्रकारिता जगत में इंट्री भी इसी के माध्यम से हुई। इसलिए आज के व्हाट्सअप तुरत फुरत के जमाने में भी फेसबुक को दिल से जुदा करने का मन नहीं होता लेकिन अब व्हाट्सअप पर क्रांति दौड़ रही है।
पत्रकार पर हमले का विरोध, सीएम भी कार्रवाई करा पाने में नाकाम
फोटो जर्नलिस्ट मनोरंजन सिंह पर अधिकारियों के गुंडों और ठेकेदारों द्वारा किए गए कातिलाना हमले का पूरे झारखंड मे विरोध है. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को उनके घर पहुंचकर घटना की निंदा करते हुए गुंडों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की.
जगेंद्र हत्याकांड पर डीजीपी के खिलाफ कोर्ट जाएंगे कुमार सौवीर
वरिष्ठ पत्रकार कुमार सौवीर ने अपने फेसबुक वाल पर लिखा है – ”यूपी के डीजीपी अरविन्द जैन की पुलिस का कमाल यहां शाहजहांपुर में देखें तो आप दांतों तले उंगलियां कुचल डालेंगे, जहां मंत्री का इशारा था, अपराधी मोहरा बना था और अपराधी बना डाला गया हत्या का जरिया। सिर्फ दो दिन तक पुलिस ने एक सीधी-सच्ची एफआईआर को टाल दिया और उसकी जगह में एक नयी रिपोर्ट दर्ज लिख डालीा ताना-बाना इतना जबर्दस्त बुना गया कि उसके बल पर मंत्री-अपराधी-पत्रकार और पुलिस की साजिशों से जगेन्द्र सिंह के खिलाफ डेथ-वारण्ट तामील करा दिया। अब मैं इस प्रकरण पर सीधे अदालत में ही पुलिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने जा रहा हूं, जिसमें डीजीपी अरविन्द जैन भी शामिल होंगे, जिन्होंने जान-बूझ कर भी एक असल मामले की तहरीर को मनचाहे तरीके से बदलवा दिया।
मजीठिया वेतनमान पर उपायुक्त ने औरंगाबाद भास्कर से जवाब तलब किया
औरंगाबाद दैनिक भास्कर के मराठी दैनिक अखबार दिव्य मराठी को कामगार उप आयुक्त कार्यालय औरंगाबाद विभाग ने मजीठिया के संदर्भ में 19 जून 2015 को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि आप ने मजीठिया वेतनमान अपने यहां लागू किया है नहीं।
Carried live coverage of all major Yoga Day functions : RSTV
New Delhi : Rajya Sabha TV termed baseless a social media campaign that it blacked out International Yoga Day celebrations.
कैमूर में पत्रकारों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पुतला फूंका, धरना
भभुआ (बिहार) । कैमूर ज़िला पत्रकार संघ ने यूपी के पत्रकार जगेंद्र सिंह की जघन्य हत्या तथा पीलीभीत के पत्रकार हैदर खान पर सरकारी गुंडों द्वारा किये गए कातिलाना हमले के विरोध में ज़िला समाहरणालय पर एक दिवसीय धरना दिया और सभा की। उसके बाद यू पी के मुख्यमन्त्री अखिलेश यादव का पुतला दहन किया तथा डी एम के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को अपनी मांग को लेकर ज्ञापन दिया।
कैमूर जिला मुख्यालय पर अखिलेश यादव का पुतला दहन करते पत्रकार
लोकायुक्त नियुक्ति के राजनीतीकरण के प्रयास विरोध
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लोकायुक्त नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव और शिकायतकर्ता पर अंकुश लगाने के प्रयासों को तत्काल बंद करने की मांग की है.
सवाल और आह्वान : जगेन्द्र तो मर गए, क्या आप जिंदा हैं !
लखनऊ : पत्रकार दोस्तों, जगेन्द्र सिंह के जिंदा जलाकर मार दिए जाने के बाद उनका परिवार अब बिखर चुका है। बीबी-बच्चे सड़क पर आ गए हैं और अचानक जिंदगी की छोटी-मोटी जरूरतों तक के लिए भी वे दूसरों पर मोहताज हो गए हैं। आप सभी जानते हैं कि इस स्थिति में आपका अपना परिवार भी कभी भी पहुंच सकता है, यदि आप ईमानदारी से अपनी पेशेगत जिम्मेदारी निभा रहे हैं तो। हालांकि वो लोग जरूर सुरक्षित हैं जिनमें पेशेवाराना ईमानदारी नहीं है और जो छोटी-छोटी खबरों पर भी समझौते कर लेते हैं।
जलाकर मारे गये पत्रकार जगेंद्र और संदीप की हत्या का ज़िम्मेदार कौन?
उत्तर प्रदेश में एक पत्रकार की जलने के बाद हुई मौत से ठीक पहले पत्रकार के अंतिम बयान में यह कहा जाना कि “मुझको गिरफ्तार करना था… तो कर लेते मगर पीटा क्यों ? और आग क्यों लगा दी?”, इतने सवालों को खड़ा कर देता है कि न तो उत्तर प्रदेश सरकार उनका जवाब दे पाएगी न ही पत्रकारिता जगत के दिग्गज! अभी ये मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था, कि मध्य प्रदेश में भाजपा शासित सरकार की नाकामी के तौर पर एक पत्रकार की जली हुई लाश बरामद हुई, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि खनन माफिया ने पहले पत्रकार का अपहरण किया और बाद में जलाकर मारा और लाश को दबा दिया। सरकार सपा की हो या बीजेपी की, पत्रकार कहां सुरक्षित है..? ये समझ में नहीं आ रहा ! और इसके लिए दोषी कौन है..? ये भी साफ नहीं हो रहा है !
वरिष्ठ पत्रकार उमेश द्विवेदी का निधन
मुंबई : वरिष्ठ पत्रकार उमेश द्विवेदी का रविवार को अंधेरी के एक अस्पताल में निधन हो गया। उन्होने जनसत्ता, जनसंसार और सहारा समय मुंबई में काम किया था और वे इस समय राष्टीय सहारा मुंबई में कार्यरत थे। मूलत: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले उमेश द्विवेदी ५५ साल के थे। उनके निधन पर …
सीएमओ के हमले में अजन्मा शिशु गंवा चुकी महिला पत्रकार अनशन पर
रायपुर (छत्तीसगढ़) : जिले की खरसिया तहसील में महिला सीएमओ द्वारा किये गये हमले के कारण, सीएमओ का भ्रष्टाचार उजागर करने की सजा आरती को अपने अजन्मे बच्चे को खोकर चुकानी पड़ी । महिला पत्रकार आरती अपने ऊपर हमले के दौरान मारे गये अपने तीन महीने के गर्भस्थ शिशु की हत्या का मामला दर्ज कराने के लिये पिछले डेढ़ साल से संघर्ष कर रही है।
गुस्से में रवीश कुमार, गाली देने वालों का उनके घर तक पीछा करेंगे
कोई मेरे कमेंट में जाकर गाली देने वालों की सामाजिक पृष्ठभूमि का अध्ययन कर सकता है । आसानी से एक ब्लाक का पता चल सकता है जो गाली देता है । गाली और आलोचना में फ़र्क समझता हूँ । आलोचना हमेशा स्वागत योग्य है । यहाँ तक कि दो कप की तस्वीरें लगा देने पर उसी जाति ब्लाक के लोग आए और अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे ।
संदीप के माता-पिता को घटना की जानकारी नहीं, सदमे के डर से बहन ने ताले में बंद किया
बालाघाट (म.प्र.) : पत्रकार संदीप कोठारी के अपहरण की खबर मिलते ही उनकी मां बेहोश हो गईं। पिता प्रकाश चंद्र कोठारी बदहवास से हो गए। रविवार शाम तक उनको पता नहीं था कि बेटे की हत्या हो चुकी है। बहन ने घर के बाहर इसलिए ताला लगा दिया है कि उनके घर कोई आया तो मां-पिता को संदीप की मौत का पता चल जाएगा।
पत्रकार को छोड़ने के लिए जर्मनी से अल जजीरा की गुजारिश
दोहा : अल जजीरा ने जर्मनी से आग्रह किया है कि वह उसके पत्रकार अहमद मंसूर को तुरंत रिहा कर दे। अहमद मंसूर को मिस्र के अधिकारियों की मांग पर बर्लिन हवाईअड्डे पर हिरासत में ले लिया गया है।
पत्रकार जगेंद्र और संदीप, दोनो की हत्या के पीछे खनन माफिया
बालाघाट (मप्र) : पत्रकार संदीप कोठारी हत्याकांड के संबंध में कटंगी के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस जे एस मरकाम ने बताया कि पुलिस को पता चला है कि तीनों गिरफ्तार आरोपी अवैध खनन और चिटफंड के कारोबार से जुड़े हुए हैं और पत्रकार पर उनके खिलाफ अवैध खनन का एक स्थानीय अदालत में दर्ज प्रकरण वापस लेने का दबाव बना रहे थे। संदीप इसके लिए राजी नहीं था और संभवत: उसे इसकी ही कीमत चुकानी पड़ी है।
जगेन्द्र के परिवार को लालच और धमकियां, डीएम दफ्तर के सामने पत्रकारों ने की तेरहवीं
शाहजहांपुर : पत्रकार जगेंद्र सिंह की मौत के बाद उनके परिवार को धमकी और लालच देने का सिलसिला जारी है। मृतक के परिजनों ने धमकाने की शिकायत पुलिस में दी है। पिछले सात दिनों से धरने पर बैठे परिजनों ने जगेन्द्र का तेहरवीं संस्कार भी कर दिया। जिले के तमाम पत्रकारों ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने जगेन्द्र का तेहरवीं संस्कार किया। इस दौरान पत्रकारों ने हवन पूजन कर 13 ब्राह्मणों को भोजन भी कराया।
जगेंद्र हत्याकांड : मंत्री, पुलिस और दलाल पत्रकार चौकड़ी की करतूतों का ये है जिन्दा सुबूत !
यह है एक निर्भीक पत्रकार को जिन्दा फूंकने के लिए हत्यारे मंत्री-माफिया-पुलिस और पत्रकारों की चौकड़ी का जिन्दा सुबूत। यह सुबूत है कि कैसे जगेन्द्र सिंह को मंत्री और पुलिसवालों ने अंतहीन उत्पीड़न और मारक तनाव दिये, बल्कि यूपी सरकार में सच बोलने वालों को हश्र क्या होता है।
विष्णु प्रभाकर सम्मान समारोह में डॉ.वर्तिका नंदा ने कहा – समाज में हर चुप्पी को तोड़ना होगा
नई दिल्ली : सुप्रसिद्ध साहित्यकार विष्णु प्रभाकर के 104 वें जन्म दिन के अवसर पर गांधी हिन्दुस्तानी साहित्य सभा, विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान, नई दिल्ली और राष्ट्रीय मासिक अनिल संदेश की ओर सेनिधि सभागार में आयोजित समारोह में जानी मानी मीडिया विशेषज्ञ डॉ वर्तिका नंदा ने कहा कि आज समाज में हर चुप्पी को तोड़ना होगा। प्रतिरोध की ताकत विकसित करनी होगी। यह हमारे समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है। समारोह में बिहार के पत्रकार रविशंकर रवि को विष्णु प्रभाकर पत्रकारिता सम्मान, अयोध्या की बिन्दु पाण्ये ‘विजेता’ को विष्णु प्रभाकर शिक्षा सम्मान, जिन्द की डॅा सुधा मल्होत्रा को विष्णु प्रभाकर साहित्य सम्मान के अलावा फरीदाबाद की रंजना, विशिदा की सार्वजनिक भोजनालय समिति को विष्णु प्रभाकर समाज सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया।
खुलेआम पत्रकारों को धमकी, चाहे जो भी हो, सच्चाई तो छपेगी
सुना है सिवनी में अब ब्लेकमेलर पत्रकार भी पैदा हो गये हैं जो पहले यदा-कदा ही देखने को मिलते थे। नगर का एक मिड डे अखबार (राष्ट्रचंडिका नही) जो लोगों की वाणी कहलाता था जिस पर अब ब्लेकमेलिंग का धब्बा लग गया है। यूं तो सिवनी में ऐसे भी पत्रकार है जिनके पास अखबार न होते हुए भी वह डंके की चोट में वसूली अभियान चलाते हैं। राष्ट्रचंडिका ने पहले भी कई ऐसे पत्रकारों के काले कारनामें सामने लायें हैं जिनका कोई वजूद (अखबार) ही नहीं है। ऐसे पत्रकारों को हम ‘छोटे कद के’ पत्रकार कहेंगे जिनका कद वास्तविकता में लंबा क्यों न हो लेकिन पत्रकारिता में छोटे कद के नाम से ही जाने जायेंगे।
जी मीडिया के चैयरमैन सुभाष चंद्रा और उनके पुत्र पुनीत गोयनका के खिलाफ जालसाजी की रिपोर्ट दर्ज
रायगढ़ (छत्तीसगढ़)। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूएसबी चौहान ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर जी मीडिया समूह के अध्यक्ष सुभाष चंद्रा, उनके पुत्र एवं समूह के प्रबंध निदेशक पुनीत गोयनका तथा तीन अन्य के खिलाफ तमनार थाना पुलिस ने जालसाजी की रिपोर्ट दर्ज की है।
डीडब्ल्यू का नया अंग्रेजी चैनल 22 जून को लांच
डॉयचे वेले का नया अंग्रेजी चैनल सोमवार, 22 जून को लांच हो रहा है। इसका न्यूज स्टूडियो नए अंदाज में नजर आएगा। स्टूडियो का मुख्य आकर्षण है दो मीटर ऊंची, 12 मीटर लंबी और एक टन भारी हाई डेफिनिशन वीडियो स्क्रीन। दुनिया भर में सोशल मीडिया पर चल रहे ट्रेंड्स के बारे में डीडब्ल्यू के संपादक लाइव रिपोर्टिंग करेंगे। नए सोशल मीडिया डेस्क और संवाददाताओं के नेटवर्क के जरिए डीडब्ल्यू अपना लक्ष्य हासिल करना चाहता है। डॉयचे वेले चारों भाषाओं में प्रसारण जारी रखेगा।
विवेचना पत्र में पुलिस ने पत्रकार संदीप कोठारी को भी सजायाफ्ता अपराधी करार दिया
पत्रकार संदीप कोठारी हत्या कांड के संबंध में मध्य प्रदेश के कटंगी थाने की पुलिस को दी प्राथमिक सूचना में ललितकुमार राहगडाले ने बताया है कि वह 19 जून को रात साढ़े 12 बजे बाइक से बालाघाट से संदीप के साथ आ रहे थे। आगासी रेलवे क्रासिंग के कुछ दूर एक सफेद रंग की कार नंबर एमएच40केआर 2255 ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी। कार को ब्रजेश डहरवाल चला रहा था। कार में दो लोग और बैठे हुए थे। बाइक गिराने के बाद वे तीनो संदीप कोठारी को अपहृत कर बालाघाट की ओर ले गए।
संदीप हत्याकांड में दबोचे गए दो आरोपी
हिंदी के चंबल का एक बाग़ी मुद्राराक्षस
अगर मुद्राराक्षस के लिए मुझ से कोई एक वाक्य में पूछे तो मैं कहूंगा कि हिंदी जगत अगर चंबल है तो मुद्राराक्षस इस चंबल के बाग़ी हैं । जन्मजात बाग़ी । ज़िंदगी में उलटी तैराकी और सर्वदा धारा के ख़िलाफ़ चलने वाला कोई व्यक्ति देखना हो तो आप लखनऊ आइए और मुद्राराक्षस से मिलिए। आप हंसते , मुसकुराते तमाम मुर्दों से मिलना भूल जाएंगे। हिप्पोक्रेटों से मिलना भूल जाएंगे । मुद्राराक्षस की सारी ज़िंदगी इसी उलटी तैराकी में तितर-बितर हो गई लेकिन इस बात का मलाल भी उन को कभी भी नहीं हुआ । उन को कभी लगा नहीं कि यह सब कर के उन्हों ने कोई ग़लती कर दी हो । वास्तव में हिंदी जगत में वह इकलौते आदि विद्रोही हैं। बहुत ही आत्मीय किस्म के आदि विद्रोही। पल में तोला , पल में माशा ! वह अभी आप से नाराज़ हो जाएंगे और तुरंत ही आप पर फ़िदा भी हो जाएंगे । वह कब क्या कर और कह बैठेंगे , वह ख़ुद नहीं जानते। लेकिन जानने वाले जानते हैं कि वह सर्वदा प्रतिपक्ष में रहने वाले मानुष हैं ।
पत्रकार संदीप हत्याकांड के दो आरोपी दबोचे गए, मध्यप्रदेश पुलिस पूछताछ-छानबीन में जुटी
मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के कटंगी निवासी युवा पत्रकार संदीप कोठारी की हत्या किए जाने की आशंका के बीच पुलिस संदिग्ध आरोपियों से पूछताछ के आधार पर अपनी जांच में जुट गयी है।
हत्यारों द्वारा नृशंसता पूर्वक मौत के घाट उतारे गए युवा पत्रकार संदीप कोठारी के शव के घटनास्थल से लिए गए चित्र……..
मध्य प्रदेश के पत्रकार संदीप कोठारी को जिंदा जलाकर जमीन में दफना दिया
एक बहुत बड़ी खबर मध्य प्रदेश से आ रही है. यहां बालाघाट के एक पत्रकार संदीप कोठारी को माफियाओं ने जला कर मार डाला है. नई दुनिया और पत्रिका जैसे अखबारों में काम कर चुके संदीप की खबरों से माफिया नाराज थे. संदीप बालाघाट के कटंगी कस्बे में कार्यरत थे. बताया जा रहा है कि माफियाओं ने इन्हें किसी बहाने से बुलाया और बहका कर महाराष्ट्र के नागपुर की तरफ ले गए. मध्य प्रदेश की सीमा से बाहर निकलने ही सूनसान इलाका देखकर माफियाओं ने पहले संदीप कोठारी को जिंदा जलाया उसके बाद जमीन में दफना दिया. इस सनसनीखेज और हृदयविदारक घटना जिसकी मिल रही है वह स्तब्ध है.
‘पीपली लाइव’ की डायरेक्टर अनुषा के पति फारूकी अमेरिकी महिला से रेप के आरोप में गिरफ्तार
फिल्म ‘पीपली लाइव’ की डायरेक्टर अनुषा रिजवी के पति महमूद फारूकी को रेप के आरोप में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मामला 28 मार्च का है। अमेरिकी युवती ने फारूकी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। दिल्ली पुलिस ने फारूकी को जेल भेज दिया। पीड़ित युवती अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी में रिसर्चर है।
कातिलों और बेशर्मों के खिलाफ लखनऊ में शुरू हो गई जगेंद्र के परिजनों को इंसाफ दिलाने की जंग
गज़ब हो गया। पहले यही बड़ी बिरादरी कस्बाई बिरादरी को दलाल के तौर पर पुकारती थी, आज वही लखनऊ-राजधानी वाली की बड़ी बिरादरी के लोगों ने छोटी बिरादरी के पहले कहे गए अदने से ‘दलाल’ पत्रकार शहीद जगेंद्र सिंह को गांधी प्रतिमा पर एक बड़े सम्मलेन में अपनी श्रद्धालियां अर्पित कर दिया। हज़रतगंज के जीपीओ चौराहे स्थित गांधी प्रतिमा पार्क पर खूब भीड़ जुटी। सभी के चेहरों पर आक्रोश था, व्यथा थी, गुस्सा था। यकीन मानिये कि आज मैं बेहद खुश हूँ। आज मुझे अहसास हो गया है कि हम बहुत जल्द ही जगेंद्र सिंह और उसके प्रियजन और मित्रों की जीत हासिल कर सकेंगे। बहुत दिनों बाद आज लग रहा है कि शायद मेरा ब्लड प्रेशर अब संभल जाए। जी भर कर रोने का भी मन कर रहा है।
जीएम की हरकतों से नेशनल दुनिया के कर्मचारी गुस्से में
नोएडा : नेशनल दुनिया के नोएडा कार्यालय में आजकल अखबार के मुख्य महाप्रबंधक मनीष अवस्थी की कार्यशैली को लेकर व्यापक रोष व्याप्त है । पिछले कई माह से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है. अपने चाटुकार कर्मचारियों को गुपचुप वेतन दिलवाया जा रहा है । मनीष के इस सौतेले रवैये से सम्पादकीय व अन्य विभाग के कर्मचारियों में रोष है।
रतनलाल जोशी स्मृति शताब्दी समारोह में मूल्यपरक पत्रकारिता की वकालत
राजगढ़ (म.प्र.) : वरिष्ठ पत्रकार महेश श्रीवास्तव ने कहा कि पत्रकारिता क्षेत्र में आने वालों को यह समझना होगा कि वे इस क्षेत्र में क्यों आना चाहते हैं. यदि पत्रकार बनकर रौब झाड़ऩे अथवा बड़े लोगों से सम्पर्क बनाकर स्वार्थ प्राप्ति की ही धारणा है तो इस उद्देश्य के साथ इस पेशे में आने से बचना चाहिये. आज की पत्रकारिता खतरनाक है. जो व्यक्ति अपने स्वार्थों को तिलांजलि देकर कांटे भरे रास्तों में अंधेरे में चलने की हिम्मत रखता है, समाज को कुछ देने की लालसा रखता है, उसे ही आगे आना चाहिये. पत्रकारिता के माध्यम से हम सकारात्मक कार्य करते हुए अपने जीवन को धन्य बना सकते है.
मणिकर्णिका घाट पर सामाजिक कार्यकर्ता धर्मेन्द्र राय की अंत्येष्ठि
‘साझा संस्कृति मंच’ के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्त्ता धर्मेन्द्र राय की अंत्येष्ठि शनिवार को मणिकर्णिका घाट पर की गई। वह गत दिनों प्रतापगढ़ होटल अग्निकांड में मारे गए थे। उनके इकलौते पुत्र आशुतोष राय ने मुखाग्नि दी। परिवार में उनकी पत्नी, पुत्र आशुतोष और एक पुत्री आकांक्षा है।
हिंदुस्तान, सहारा, पत्रिका और दूरदर्शन से आवाजाही की सूचनाएं
गोरखपुर हिंदुस्तान में इन दिनो संपादक दिनेश पाठक के जाने को लेकर चर्चाएं गर्म हैं। बताया जा रहा है कि इलाहाबाद से सुनील द्विवेदी को गोरखपुर स्थानांतरित किया जा रहा है। सुनील इससे पहले आइनेक्स्ट गोरखपुर में काम कर चुके हैं। गोरखपुर आइनेक्स्ट से कुछ रिपोर्टरों के हिंदुस्तान ज्वॉइन करने की संभावनाएं अभी से चर्चा में हैं।
देश में आज भी अघोषित आपात काल कायम
आपातकाल की चालीसवीं वर्ष गांठ के अवसर पर राजनीतिक विमर्श का एक दौर चल पड़ा है। लालकृष्ण आडवाणी के बाद अब पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने भी आपातकाल की संभावना से इंकार नहीं किया है। पीटीआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि ‘आज राजनीति में द्वेष और बदले की भावना बढ़ गई है। इस लिहाज से आपातकाल के डर से इंकार नहीं किया जा सकता।
मुंबई में वरिष्ठ पत्रकार आलोक भट्टाचार्य का निधन
मुंबई : प्रख्यात कवि पत्रकार, साहित्यकार आलोक भट्टाचार्य का शनिवार रात डोंबिवली के नवजीवन अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे पिछले एक साल से बीमार चल रहे थे। वह अपने पीछे पत्नी, पूत्र और पूत्रवधू का भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं। उनके निधन पर मुंबई के पत्रकारो में शोक की लहर है।
अखिलेश सरकार सीबीआई से नहीं कराएगी जगेंद्र हत्याकांड की जांच, अब हाईकोर्ट की सुनवाई का इंतजार
शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग को प्रदेश सरकार ने ठुकरा दिया है। अब देश-प्रदेश के आंदोलित पत्रकारों और संगठनों की निगाह 25 जून को इस मामले की हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं। हत्याकांड का मुख्य आरोपी प्रदेश सरकार का एक आरोपी राममूर्ति वर्मा के होने से इस मांग को ठुकराए जाने की मुख्य वजह माना जार हा है। हत्याकांड में कोतवाली प्रभारी समेत पांच पुलिस वाले भी अभियुक्त हैं। उन्हें निलंबित कर दिया गया है लेकिन एक भी हत्यारोपी अब तक गिरफ़्तार नहीं किया गया है।
शाहजहांपुर में धरने पर बैठे पत्रकार जगेंद्र सिंह के पत्नी बच्चे व अन्य
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर छह महीने तक मीडिया से बात नहीं करेंगे
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि वह छह महीने तक मीडिया से बात नहीं करेंगे। इससे पहले गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री पर्रिकर शायद ही कभी मीडिया के सवालों पर जवाब देने से कतराए हों। वह पिछले तीन दिनों से गोवा में हैं। विभिन्न मुद्दों पर उनके बयान की मीडिया आलोचना कर रहा है।
मंत्री प्रजापति के खिलाफ एफआईआर के लिए डीजीपी दफ्तर के सामने प्रदर्शन
आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने आज मंत्री गायत्री प्रजापति द्वारा महिला आयोग अध्यक्षा जरीना उस्मानी, सदस्य अशोक पाण्डेय और कुछ पुलिसवालों के साथ कूटरचना कर और फर्जी महिला खड़ी कर उन दोनों को बलात्कार और मारपीट जैसी गंभीर मामलों में फंसाए जाने के सम्बन्ध में एफआईआर नहीं दर्ज करने के सम्बन्ध में डीजीपी कार्यालय के सामने अपना विरोध प्रदर्शन किया.
लखनऊ में डीजीपी दफ्तर के सामने विरोध प्रकट करते आईपीएस अमिताभ ठाकुर और सामाजिक कार्यर्ता डॉ.नूतन ठाकुर
बांदा में जनकवि केदारनाथ अग्रवाल का घर ढहाने का विरोध, जलेस ने संरक्षण की मांग उठाई
जनवादी लेखक संघ के महासचिव मुरली मनोहर प्रसाद सिंह एवं उप-महासचिव संजीव कुमार ने विश्वविख्यात हिंदी जनकवि केदारनाथ अग्रवाल का वह घर ढहाए जाने का प्रबल विरोध किया है, जो कभी देश भर के यशस्वी रचनाकारों का अड्डा रहा है। उन्होंने कहा है कि यह बहुत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है, दिवंगत जनकवि केदारनाथ अग्रवाल के बांदा स्थित घर को व्यावसायिक प्रयोजनों से ज़मींदोज़ करने की तैयारियां चल रही है. केदार बाबू ने जिस घर में जीवन के 70 साल गुज़ारे, जहां हिंदी के सभी प्रमुख साहित्यकारों का लगातार आना-जाना रहा, जिस घर में आज भी उस महान कवि का पुस्तकों-पत्रिकाओं का संचयन – बदतर हाल में ही सही – मौजूद है, उसे संरक्षित करने में उनके परिजनों की कोई दिलचस्पी नहीं है.
ये है अंदर की राजनीति, शिवराज ने बंधवाया कैलाश का बोरिया-बिस्तर
अंतत: कैलाश विजयवर्गीय नई दिल्ली पहुंच ही गए और अब वे प्रदेश की बजाय राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय होंगे। कल शाम भाजपा आलाकमान ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव का महत्वपूर्ण जिम्मा सौंप दिया। पर्दे के पीछे का राजनीतिक सच यह भी है कि प्रदेश की राजनीति से कैलाश विजयवर्गीय को बाहर रखने के इच्छुक मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी थे। ताई और भाई का झगड़ा भी पुराना चलता रहा है, लिहाजा लोकसभा अध्यक्ष के रूप में ताकतवर हो चुकी श्रीमती सुमित्रा महाजन यानि ताई ने भी इस मामले में पर्दे के पीछे सक्रिय भूमिका निभाई। दिल्ली दरबार ने भी इस निर्णय से पहले मुख्यमंत्री से सलाह मशवरा करते हुए उन्हें पूरी तवज्जो भी दी। दिल्ली स्थित राजनीतिक सूत्रों का यह भी कहना है कि इंदौर और भोपाल से कैलाश विजयवर्गीय का बोरिया-बिस्तर बंधवाने में शिवराज की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही है।
सीएम अरविंद केजरीवाल के टीवी विज्ञापन पर भाजपा का प्रहार, सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी
इन दिनों टीवी पर केजरीवाल सरकार का एक ऐड चल रहा है जिसमें अरविंद केजरीवाल को छोड़ कर बाकी सभी नेताओं को बेईमान बताया जा रहा है। विज्ञापन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का ‘उल्लंघन’ करार देते हुए भाजपा ने धमकी दी है कि अगर इसे तुरंत नहीं हटाया गया तो वह सुप्रीम कोर्ट जाएगी। केजरीवाल सरकार विज्ञापन पर पैसे की बर्बादी कर रही है।
पूर्व सपा विधायक की सफारी से अमर उजाला के पत्रकार धीरज पांडेय को कुचलने वाला गिरफ्तार
बस्तीः सपा के पूर्व विधायक की सफारी गाड़ी से देर रात अमर उजाला के पत्रकार धीरज पांडेय को कुचलने वाले चालक को घटना के ग्यारह दिन बाद स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
यही है पत्रकार धीरज पांडेय को कुचल कर भागा पूर्व विधायक की गाड़ी का चलक प्रमोद यादव
ये यही राजकमल चौधरी थे जिनके बारे में बदचलनी की अफ़वाहें प्रचलित थीं…
: शीशों की मीनाकारी से बनी तस्वीर : आज अगर राजकमल चौधरी जिन्दा होते, तो वे सत्तर-बहत्तर साल के होते। सहज ही ख़याल होता है कि ‘मछली मरी हुई’, और ‘मुक्ति प्रसंग’ का लेखक सत्तर साल के बुजुर्ग के रूप में कैसा दिख रहा होता और इर्द-गिर्द की दुनिया से किस तरह पेश आ रहा होता? जबकि न तो ‘शहर था शहर नहीं था’ का पटना वैसा रह गया है, न ‘एक अनार एक बीमार’ का कलकत्ता. अपनी अकाल मृत्यु के समय 36 वर्ष की आयु में ही एक किम्वदन्ती बन जाने वाला साहित्यकार ख़ुद को कितना बूढ़ा या जवान महसूस कर रहा होता? उसके अन्तस्तल में बैचैनी और आक्रोश में जो उबलते हुए सोते थे, वे क्या सूख गये होते या शान्त नीली नदियों में तब्दील हो गये होते। अपने समय, समाज और साहित्यिक समुदाय में उसका रिश्ता कैसा होता? सवालों का हुजूम है, जो राजकमल की याद आते ही मन में घुमड़ने लगता है। स्मृतियों की एक कतार है, जो फूल बाबू उर्फ़ मणीन्द्र चौधरी उर्फ़ राजकमल चौधरी से जुड़ी हुई है और सरसों के फूलों की कतार की तरह लहराती है। बहुत-से किस्से हैं, जिन्होंने राजकमल चौधरी को इस तरह ढँका हुआ है, जैसे मेकप और मैनिरिज़्म किसी अभिनेता को ढँके होते हैं।
राजकमल चौधरी अंतर्विरोधों के पोटली थे : इतिहासकार डी.एन. झा
नई दिल्ली : दिल्ली के साहित्य अकादमी समभागार में ‘राजकमल चौधरी रचनावली’ का लोकार्पण प्रसिद्ध आलोचक-द्वय नामवर सिंह ,मैनेजर पांडेय और विख्यात इतिहासकार तथा राजकमल चौधरी के अंतरंग मित्र डी.एन.झा ने किया। राजकमल प्रकाशन समूह द्वारा आयोजित इस लोकार्पण कार्यक्रम में बोलते हुए नामवर सिंह ने कहा- राजकमल चौधरी की रचनाओं ने पीढियों को प्रेरित किया और उनकी रचनावली का प्रकाशन हिन्दी जगत और हिन्दी साहित्य को आगे बढाने में बहुमूल्य योगदान देगा. 50-60 के संक्रमण काल में राजकमल चौधरी ने अपनी रचनाओं के माध्यम से गद्य व पद्य दोनों क्षेत्रों में समानंतर लेखन क्षमता का परिचय दिया।
‘आप’ सोशल मीडिया हेड की पत्नी बोली- केजरीवाल ने बर्बाद कर दिया फेमिली लाइफ
आम आदमी पार्टी के सोशल मीडिया हेड अंकित लाल की पत्नी प्रेरणा प्रसाद ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल पर अपना फेसबुक अकाउंट बंद करवाने की कोशिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, यह कहने में बुरा लग रहा है, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने अपना करियर कई लोगों के करियर और मेरे जैसे यंगस्टर्स की फैमिली लाइफ को बर्बाद कर बनाया है। प्रेरणा ने केजरीवाल को एक मैनिपुलेटर (जोड़तोड़ करने या अपनी बात मनवाने वाला) करार दिया है।
सन टीवी नेटवर्क के लाइसेंस को लेकर जेटली और राजनाथ के मंत्रालय आमने-सामने!
सन टीवी नेटवर्क को लेकर अरुण जेटली और राजनाथ सिंह के मंत्रालय आमने-सामने आ गए हैं। लाइसेंस देने के लिए गृह मंत्रालय से जरूरी सिक्यॉरिटी क्लियरेंस न मिलने पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अटॉर्नी जनरल की राय मांगी है। अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि नेटवर्क को सिक्यॉरिटी क्लियरेंस मिलनी चाहिए। सन टीवी नेटवर्क ने ब्रॉडकास्टिंग लाइसेंस को 10 साल के लिए रीन्यू करने के लिए आईऐंडबी मिनिस्ट्री में ऐप्लिकेशन डाली थी। इन्फर्मेशन ऐंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट्री जो लाइसेंस जारी करती हैं, उसके लिए कंपनियों को गृह मंत्रालय से सिक्यॉरिटी क्लियरेंस लेना जरूरी होता है।
पत्रकार नविका कुमार को सुषमा स्वराज द्वारा धमकाना दुर्भाग्यपूर्ण : एडिटर्स गिल्ड
पूर्व आईपीएल कमिश्नर और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी ललित मोदी की मदद करने को लेकर विवादों में आई विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अब एडिटर गिल्ड के निशाने पर भी आ गई हैं। एडिटर गिल्ड ने सुषमा स्वराज पर मीडिया को धमकाने का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि इस मामले के खुलासे के बाद विदेश मंत्री ने एक महिला पत्रकार का नाम लेकर बाकायदा ट्वीट किया था।
एक तरफ ‘मेक इन इंडिया’ का नारा, दूसरी तरफ छंटनी से लेकर मंदी तक की परिघटनाएं
कांग्रेस की श्रम विरोधी व कारपोरेट परस्त नीतियों से त्रस्त जनता को मोदी सरकार के ‘मेक इन इंडिया‘ और ‘कौशल विकास‘ के नारे से बहुत उम्मीद जगी थी। परन्तु आशा की यह किरण धुंधली पड़ने लगी है। उद्योगों के निराशाजनक व्यवहार को साबित करते हुये देश की दूसरे नम्बर की ट्रैक्टर बनाने वाली कम्पनी ने अपने संयत्रों से 5 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। गनीमत यह रही कि एक प्रतिष्ठित दक्षिण भारतीय महिला की छत्रछाया में चलने वाले इस औद्योगिक समूह से निकाले जाने वाले कर्मियों के प्रति संवेदना दिखाते हुये प्रबन्धन ने उन्हें पहले से ही सूचना देने के साथ साथ न केवल तीन माह का ग्रोस वेतन दिया। बल्कि छंटनी ग्रस्त कर्मियों के लिये एक सुप्रसिद्व जॉब कन्सलटेंट की सेवायें दिलवाकर उन्हें दूसरी कम्पनियों में नौकरी दिलवाने की भी कोशिश की।
‘इंडिया न्यूज’ ने फिर पटका ‘जी न्यूज’ को, विवादित ‘न्यूज नेशन’ बुरी तरह हुआ धड़ाम
23वें हफ्ते की टीआरपी से पता चलता है कि इंडिया न्यूज चैनल काफी मजबूत पोजीशन में पहुंच गया है. यह चैनल जी न्यूज को नंबर चार लगातार खदेड़ने में कामयाब हुआ है. इस हफ्ते भी जी न्यूज नंबर पांच पर है और नंबर चार की कुर्सी इंडिया न्यूज के कब्जे में है. न्यूज नेशन चैनल बुरी तरह धड़ाम हुआ है. उगाही समेत कई किस्म के विवादों में फंसे इस न्यूज चैनल की नैय्या हिचकोले ले रही है. तेज नामक चैनल भी इन दिनों न्यूज नेशन पर भारी पड़ रहा है. कभी यह चौथे नंबर पर पहुंच गया था लेकिन अब सातवें पर आकर सिसक रहा है. न्यूज24 का खराब वक्त चलने लगा है. आईबीएन7 का खराब वक्त लगातार चल रहा है. देखें टीआरपी लिस्ट…
800 करोड़ का घोटालेबाज चिटफंडिया पुष्पेंद्र सिंह बघेल गिरफ्तार, ‘खबर भारती’ नाम से चैनल भी चलाया था
‘खबर भारती’ नाम से न्यूज चैनल चलाने वाले एक चिटफंडिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इंदौर से मिली सूचना के मुताबिक अवैध तरीके से बैंकिंग कारोबार करने वाली सांई प्रसाद इंटरप्राइजेज चिटफंड कंपनी के सीएमडी पुष्पेंद्र सिंह बघेल को भोपाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने उसे इंदौर के राजेन्द्र नगर थाना क्षेत्र के एक होटल से उस दौरान गिरफ्तार किया जब वह अपने ड्राइवर के नाम से रजिस्टर्ड एक चिटफंड कंपनी से जुड़े एजेंटों को ठगी करने के तरीके बता रहा था.
मौजूदा मीडिया बनाम आपातकाल के दौर की पत्रकारिता
क्या मौजूदा वक्त में मीडिया इतना बदल चुका है कि मीडिया पर नकेल कसने के लिये अब सरकारों को आपातकाल लगाने की भी जरुरत नहीं है। यह सवाल इसलिये क्योंकि चालीस साल पहले आपातकाल के वक्त मीडिया जिस तेवर से पत्रकारिता कर रहा था आज उसी तेवर से मीडिया एक बिजनेस मॉडल में बदल चुका है, जहां सरकार के साथ खड़े हुये बगैर मुनाफा बनाया नहीं जा सकता है। और कमाई ना होगी तो मीडिया हाउस अपनी मौत खुद ही मर जायेगा। यानी 1975 वाले दौर की जरुरत नहीं जब इमरजेन्सी लगने पर अखबार के दफ्तर में ब्लैक आउट कर दिया जाये। या संपादकों को सूचना मंत्री सामने बैठाकर बताये कि सरकार के खिलाफ कुछ लिखा तो अखबार बंद हो जायेगा। या फिर पीएम के कसीदे ही गढ़े। अब के हालात और चालीस बरस पहले हालात में कितना अंतर आ गया है।
अब असम में पत्रकार पर हुआ हमला, आतंकियों ने मारी गोली
गुवाहाटी : असम के उदालगुड़ी जिले में एक दैनिक समाचार पत्र के लिए काम कर रहे पत्रकार को गुरुवार को आतंकवादियों के एक समूह ने गोली मार दी। पुलिस ने शुक्रवार को मामले की जानकारी दी। 35 वर्षीय प्रशांत कुमार को कुछ हथियारबंद लोगों ने जिले के खैराबाड़ी इलाके से गुरुवार की शाम अपहृत कर लिया और उन्हें गोली मार दी। पुलिस ने कहा कि आतंकवादियों की पहचान नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट के शांति वार्ता विरोधी धड़े के सदस्यों के रूप में हुई है। पीड़ित पत्रकार ‘असमिया प्रतिदिन’ नाम के समाचार पत्र के साथ काम करता है।
पत्रकारिता को उसका पुराना मिशन और चेहरा दिया जगेन्द्र ने
लगता है लोगों का इतिहासबोध कमजोर पड़ता जा रहा है। पढ़ने की शगल खत्म होती जा रही है, खास तौर पर राजनीतिक जीवधारी, अब किताबों से दूर होते जा रहें हैं। राजनीति की नई कोपलें तो अपनी इतिहास और भूगोल दोनों की सामान्य जानकारी से भी दूर होती जा रही हैं। वर्तमान में जीने वाली पीढ़ी अतीत से शायद कुछ सीखना ही नहीं चाहती। जबकि पहले के राजनेता अध्ययन में रूचि लेते थे और देश व दुनिया के इतिहास और आंदोलन की कहानी पढ़ते थें, पढ़ते ही नहीं थे, बल्कि अध्ययन से अपनी विचारधारा को भी परिपक्व और पुष्ट करते थें। गाँधी, नेहरू, लोहिया, जे.पी, दीन दयाल उपाध्याय आदि अनेक राजनेता और ‘जननायक’ स्वअध्ययन में गहरी रूचि लेने वाले थे।
Jagendra Murder Case : Journalists March to Mulayam’s Residence (See video)
NEW DELHI: A group of journalists today marched to the residence of Samajwadi Party chief Mulayam Singh Yadav to protest against the brutal murder of a freelance journalist in Shahjahanpur. Jagender Singh was allegedly set on fire by policemen on June 1 during a raid at his house at Vikas Colony in Sadar Bazar, Shahjahanpur. He died during treatment at a hospital in Lucknow on June 8.
हरदोई के शहंशाह नरेश अग्रवाल का शिकार बना पत्रकार विजय पांडेय
उत्तर प्रदेश में विधान सभा क्षेत्र वार और जिले वार पुलिस की ठेकेदारी नेताओं को दे दी गई है, इसीलिए हालात भयावह होते जा रहे हैं। संवैधानिक दायित्व के निर्वहन की जगह पुलिस ठेकेदारों के प्रति समर्पित भाव से कार्य करती नजर आ रही है, जिससे ठेकेदार प्रसन्न हैं, पर आम जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। जिला हरदोई में तो पुलिस ने और दो कदम आगे बढ़ कर कार्य किया है। सांसद नरेश अग्रवाल की दुकान से किरायेदार को निकालने के लिए पुलिस ने पूरी दुकान ही खत्म करा दी और इस सब कारनामे को कवर कर रहे एक पत्रकार को न सिर्फ मौके पर अपमानित किया, बल्कि उसके विरुद्ध जानलेवा हमले का मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया है।
पीड़ित पत्रकार विजय पांडेय
रामबहादुर राय ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के चुनौतीपूर्ण दौर में वहां जाकर हिम्मत के साथ रिपोर्टिंग की : रमन सिंह
: सप्रे जयंती समारोह में मुख्यमंत्री ने रामबहादुर राय को माधव राव सप्रे राष्ट्रीय रचनात्मकता सम्मान से किया सम्मानित : जॉन राजेश पॉल को चन्दूलाल चन्द्राकर पत्रकारिता पुरस्कार : रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि पंडित माधव राव सप्रे ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उस दौर में छत्तीसगढ़ अंचल में पत्रकारिता की मशाल प्रज्जवलित की जब राष्ट्रीय चेतना अपने उफान पर थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उस युग में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ बोलना, लिखना या आवाज उठाना देशद्रोह माना जाता था। पंडित माधव राव सप्रे ने ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में सन 1900 में पेण्ड्रा जैसे दूरस्थ अंचल से मासिक पत्रिका ‘छत्तीसगढ़ मित्र’ का सम्पादन और प्रकाशन शुरू करके हिम्मत और हौसले के साथ छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता की बुनियाद रखी। पंडित माधव राव सप्रे ने अपनी साहित्य साधना और पत्रकारिता के जरिए छत्तीसगढ़ सहित सम्पूर्ण मध्य भारत में राष्ट्रीय चेतना का विस्तार किया।
DD Sports to telecast the World University Games
New Delhi, 20 June 2015: DD Sports, India’s only 360 degree Sports channel, just don’t only follows the champions, but plays an integral role in the making of the champions. While it’s true that the champions are worldwide acknowledged in the biggest sporting platforms like the Olympics and Asian Games, but they put their first decisive step in this direction at the School, University and the national games.
पत्रकार वेद प्रताप वैदिक भी धुर मोदी विरोधी हो गए… पढ़िए उनका ताजा लेख
देश में मोहभंग का वातावरण जितनी तेज़ी से अब बढ़ता जा रहा है, उतनी तेज़ी से कभी नहीं बढ़ा। इंदिरा गाँधी से मोहभंग होने में जनता को 8-9 साल लगे,राजीव गाँधी के बोफोर्स का पिटारा ढाई साल बाद खुला और मनमोहन सिंह को इस बिंदु तक पहुँचने में 6-7 साल लगे लेकिन हमारे “प्रधान–सेवक” का क्या हाल है? प्रचंड बहुमत से जीतनेवाले जन—नायक का क्या हाल है? उसका नशा तो दिल्ली की हार ने एक झटके में ही उतार दिया था,और अब वसुंधरा राजे की रोचक कथाओं और सुषमा स्वराज की भूल ने सम्पूर्ण भाजपा नेतृत्व और संघ परिवार को भी कटघरे में ला खड़ा किया है।
मुकेश यादव ने न्यूज18 डॉट कॉम ज्वाइन किया
राष्ट्रीय सहारा, अमर उजाला समेत कई अखबारों में वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके मुकेश यादव ने लंबे गैप के बाद नई पारी की शुरुआत डिजिटल मीडिया के साथ की है. उन्होंने देहरादून में न्यूज18 डाट काम ज्वाइन किया है. न्यूज18 डॉट कॉम इटीवी नेटवर्क का डिजिटल विंग है. मुकेश यादव पत्रकारीयर करियर से मुक्ति पाकर आंतरिक समझ व शांति हेतु लंबी पद यात्रा पर निकले थे. उन्होंने अपनी नई पारी के बारे में फेसबुक पर कुछ यूं लिखा है:
जगेंद्र हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं, खूनियों के खिलाफ आज से आरपार की लड़ाई शुरू : सौवीर
चौरी-चौरा हत्याकाण्ड में पकड़े गये 170 लोगों पर भी जघन्य आरोप लगे थे और अंग्रेजी हुकूमत ने इन सब को फांसी पर लटका देने का हुक्म दे दिया था। लेकिन उस समय महामना मदनमोहन मालवीय ने अपनी शिक्षक की नौकरी छोड़कर इन वकालत की पुरानी डिग्री निकाली और बिना कोई पारिश्रमिक हासिल किये, इनमें से 151 लोगों को फांसी के फंदे से आजाद कराने के लिए जी-जान लड़ा दिया।
नवेंदु कुमार को दूरदर्शन झारखंड की कमान
नवेंदु कुमार को डी डी झारखंड चैनल का एडवाइजर बनाया गया है। प्रसार भारती और दूरदर्शन महानिदेशालय ने उनकी नियुक्ति बतौर चैनल एडवाइजर दूरदर्शन झारखंड के लिए कर दी है।
जगेंद्र हत्याकांड : ‘कुत्ता प्रदेश’ की कहानी, एक आईएएस अफसर की जुबानी… (देखें वीडियो)
Yashwant Singh : जगेंद्र हत्याकांड के खिलाफ प्रेस क्लब आफ इंडिया में आज हुई सभा में सबसे शानदार रहा आईएएस Surya Pratap Singh यानि एसपी सिंह को सुनना. एसपी भाई को एफबी टीवी अखबारों में पढ़ता देखता रहा हूं लेकिन मिलने-सुनने का मौका आज मिला. ग़ज़ब का बोले. बोले क्या झकझोर दिया. उनका आधे घंटे का वीडियो अपलोड करने वाला हूं. तब तक कुछ तस्वीरें. एक तस्वीर में एसपी सिंह जी के साथ संगम पांडेय जी भी हैं, मुड़ मुड़ के ना देख मुड़ मुड़ के वाली फोटो में. संगम पांडेय जी जानी मानी साहित्यिक पत्रिका हंस के पूर्व संपादक रहे हैं. उनसे जमाने बाद मुलाकात हुई. संगम भाई जब भी मिलते हैं, उन्हें देर तक पकड़ कर रखता हूं, बतियाता हूं. ये एक ऐसे पत्रकार लेखक समालोचक शख्सियत हैं कि मिलने पर इनसे अध्यात्म से लेकर ब्रह्मांड तक ढेरों बात बहस तर्क-कुतर्क मैं करता हूं और वो न सिर्फ इसे इंज्वाय करते हैं बल्कि कई ऐसे पढ़ने जानने सीखने के सूत्र छोड़ जाते हैं जिनसे मैं आगे के दिनों में खोजता जूझता लड़ता सोचता पढ़ता रहता हूं. फोटो देखने के पहले ये एक वीडियो देखिए, प्रेस क्लब आफ इंडिया से लेकर मुलायम सिंह यादव के दिल्ली वाले बंगले तक पर हुए प्रदर्शन का: https://www.youtube.com/watch?v=W-F0x9D0m_U
मनमोहना सुपर चीफ महाचोर था, मोदिया चीफ चोरकट है, लेकिन तू रे सिसोदिया… गली छाप चोरवा है का रे….
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया एक नए विवाद में फंस गए हैं। 12 जून को ट्रैफिक पुलिस लगभग एक घंटे तक उनकी कार का पीछा करती रही थी। अंत में छह बजे के करीब भीड़ ने उनकी कार को घेर लिया जिसके बाद उनकी गाड़ी का चालान कर दिया गया। ट्रैफिक पुलिस ने मनीष सिसोदिया की कार को ओवर स्पीड के चलते खजूरी चौक पर रुकने का इशारा किया लेकिन, उनकी गाड़ी नहीं रुकी। कार उनका ड्राइवर चला रहा था जबकि मनीष सिसोदिया पीछे की सीट पर बैठे थे। जबकि इसी दौरान पुलिस ने अन्य लोगों को ओवर स्पीड के कारण न सिर्फ रोक रखा था बल्कि कई गाड़ियों के चालान भी काटे जा चुके थे।
यूपी में जंगलराज : प्रसिद्ध कवि केदार नाथ अग्रवाल के घर पर भूमाफिया का धावा
Sudhir Singh : बाँदा में कवि केदार नाथ अग्रवाल का घर बिक गया। आज शाम किसी भूमाफिया ने ढेर सारी निर्माण सामग्री इकट्ठी करके निर्माण भी शुरू कर दिया है। कुछ असलहाधारी भी बैठे हैं। इस अपने पुश्तैनी घर में हिंदी के विश्वप्रसिद्ध कवि केदार जी करीब 65 साल तक रहे । यह घर अर्धसदी तक हिंदी के बड़े रचनाकारों का भी मिलने-जुलने का केंद्र रहा जहाँ राहुल सांकृत्यायन नागार्जुन, त्रिलोचन, रामविलास शर्मा, महादेवी वर्मा, हरिवंशराय बच्चन जैसे लेखक आते थे। 1972 में बाँदा में आयोजित बाँदा सम्मेलन का भी केंद्र यह घर था। केदार जी के निजी संग्रह की लगभग 7 दशकों की दुर्लभ पत्र-पत्रिकाएँ और हजारों पुस्तकें भी यहीं रखी हैं जिनकी देखरेख केदार शोधपीठ न्यास करता है जिसके सचिव नरेन्द्र पुण्डरीक का कोई पता नहीं है। यह बड़ा और गम्भीर मसला है जिसके लिए तुरंत कुछ किये जाने की जरूरत है।
दैनिक जागरण के फोटो जर्नलिस्ट मनोरंजन सिंह पर रांची में हमला
रांची : दैनिक जागरण के फोटो जर्नलिस्ट मनोरंजन सिंह के साथ कल शाम को अधिकारियों के गुंडों और ठेकेदारों ने मारपीट की, कैमरा और मोबाइल तोड़ दिया. मनोरंजन सिंह एक समाचार के सिलसिले में भवन निर्माण विभाग में पहुंचे थे, जहां एक संगठन के लोग कार्यपालक अभियंता का घेराव करने पहुंचने वाले थे. इसी दौरान पत्रकार पर हमला हुआ. हालाकि बुधवार की रात मुख्यमंत्री ने आयुक्त को पूरे मामले की निष्पक्ष जांच का आदेश दिए हैं लेकिन पत्रकारों का कहना है कि एक अधिकारी की मिलीभगत के कारण निष्पक्ष जांच संभव नहीं है.
जेल में ही दिन काटेंगे सुब्रत राय, बैंक गारंटी का इंतजाम नहीं हुआ
सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय की जमानत मंजूर करते हुए शर्त लगा दी कि रिहाई के लिए उन्हें 5 हजार करोड़ रुपए की बैंक गारंटी और 5 हजार करोड़ कैश जमा करने होंगे। रिहाई के 18 महीनों के भीतर 9 किश्तों में 36000 करोड़ रुपए अदा करने होंगे। यही नहीं, रिहाई के बाद सुब्रत रॉय को हर 15 दिन में दिल्ली के तिलक मार्ग थाने में हाजिरी लगानी होगी। लेकिन कोर्ट के इस फैसले के बावजूद रॉय जेल में ही रहेंगे, क्योंकि सुब्रत रॉय बैंक गारंटी का इंतजाम नहीं कर पाए हैं।
जगेंद्र हत्याकांड के खिलाफ अलीगढ़ में जुलूस निकाला, राज्यपाल को ज्ञापन
अलीगढ़ : बुधवार सुबह लगभग 11.00 बजे सेंटर पाइन्ट चैराहे पर मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति, रीजनल इलैक्ट्रानिक मीडिया, अलीगढ़ इलैक्ट्रोनिक मीडिया, ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन व गणेश शंकर विद्यार्थी प्रैस क्लब के पदाधिकारी, शहर के पत्रकारों ने जगेंद्र हत्याकांड पर जुलूस निकाल कर कड़ा विरोध प्रकट किय।
सीतापुर में कैंडिल मार्च निकाल कर जगेन्द्र को श्रद्धांजलि
सीतापुर : पत्रकार जगेन्द्र सिंह हत्या कांड के विरोध में मंगलवार देर शाम पत्रकारों, समाज सेवियों व व्यापारियों ने लालबाग चैराहे से शहीद लालबाग पार्क तक कैंडिल मार्च निकाला। निर्ममता से मारे गए पत्रकार जगेंद्र सिंह को श्रद्धांजलि दी। पत्रकारों ने कहा कि लगातार हमले हो रहे हैं और सरकार खामोश है। ऐसे वक्त में सभी पत्रकारों को एकजुट रहने की जरूरत है।
सरकार बहादुर ने दो कौड़ी के पत्रकारों के लिए मशीनरी टाइट कर दिया!
Ved Ratna Shukla : वर्मा जी को राम-राम कहलवा भेजिएगा… सरकार बहादुर कहिए तो आपके चरणों में लोट जाऊं… क्या धांसू काम किया है. मन कर रहा है नाचूं! सरकार बहादुर ने दो कौड़ी के पत्रकारों के लिए मशीनरी टाइट कर दिया. गजब! महिलाओं के लिए भी हेल्पलाइन शुरू की थी आपने. यकीन मानिए तबसे महिलाएं रातभर पैदल, स्कूटी से अकेले-दुकेले घूम रही हैं एकदम निश्चिंत-महफूज. आपके इकबाल से उनकी तरफ अब कोई आंख उठाकर देखता भी नहीं. वो कहते हैं न कि यही तो रामराज है. हालांकि मोहनलालगंज.
लोकसभा टीवी के इंप्लाइज को ही नहीं पता कि आज कोई टेस्ट है
लोकसभा टीवी के लिए आज ओपन स्किल टेस्ट था. लेकिन खुद लोकसभा के इंप्लाइज को ही नहीं मालूम था कि आज कोई टेस्ट है. यह टेस्ट अब कैंसल कर दिया गया है. बोला गया है कि अगले वीक यह टेस्ट होगा. वहीं कुछ प्रतिभागियों ने बताया कि लोकसभा टीवी से जुड़े लोगों का कहना है …
पत्रकार जगेंद्र हत्याकांड में नया मोड़, बाहुबलियों के दबाव में मुकर गई चश्मदीद महिला गवाह
‘पत्रकार जगेंद्र सिंह को किसी ने नहीं जलाया, उसने ही खुद को आग के हवाले किया। इस प्रकरण में कोई हत्यारा नहीं है और न ही कोई दोषी है। सब निर्दोष हैं, न राममूर्ति वर्मा का इसमें कोई हाथ है, और न ही उनके करीबी गुफरान का, बस यही सच है, जो मैं कह रही हूं।’ ये कहना किसी और का नहीं बल्कि जगेंद्र की एक महिला सुपरिचित का है।
जगेंद्र हत्याकांड : ताकतवर आरोपियों की साजिश-दर-साजिश, अब महिला बनी मोहरा
दुनिया भर में चर्चित शाहजहाँपुर के पत्रकार जगेन्द्र हत्या कांड को ‘हत्या और आत्म हत्या’ के बीच उलझाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रभावशाली नामजद आरोपी, पुलिस और कुछ मीडिया संस्थान शर्मनाक तरीके से दिवंगत पत्रकार का चरित्र हनन तक करने लगे हैं, जबकि बड़ा कारण हत्या, आत्म हत्या और चरित्र नहीं, बल्कि मृत्यु है। बड़ी बात यह नहीं है, जगेन्द्र मरे कैसे? बड़ी बात यह बात है कि जगेन्द्र मरे क्यों?
‘पहल प्रसंग’ का आयोजन नौ और दस जुलाई को
हिंदी जगत की अनिवार्य पत्रिका के रूप में मान्य पहल के चालीस वर्ष पूरे होने और सेंचुरी अंक के प्रकाशन के अवसर पर विवेचना रंग मण्डल, कहानी मंच और सुर पराग के संयुक्त तत्वावधान में 9 व 10 जुलाई को पहल प्रसंग का आयोजन रानी दुर्गावती संग्रहालय की कला वीथिका में किया गया है। इस दो दिवसीय आयोजन में देश भर के लगभग 25 साहित्यकार, चित्रकार और रंगकर्मी शामिल होंगे।
वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क पहुंचे अब ‘खबर मंत्र’
रांची (झारखंड) के वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क ने अब ‘खबर मंत्र’ को ज्वॉइन कर लिया है.
झारखंड से प्रकाशित ‘खबर मंत्र’ ने जीते जी पूर्व सांसद को दिलवायी श्रद्धांजलि
झारखंड से प्रकाशित ‘खबर मंत्र’ ने धनबाद से कई बार सांसद रहे एके राय को जीते जी श्रद्धांजलि दिलवा दी.
Tata Sky violates I&B Ministry order
New Delhi : DD Bharati, India’s only channel dedicated to Art&Culture has been taken off by leading DTH operator Tata Sky from 13th June 2015 till date without any official information. This accounts to a serious violation from Tata Sky’s end.
सरकार के इशारे पर पत्रकार की लाश पर दूकानें खोल दीं बड़े पत्रकारों ने
पत्रकारों की लड़ाई नहीं, पत्रकारिता को कलंकित करने में जुटे हैं बड़े नेता। इन नेता जी की जिम्मेदारी मानी जाती है कि वे कम से कम अपनी बिरादरी के लोगों के प्रति थोड़ी संवेदनशीलता और संवेदना रखेंगे और पत्रकारों पर होने वाले अन्याय-अत्याचार पर अपनी आवाज निकालेंगे। लेकिन खुद को बड़ा पत्रकार मानने-कहलाने वाले यह पत्रकार-अगुआ लोग न सिर्फ इस मसले पर चुप्पी साधे हुए हैं, बल्कि जागेन्द्र की लाश को खरीदने-बेचने की गुपचुप कवायद में भी जुटे हैं। जागेन्द्र सिंह के जिन्दा-दाहकाण्ड वाले हौलनाक हादसे के बाद इन इस पत्रकार-शिरोमणि ने ठीक वही स्टैण्ड लिया, जो सरकार के इशारे पर यूपी पुलिस कर रही है। बजाय इसके कि जिन्दा जागेन्द्र को मौत की नींद सुलाने वाले अपराधियों पर यह पत्रकार-नेता आंदोलन करते और हुंकारें भरते, इन लोगों ने पूरे मामले की आग पर ही पानी फेर दिया। पत्रकारिता को कलंकित करते इन पत्रकारों ने इस मामले में जो करतूत की है, उससे बड़े से बड़ा दलाल भी शरमा जाएगा।
जगेंद्र हत्याकांड पर राज्यपाल नाइक से मिले मुख्यमंत्री, निष्पक्ष जांच और मदद पर वार्ता
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से आज राजभवन में प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुलाकात की तथा शाहजहांपुर जिले के पत्रकार जगेन्द्र सिंह की मृत्यु के मामले पर विस्तृत चर्चा की. राजभवन से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, राज्यपाल ने मुख्यमंत्री यादव से कहा कि पत्रकार जगेन्द्र सिंह की मौत के मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए जिससे सही तथ्य सामने आयें.
जगेंद्र हत्याकांड : राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री से सीबीआई जांच की गुजारिश
वाराणसी : सोशल मीडिया जर्नलिस्ट अवनिन्द्र कुमार सिंह ने पत्रकार जगेंद्र सिंह मामले की सीबीआई जांच कराने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, उच्च न्यायालय इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश, राज्यपाल राम नाइक और उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को पत्र लिख कर मांग की है कि सीबीआई जांच कराई जाए, तभी ऐसे क्रूरतम कृत्य की सच्चाई सामने आएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी।
मशहूर शायर इनआम हनफी का इलाहाबाद में इंतिकाल
इलाहाबाद : शायर इनआम हनफी का बुधवार सुबह निधन हो गया। शाम सवा पांच बजे अतरसुरइसा के हसन मंजिल स्थित कब्रिस्तान में न्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया। उनके निधन पर वरिष्ठ पत्रकार मुनेश्वर मिश्र ने कहा कि इनआम साहब एक अच्छे शायर के साथ ही एक बेहतरीन इंसान भी थे। उन्होंने बाटनिकल सर्वें आफ इंडिया में बतौर साइंटिस्ट असिस्टेंट के रूप में नौकरी की और 1997 में सेवानिवृत्त हुए।
कांग्रेस के पास रॉबर्ट वाड्रा, भाजपा के पास दुष्यंत, अब खेल बराबरी का
मेरे पास माँ है… यह फिल्मी डायलॉग तो पुराना हो गया है। अब तो राजनीति में नया डायलॉग चल रहा है कि तुम्हारे पास (कांग्रेस) अगर रॉबर्ट वाड्रा है तो हमारे पास (भाजपा) भी दुष्यंत सिंह है। भला हो ललित मोदी का, जिसने कम से कम कांग्रेस की कुछ तो लाज रख ली और दामादजी वाले मामले पर पीट रही भद के बीच अब वसुंधरा के लाड़ले का मामला उजागर हो गया।
क्यों मीडिया को शीशे के घर में कैद करना चाहती है सत्ता?
साल भर पहले जब प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ने ही न्यूज ट्रेडर शब्द इस्तेमाल किया तो संकेत तभी मिल गये थे कि सत्ता बदलते ही सत्ता के निशाने पर मीडिया तो होगा। लेकिन उस वक्त यह अंदेशा बिलकुल नहीं था कि मीडिया नामक संस्थान की साख को भी खत्म करने की दिशा में कदम बढेंगे। क्योंकि मनमोहन सिंह के दौर में राडिया कांड से चंद बडे नाम वाले पत्रकारों के संग क्रोनी कैपटलिज्म का खेल जब खुलकर उभरा तो मीडिया की साख पर बट्टा तो लगा लेकिन यह भरोसा भी जागा की देश में सत्ता बदलेगी तो मीडिया के भीतर पत्रकारों की अहमियत बढ़ेगी क्योंकि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ने ही न्यूज ट्रेडर शब्द कहकर दागी पत्रकारों को संकेत दे दिये हैं। लेकिन नई सत्ता ने साल भर के भीतर ही खुले संकेत दे दिये कि मीडिया की निगरानी सत्ता को बर्दाश्त नहीं है।
जगेंद्र हत्याकांड पर मुख्यमंत्री की हठधर्मिता और शिवपाल का बयान शर्मनाक
शाहजहांपुर : पत्रकार जगेंद्र सिंह की मौत के बाद उनके परिवार के लिए उत्तर प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव से मदद मिलने के बजाय सरकार अपनी हठधर्मिता पर उतारू है। सपा के कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह ने जो बयान जगेंद्र की हत्या को लेकर दिया, वह शाहजहांपुर ही नहीं, पूरे देश को शर्मसार करने वाला है।
पत्रकार आकार पटेल एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के नए प्रमुख बने
पत्रकार और लेखक आकार पटेल एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के नए कार्यकारी निदेशक, भारत में एमनेस्टी इंटरनेशनल के कामकाज के प्रभारी हो गए हैं। संगठन के मुख्य राजनीतिक सलाहकार, रणनीतिकार और प्रवक्ता के रूप में वह एमनेस्टी के भारत में लक्ष्य को दिशा देंगे। पटेल ने कहा है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के साथ काम करने को लेकर मैं स्वयं को गौरवान्वित और सम्मानित महसूस कर रहा हूं।
यूपी : टीवी रिपोर्टर पर अटैक, माइक आईडी, कैमरा, मोबाइल लूटा
यूपी में ध्वस्त कानून व्यवस्था के चलते पत्रकारों पर हो रहे हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। खबरों की खुन्नस एक बार फिर निकली और एक बार फिर पत्रकार पर दबंगों ने सरेराह हमला बोल दिया और मारपीट करने के बाद उसका कैमरा, माइक आईडी व मोबाइल भी छीन कर ले गए। फिलहाल, पुलिस ने दो नामजद व दो अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है लेकिन सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
दलित एजेंडाः2050 की बात करें तो आने वाले 35 साल घनघोर असंतोष के – दिलीप मंडल
देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित मासिक पत्रिका “दलित दस्तक” का चौथा स्थापना दिवस समारोह 14 जून को वैशाली, गाजियाबाद में मनाया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायधीश जस्टिस खेमकरण और मुख्य वक्ता इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विवि, अमरकंटर, मप्र के कुलपति प्रो. टी.वी कट्टीमनी थे. जबकि विशिष्ट अतिथि बौद्ध चिंतक एवं साहित्यकार आनंद श्रीकृष्णा, प्रखर समाजशास्त्री एवं जेएनयू के प्रो. विवेक कुमार एवं वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता जे.सी आदर्श ने की.
महीना वही, मरने वाले का जज़्बा वही, मारने वाले की हैवानियत भी वही
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में जून 2015 में एक पत्रकार को जिंदा जलाकर मार दिया जाता है। लोगों को पता था कि ऐसा हो सकता है, लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा। हत्या के बाद बेशर्मी की हद देखिए कि पत्रकार बिरादरी ने जगेंद्र को कलमकार मानने से ही इनकार कर दिया। अपनों की बेरुखी एक जुनूनी को ले डूबी।
यूपी : मंत्री ने कार्यकर्ताओं से कहा- गद्दारों को बीस-बीस जूते मारो
बस्ती : समाजवादी पार्टी में जनता को गाली देने वाले मंत्री पार्टी आलाकमान के लिये सिरदर्द बनते जा रहे हैं। पंडित सिंह के बाद अब बाहुबली मंत्री ने भाषा की मर्यादा लांघी है। प्रदेश सरकार में पशुधन प्रसार और लघु सिंचाई मंत्री राजकिशोर सिंह ने अपने ही क्षेत्र की जनता के लिये अभद्र भाषा का प्रयोग किया, जिसकी आडियो क्लिप उस वक्त किसी ने बना ली और कुछ ही घंटों में मंत्री जी की यह अभद्र टिप्पणी वाट्सअप पर वायरल हो गई।
‘भैंस’ वाली फिल्म के निदेशक कापड़ी को खोजते मुंबई पहुंचे हरियाणवी मुस्टंडे
विनोद कापड़ी इन दिनों काफी परेशान और अपनी सुरक्षा को लेकर सशंकित हैं। फिल्म प्रदर्शन की तैयारियों के सिलसिले में वह मुंबई में हैं। अंधेरी वेस्ट (मुंबई) के वीआईपी प्लाजा में मौजूद साउंड स्टूडियो के मालिक ने उन्हें बताया है कि हरियाणवी वेशभूषा वाले तीन लोग उन्हें पूछते हुए स्टूडियो पहुंचे थे। डरे-सहमे कापड़ी ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है।
यूपी में कहर जारी, दरोगा ने पत्रकार को गांव वालों के सामने दौड़ा दौड़ा कर पीटा, जेल भेजा
अमेठी : दरोगा ने पत्रकार को गांव वालों के सामने दौड़ा दौड़ा कर पीटा। फिर बाल पकड़कर घसीटते हुए जीप में डाल ले गया थाने। फर्जी धाराओं में जेल भेज दिया।
बिना जांच कार्रवाई पर अड़े पत्रकारों को यूपी सरकार का ठेंगा …
जाइये, नहीं करते राज्यमंत्री को बर्खास्त, नहीं भेजते जेल… अब जो करना है, मीडिया कर ले। कुछ ऐसे ही भाव थे प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा व सरकार में नम्बर दो के दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव के। सोशल मीडिया पर खिलने वाले पत्रकार के मामले में एनडीटीवी वाले रवीश कुमार ने भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम खुला पत्र लिखा और कहा कि अगर राज्यमंत्री पर कार्रवाई करें तो संबंधित पत्र के साथ मेरा पत्र नत्थी कर दें।
जगेंद्र हत्याकांड पर पीएम, सीएम से बात करेंगे राज्यपाल, अखिलेश अपनो की करतूत से विचलित
यूपी के राज्यपाल राम नाइक ने पत्रकार जगेंद्र सिंह के परिजनों को भरोसा दिया है कि वह घटना की विश्वसनीय जांच सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात करेंगे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बहराइच में गत दिवस संकेतों में कहा कि हमारी सरकार के कुछ लोग गलत काम कर रहे हैं। उधर, जगेंद्र सिंह का परिवार पिछले कई दिनो से धरने पर बैठा है लेकिन आरोपी मंत्री के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से पूरे घटनाक्रम पर रिपोर्ट तलब कर ली है। मामले की अगली सुनवाई आगामी 24 जून को होगी।
भारत में 14 करोड़ से अधिक हुए सोशल मीडिया वाले लोग, गांवों में ढाई करोड़
भारत में सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या 14.3 करोड़ तक पहुंच चुकी है। इसमें से ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ताओं की संख्या पिछले एक साल में 100 प्रतिशत तक बढ़कर ढाई करोड़ पहुंच गई है।
ललित मोदी से मिला, खबर से न समझौता होना था और न हुआ
मुझे याद है, राजस्थान में संपादकी कर रहा था। चैंपियंस ट्रॉफी से ठीक पहले हमारे अखबार की वजह से तिरंगा कांड हुआ और ललित मोदी के साथ शहर के एसपी के खिलाफ वारंट जारी हो गया। ललित ने मिलना चाहा और अपन मिलने से मना करने को लोकतंत्र विरोधी मानते हैं। ललित से छोटी सी मुलाकात रामबाग पैलेस होटेल के स्यूट में हुई, साफ था, खबर से ना समझौता होना था और ना हुआ। लेकिन जब और पड़ताल हुई तो शहर कलेक्टर के बारे में लोगों ने बताया किलैंड यूज चेंज के खेल में ललित के साथ कलेक्टर साहेब ने भी करीब 1200 करोड़ कमा लिए।
जगेन्द्र हत्याकांड पर लखनऊ में पत्रकार संगठन ऐसे खामोश क्यों?
पूरे उत्तर प्रदेश में, लगभग हर जनपद में पत्रकार संगठन मौत के घाट उतारे गए पत्रकार जगेन्द्र सिंह के परिवार का साथ दे रहे हैं तथा आन्दोलनरत हैं, परन्तु लखनऊ के कई पत्रकार संगठन बिलकुल मौन हैं। सहायता करना तो दूर, यहां तक कि जगेन्द्र सिंह में ही कमियां गिनाते फिर रहे हैं। उन्हें याद रखना चाहिए कि पति/पिता की मृत्यु का दर्द उसकी निर्बल विधवा तथा अनाथ हुए बच्चे ही जान सकते हैं और आज उत्तर प्रदेश के माहौल में यह दिन किसी अन्य का भी आ सकता है। पिछले दस दिनों में तीन पत्रकारों पर हमले हुए हैं, यह अच्छा संकेत नहीं है।
दो हफ्ते से कोमा में पड़े पत्रकार धीरज पांडेय मगर अमर उजाला को उनकी रत्ती भर चिंता नहीं
अमर उजाला के बस्ती ब्यूरो प्रभारी धीरज पांडेय का एक्सीडेंट हुए दो हफ्ते होने को आ गए। एक पैर बुरी तरह डैमेज हो गया है। कोमा पूरी तरह टूटा नहीं है। डाक्टर कह रहे हैं कि फ्रैक्चर्स काफी है। पूरे बाडी में। सिर में गहरी चोट है। लखनऊ के ट्रामा सेंटर में भरती हैं धीरज, जहां जिंदगी और मौत से लड़ाई चल रही है। परिणाम अच्छा ही होगा, ऐसा मन कह रहा है।
एक मरेगा, सौ जगेंद्र पैदा होंगे, कितने पत्रकार मारोगे सत्ताधारी गुंडों !
वाकई मन बहुत विचलित है। सत्ता की गुंडई में चूर मंत्री राम मूर्ति सिंह वर्मा के ऊपर पत्रकार जागेंद्र सिंह को जिन्दा जलाने सरीखा बेहद गंभीर आरोप है। क्या सच है और क्या झूठ, ये तो मैं भी नहीं जानता लेकिन जब जागेंद्र की फेसबुक पोस्ट देखी तो इतना तो समझ गया कि एक पत्रकार की हैसियत से साक्ष्यों के साथ अवैध खनन से लेकर जमीन कब्जाने तक की सारी खबरें शाहजहाँपुर से लेकर पूरे उत्तरप्रदेश की तस्वीर दिखा रही हैं पर इन खबरों से जिलों में बैठे सारे डीएम और एसपी को तनिक भी फर्क नहीं पडा क्योंकि ये अफसर अब सिर्फ जिलों में बैठे राममूर्ति वर्मा जैसे सफेदपोश गुंडों के दलाल बन चुके हैं।
पूंजी-पोषित नेता और सत्ता-पोषित मीडिया : क्षमा करना जागेंद्र सिंह, इस चक्रव्यूह में हम अकेले !
शाहजहांपुर के जगेंद्र सिंह हत्याकांड से थोड़ा हटकर, मौजूदा पूरे मीडिया परिवेश पर सोचें तो साफ साफ लगता है कि टकराव पत्रकारिता और सियासत के बीच नहीं, बल्कि दो जरायम वर्गों के बीच है। भ्रष्ट सत्ता-पोषित मीडिया खबर की धौंस में यदि राजनेताओं या उनकी पार्टियों की लूट में हिस्सेदारी के बूते अपना कारपोरेट चेहरा चमकाना चाहता है और पत्रकारों का एक बड़ा तबका पुलिस, प्रशासन, नेता, माफिया ठिकानों पर चौथ-कर्मकांडों से उपकृत होते रहना चाहता है, तो मान लेना चाहिए कि इस टकराव की जड़ें कहीं और हैं। स्थितियां बहुत ही भयानक हैं। जगेंद्र हत्याकांड में तो उसकी मद्धिम सी आहट भर सुनाई देती है।
40 Indian Children Stuck up at Paris Airport
Dear Editor, I am approaching all my media colleague to inform that AirIndia Flight AI 142, that was suppose to take off from Paris to India on June 16, 2015 at 10 PM has not taken off for technical reasons.
मजीठिया वेतनमान: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी श्रम विभाग के भी सख्त निर्देश जारी
गोरखपुर : राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि राज्यों की तरह अब उत्तर प्रदेश शासन ने भी मजीठिया वेज बोर्ड की संस्तुतियों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन का सख्त निर्देश जारी कर दिया है। श्रम आयुक्त शालिनी प्रसाद ने प्रदेश के समस्त श्रम अधिकारियों को आदेशित किया है कि वे अपने अपने क्षेत्र के समाचार पत्र प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर तत्काल इस संबंध में रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। आदेश में कहा गया है कि समाचार पत्र प्रतिष्ठानों के निरीक्षण के दौरान वहां कार्यरत पत्रकारों और गैर पत्रकारों की संख्या, उनके मौजूदा वेतनमान आदि के सम्बन्ध में पूरी जानकारी रिपोर्ट में दें। निरीक्षण के लिए जिलाधिकारियों से स्वीकृति लेना आवश्यक नहीं है। मजीठिया वेतनमान से संबंधित क्षेत्रीय स्तर पर कोई रिपोर्ट दर्ज कराई गई हो तो श्रम आयुक्त ने उसके भी त्वरित निस्तारण का आदेश दिया है।
जालंधर ‘पंजाब केसरी’ को पत्रकारों की आवश्यकता
हिंदी समाचारपत्र दैनिक ‘पंजाब केसरी’ को जालंधर यूनिट के लिए सब एडिटर, चीफ सब एडिटर एवं डिप्टी न्यूज एडिटर पदों पर पत्रकारों की आवश्यकता है। वेतन योग्यता के अनुसार दिया जाएगा। इच्छुक पत्रकार फोन नंबर 9592916993 पर संपर्क करने के साथ ही punjabkesari.hr@gmail.com पर अपना बायोडाटा मेल कर सकते हैं।
जंगल राज के खिलाफ लखनऊ में प्रदर्शन करेगा रिहाई मंच
लखनऊ : रिहाई मंच ने कहा है कि पत्रकारों और उनके परिजनों पर हो रहे हमले साफ कर रहे हैं कि सूबे में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। पत्रकार जगेन्द्र सिंह और आरटीआई कार्यकर्ता गुरू प्रसाद शुक्ला हत्याकांड, बांदा में किसान देवी दयाल को जिंदा जला देने, राज्य मंत्री कैलाश चैरसिया द्वारा आरटीओ चुन्नी लाल प्रजापति पर थप्पड़ तानने व गंगा में मारकर फेकवा देने की धमकी, झांसी में अवैध खनन को रोकने वाले तहसीलदार को सपा राज्य सभा सांसद चन्द्र पाल सिंह यादव द्वारा धमकी, सीतापुर में गैंग रेप में सपा नेता, बीडीओ और जेई की संलिप्तता, बरेली में अफरोज का अपहरण, पीलीभीत के पत्रकार हैदर, कानपुर के पत्रकार दीपक मिश्रा समेत बस्ती, मिर्जापुर, रायबरेली में पत्रकारों को निशाना बनाना सपा सरकार की विफलता है। सूबे को मंत्री, विधायक और नेताओं ने आपातकाल से भी बदतर स्थिति में पहुंचा दिया है, जहां खुलेआम मुख्यमंत्री तक हत्यारोपियों का संरक्षण कर रहे हैं। मंच सपा सरकार के खिलाफ आपातकाल की बरसी पर जीपीओ, लखनऊ में धरना-प्रदर्शन करेगा ।
जगेंद्र सिंह : पत्रकारों के लिए सबक, पत्रकारिता के लिए आदर्श
लगभग दो-ढाई वर्ष पुरानी बात होगी. फेसबुक पर किसी ने एक समाचार का लिंक शेयर किया कि काकोरी कांड के अमर शहीद ठाकुर रोशन सिंह की पौत्रवधू की झोपड़ी गाँव के दबंगों ने जला दी है. कड़कड़ाती सर्दी में खुले आसमान के नीचे शहीद के वंशज रात गुजारने को मजबूर हैं . समाचार पढ़कर धक्का लगा . समाचार का स्रोत थे शाहजहांपुर समाचार के नाम से फेसबुक पर सक्रिय जगेन्द्र सिंह . मैं उन दिनों किसी महत्वपूर्ण कार्यक्रम के संयोजन में व्यस्त था पर मैंने सोशल मीडिया पर मुहिम चलायी और मेरी उस मुहिम में जगेन्द्रसिंह, सिराज फैसल खान, अमित त्यागी, भारतीय वायुसेना में वरिष्ठ अधिकारी श्रीकांत मिश्र कान्त आदि जुड़े.
कैंसर से ज्यादा खतरनाक है कैंसर का treatment
मित्रो कैंसर हमारे देश मे बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है । हर साल बीस लाख लोग कैंसर से मर रहे हैं और हर साल नए केस आ रहे हैं । सभी डॉक्टर्स हाथ-पैर डाल चुके हैं। एक छोटी सी विनती है, याद रखना, कैंसर के पेसेंट को कैंसर से मृत्यु नहीं होती है, जो treatment उसे दिया जाता है उससे मृत्यु सबसे अधिक होती है । माने कैंसर से ज्यादा खतरनाक कैंसर का treatment है । Treatment कैसा है, सभी जानते है, Chemotherapy दे दिया, Radiotherapy दे दिया, Cobalt-therapy दे दिया ।
जनसंदेश के जीएम ने 15 कर्मचारियों को निकाला, अखबार बंद होने के कगार पर
मध्यप्रदेश जनसंदेश में मनमानी का आलम यह है कि बिना बताए 15 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया। अब अखबार बंदी की कगार पर है। सेलरी लेने के लिए लोगों को चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जीएम की मनमानी चल रही है, जिसे चाहे सेलरी दे या नहीं। कई पूर्व कर्मचारियों को सेलरी नहीं दी गई। पीड़ित कर्मियों का कहना है कि जीएम अजय सिंह से जब सेलरी की बात की जाए तो उनका जवाब होता है, आप को तो नोटिस नहीं दिया। जिन 15 लोगों को नौकरी से निकाला गया है, क्या उन्हें नोटिस दिया गया है, नहीं, ये मनमानी ही है।
पत्रकारों पर हमले के विरोध में हाथरस प्रेस क्लब ने जुलूस निकाला
हाथरस : शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र को जिंदा जलाकर हत्या करने और कानपुर, बस्ती व पीलीभीत में हुए पत्रकारों पर जालनलेवा हमले के विरोध में हाथरस प्रेस क्लब के पत्रकार भी सड़कों पर उतर पड़े। मौन जुलूस निकालकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एसडीएम सदर को सौंपा।
पत्रकारों पर हमले के विरोध में जुलूस निकालते हाथरस प्रेस क्लब के पत्रकार
झारखंड में पत्रकारों का धरना, जगेंद्र के परिजनों को 50 लाख देने की मांग
कोडरमा (झारखण्ड) : उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पत्रकार जगेन्द्र सिंह की हत्या को लेकर कोडरमा जिले के पत्रकारों ने समाहरणालय परिसर में सांकेतिक धरना दिया। इसके पहले सूचना भवन स्थित पत्रकार सदन में पत्रकारों ने शोक सभा भी की और पत्रकार जगेन्द्र सिंह की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा। धरना प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों ने गजेन्द्र की हत्या के आरोपी मंत्री राममूर्ति वर्मा और पुलिस कर्मियों को बर्खास्त कर उन्हें जेल भेजने, मृतक पत्रकार के परिजनों को 50 लाख रुपया मुआवजा तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की।
शोक सभा और धरना में शामिल पत्रकार
जगेंद्र हत्याकांड के खिलाफ सड़क पर उतरे जौनपुर के पत्रकार, धरना-प्रदर्शन
जौनपुर : जनपद के पत्रकारों ने शाहजहांपुर के साथी जगेन्द्र सिंह की गत दिवस की गयी निर्मम हत्या के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान जहां पत्रकारों ने कलेक्ट्रेट परिसर में घूमकर प्रदेश सरकार व पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की, वहीं पुतला फूंकने के बाद मुख्यमंत्री के नाम सम्बोधित 4 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि नगर मजिस्ट्रेट धर्मेन्द्र सिंह को सौंपा।
जौनपुर कलेक्ट्रेट में धरना-सभा को सम्बोधित करते वरिष्ठ पत्रकार कैलाशनाथ : छाया-कुमार कमलेश
हमलों से सीतापुर के पत्रकारों में रोष, महेंद्र अग्रवाल ने कहा- बनाया जा रहा भय का माहौल
सीतापुर : प्रदेश में प्रशासन की निष्क्रियता के चलते अराजक तत्वों द्वारा पत्रकारों पर लगातार हमले कर भय का माहौल बनाया जा रहा है। निष्पक्ष पत्रकारिता को डरा-धमका कर प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। यह बात उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष महेन्द्र अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन एडीएम सर्वेश दीक्षित को सौंपते हुए कही।
पत्रकारों पर हमलों के विरोध में ज्ञापन देते सीतापुर के पत्रकार
घाटे वाले मीडिया कारोबार पर शेयरधारकों ने मुकेश अंबानी से पूछे सवाल
मुंबई। रिलायंस इंडस्ट्रीज की वार्षिक आमसभा में समूह के चेयरमैन मुकेश अंबानी को निवेशकों के तमाम तरह के सवालों का सामना करना पड़ा। निवेशकों ने मुख्य रूप से कंपनी के प्रतिष्ठित शेयर के मूल्य में आ रही गिरावट व घाटे वाले मीडिया कारोबार के संबंध में सवाल पूछे। एक शेयरधारक के अनुसार शेयरधारकों विशेष रूप से रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा गैर प्रमुख क्षेत्रों मसलन मीडिया, रिटेल, दूरसंचार आदि पर ध्यान केंद्रित किए जाने से नाखुश थे।
जगेन्द्र सिंह हत्याकांड पर हाईकोर्ट का आदेश, प्रदेश सरकार 24 जून तक प्रगति रिपोर्ट सौंपे
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार के अधिवक्ता को पत्रकार जगेन्द्र सिंह की हत्या के मामले में चल रही जांच प्रगति के बारे में 24 जून तक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति श्रीनारायण शुक्ल और न्यायमूर्ति प्रत्यूष कुमार की अवकाश कालीन पीठ ने मंगलवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया. यह याचिका ‘‘वी द पीपुल’’ नामक सामाजिक संगठन के महासचिव प्रिंस लेनिन की तरफ से दाखिल की गयी है. इस याचिका में उन्होंने अदालत से जगेन्द्र सिंह की कथित हत्या की जांच सीबीआई को सौंपने तथा मृतक पत्रकार के परिजनों को समुचित मुआवजा दिलाने के लिए प्रदेश सरकार को आदेश देने का आग्रह किया है.
पत्रकार जगेंद्र हत्याकांड पर मुख्यमंत्री अखिलेश को बोलना पड़ा- ‘किसी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे’
उत्तर प्रदेश में पत्रकार को जलाकर मारने के मामले में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बोलना पड़ गया. एक पत्रकार के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसी के साथ अन्याय नहीं होने देगी. बहराइच में अखिलेश ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोपी मंत्रियों राममूर्ति वर्मा और कैलाश चौरसिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किये जाने सम्बन्धी सवाल पर कहा, ‘समाजवादी हमेशा अन्याय के खिलाफ लड़े हैं. मैं भरोसा दिला सकता हूं कि हम किसी के प्रति अन्याय नहीं होने देंगे.’
इस बहस का क्या मतलब कि जगेन्द्र ने आत्मदाह किया या उसे फूंका गया!
Kumar Sauvir : अब इस बहस का क्या मतलब कि शाहजहांपुर के पत्रकार जागेन्द्र सिंह ने आत्मदाह किया, या फिर उसे फूंक डाला गया था। खास तौर पर तब, जबकि बुरी तरह झुलसे जागेन्द्र ने लखनऊ के सिविल अस्पताल में अपना जो मृत्यु-पूर्व बयान कई लोगों के मोबाइल पर दर्ज कराया था, उसमें उसने साफ-साफ कहा था कि उसे जिन्दा फूंकने की कोशिश की गयी थी। मगर अब इस काण्ड को दबाने और उन्हें दोषियों को जेल भेजने की कवायद करने के बजाय, जो लोग इस मामले का खुलासा करने में जुटे हैं, उन्हें सपा-विरोधी मानसिकता से ग्रसित होने का आरोप लगाया जा रहा है। इतना ही नहीं, शाहजहांपुर और बरेली से लेकर लखनऊ तक पत्रकारों का एक खेमा इस मामले पर पुलिस और प्रशासन की दलाल-बैसाखी बन कर बाकायदा खुलेआम पैरवी में जुटा हुआ है। इन लोगों का मकसद सिर्फ यह है कि इस बर्बर दाह-काण्ड पर राख डालने की कोशिश की जाए। इसके लिए नये-नये तरीके-तर्क बुने जा रहे हैं।
पत्रकार जगेंद्र के हत्यारे मंत्री की गिरफ्तारी न होने पर बनारस में प्रोटेस्ट मार्च और हस्ताक्षर अभियान
वाराणसी। ‘इस समय आदमी के लिए सबसे बड़ा अपराध है, निरपराध होना, जो निरपराध होंगे मारे जायेंगे?’ सोचने पर विवश करने वाली कविता के इन पंक्तियों के साथ शाहजहांपुर के पत्रकार जगेन्द्र सिंह के हत्या के विरोध में मंगलवार की शाम शहर के पत्रकारों, रंगकर्मियों, अध्यापकों, बुद्धिजीवियों ने संयुक्त रूप से दशाश्वमेध स्थित चितरंजन पार्क से लहुराबीर स्थित शहीद चन्द्रशेखर आजाद पार्क तक ‘वक्त नहीं चुप रहने का’ विरोध मार्च निकाल कर हस्ताक्षर अभियान चलाया।
ये तीन वीडियो अखिलेश, मुलायम, रामगोपाल और शिवपाल के लिए हैं… जाग जाइए वरना जनता का श्राप लगेगा…
(यूपी के शाहजहांपुर जिले के पत्रकार जगेंद्र के हत्यारे मंत्री को बर्खास्त कराने और जेल भिजवाने के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर मीडियाकर्मियों के प्रदर्शन का एक दृश्य)
Yashwant Singh : नीचे दिए गए तीन वीडियो खासकर अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव, रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव के लिए हैं जिनके आंखों पर सत्ता का नशा चढ़ा हुआ है, जिनके चेहरे पर ताकत का अहंकार पुता हुआ है, जिनके चाल-ढाल में अमरता की अदा लिपटी हुई है, जिनके बयानों में नश्वरता का नक्शा खिंचा होता है. इनके हाथ में यूपी की सत्ता क्या आ गई है, जैसे ये मनुष्येतर हो गए हैं. जैसे ये अपने आप में हर शख्स के भाग्य नियंता हो गए हैं, जिनको चाहेंगे जीने का हक देंगे, जिनको चाहेंगे जिंदा जलवा डालेंगे. ऐसी सोच समझ वाले अहंकारियों का संपूर्ण नाश होता है एक न एक दिन.
लखनऊ के पत्रकारों की जुबान खामोश क्यों है?
(यूपी के शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र हत्याकांड के खिलाफ दिल्ली में जंतर-मंतर पर हुए प्रदर्शन की एक तस्वीर. वरिष्ठ पत्रकार रुबी अरुण समेत कई महिला पत्रकारों ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया.)
Kumar Sauvir : यकीन मानिये कि मुझे कत्तई कोई भी जानकारी नहीं है कि आप दलाल-बेईमान हैं या फिर ईमानदार। लेकिन आज मैं दावे के साथ कहना चाहता हूं कि हमारी पूरी की पूरी न सही, लेकिन अधिकांश पत्रकार-बिरादरी सिर्फ दलाली ही करती है। बेईमानी तो इनके रग-रग में रच-बस चुकी है। गौर कीजिए ना कि शाहजहांपुर के जांबाज, लेखनी-सैनानी और जुझारू पत्रकार जागेन्द्र सिंह ने सत्य-उद्घाटन के लिए अपनी जान दे दी, मगर सत्य के सामने सिर नहीं झुकाया। नतीजा, मंत्री राममूर्ति वर्मा के इशारे पर उसके पालतू पुलिस कोतवाल, पत्रकार और अपराधियों ने उसे जिन्दा फूंक डाला।