लॉ छात्रा से दरिंदगी की खबर दबाने पर हिंदुस्तान के छायाकार की छुट्टी, क्राइम रिपोर्टर के खिलाफ जांच जारी

दो सप्ताह पूर्व मेरठ स्थित जाग्रति विहार के अमन हॉस्पिटल में आधा दर्जन युवकों द्वारा लॉ की छात्रा से हैवानियत के मामले की खबर हिन्दुस्तान समाचार पत्र के लिए बड़ी नहीं थी। खबर को मैनेज करने वाले छायाकार राहुल राणा को प्रबन्ध तंत्र ने अपनी फजीयत से बचने के लिए जहां बाहर का रास्ता दिखा दिया है, वही क्राईम रिपोर्टर सलीम के खिलाफ जांच बैठा दी है। मेरठ के अमन हॉस्पिटल में छः दरिंदों द्वारा लॉ की छात्रा के साथ हैवानियत की थी सूचना पर हिन्दुस्तान समाचार पत्र का क्राईम रिपोर्टर सलीम अपने साथी छायाकार राहुल राणा के साथ मौके पर पहुंचा।

Yadav Singh case : Noida Authority’s double face exposed

The counter affidavit filed by Noida Development Authority in the PIL filed by social activist Dr Nutan Thakur before Allahabad High Court in Yadav Singh case, completely exposes the leniency shown to him. The affidavit filed by General Manager Bipin Gaur tries to shield itself completely by stating that the PIL seeks steps solely from the State government and the Authority has nothing to do with it.

मैं गोपाल राय…

राजस्थान के कई जिलों में मजीठिया वेज बोर्ड के लिए मीडियाकर्मियों की हड़ताल में शिरकत करने के बाद आज सुबह जब दिल्ली घर लौटा तो कुछ घंटे सोने के बाद फ्रेश होकर नाश्ता करते वक्त न्यूज चैनल खोलते ही एक दृश्य दिखा, एक वाक्य सुना. दिल्ली के एलजी नजीब जंग शपथ दिला रहे थे. गोपाल राय मंत्री पद की शपथ ले रहे थे. ”मैं गोपाल राय…. ”

इंसाफ का पलड़ा अमीरों के पक्ष में, वक्त को और भी शाहिद आजमियों की जरूरत : आनन्द स्वरूप वर्मा

लखनऊ । आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को इंसाफ दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने वाले मुम्बई के वकील शाहिद आजमी की शहादत की पांचवी बरसी पर रिहाई मंच ने ‘लोकतंत्र, हिंसा और न्यायपालिका’ विषय पर सेमिनार किया। यूपी प्रेस क्लब में आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्ता के बतौर बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार आनंद स्वरूप वर्मा ने कहा कि हमारे लोकतंत्र के सामने कई बार चुनौतियां पेश हुई हैं। उन्होंने कहा कि जब भी लोकतंत्र पर खतरे बढ़ते हैं उस खतरे के खिलाफ हिंसा भी बढ़ जाती है।

अरुण पुरी को पत्रकारिता से प्रेम होता तो इंडिया टुडे के दक्षिण भारत के तीन एडिशन्स क्यों बंद करते!

एक बुरी खबर इंडिया टुडे ग्रुप से है. इंडिया टुडे पत्रिका के दक्षिण भारत के तीन एडिशन्स बंद कर दिए गए हैं. अब इंडिया टुडे को तमिल, तेलगु और मलायलम भाषी लोग नहीं पढ़ सकेंगे. इन तीन एडिशन्स के बंद होने के बाद इंडिया टुडे सिर्फ अंग्रेजी और हिंदी में बची है. लोग कहने लगे हैं कि अगर अरुण पुरी को सच में पत्रकारिता से प्रेम होता या मीडिया के सरोकार से कोई लेना-देना होता तो वह दक्षिण भारत के तीन एडिशन्स बंद नहीं करता.

जेपी की सम्पूर्ण क्रांति के दौरान जान की परवाह किये बिना किशन ने लाठी-गोली के बीच जीवंत तस्वीरें खींची

: बिहार में फोटो पत्रकारिता के जनक थे किशन : पूर्वी भारत के अग्रणी छाया-पत्रकारों में शुमार रहे कृष्ण मुरारी किशन के असामयिक निधन पर रामजी मिश्र मनोहर मीडिया फाउंडेशन की ओर से आयोजित श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने उन्हें मरणोपरान्त पद्मश्री से सम्मानित करने की मांग की है।  बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स कान्फ्रेंस हॉल में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार फोटोग्राफी में नवीनतम तकनीक का प्रयोग कृष्ण मुरारी किशन ने किया था। सही मायने में किशन बिहार में छाया पत्रकारिता के जनक थे। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की स्व0 कृष्ण मुरारी किशन के तमाम चित्रों का संकलन प्रकाशित करे।

किरण बेदी पर शुरू से संदेह था : मेधा पाटकर

नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर अन्ना हजारे के 2011 के उस आंदोलन का भी हिस्सा थीं, जिसमें अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी भी जुड़े हुए थे. उन्होंने आम आदमी पार्टी से मुंबई से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन नाकाम रहीं. वह कहती हैं कि कुछ लोगों को शुरू से किरण बेदी के भाजपा में जाने का संदेह था. वह वैकल्पिक राजनीति के रूप में जनांदोलन को आज भी जरूरी मानती हैं. ऐसे समय जब अरविंद केजरीवाल की दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी हो रही है, वह अन्ना हजारे के साथ 24 फरवरी को भूमि अधिग्रहण के खिलाफ जंतर मंतर पर प्रदर्शन की तैयारी कर रही हैं. इन सभी मुद्दों पर अमर उजाला के स्थानीय संपादक सुदीप ठाकुर ने बात कीः

‘आप’ दिल्ली से अपना एक राष्ट्रीय हिंदी दैनिक अविलम्ब शुरू करे : विष्णु खरे

एक भारतीय की हैसियत से 1952 से अपने सारे आम और विधान-सभा चुनाव देखता-सुनता आया हूँ, पत्रकार के रूप में उन पर लिखा भी है, जब से मतदाता हुआ हूँ, यथासंभव वोट भी डाला है, दिल्ली में 42 वर्ष रहा हूँ, लेकिन वहाँ  से आज जो नतीज़े आए हैं वह विश्व के राजनीतिक इतिहास में अद्वितीय हैं और गिनेस बुक ऑफ़ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में तो दर्ज़ किए ही जाने चाहिए. एक ऐसी एकदम नई पार्टी, अपनी पिछले वर्ष की राजनीतिक गलतियों के कारण जिसने देशव्यापी क्रोध, मोहभंग और कुंठा को जन्म दिया था और लगता था कि वह कहीं अकालकवलित न हो जाए, अपने जन्मस्थान में एक अकल्पनीय चमत्कार की तरह लौट आई है. पिछले एक वर्ष में ‘आप’ ने वह सब देख लिया और दिखा दिया है जिसके लिए अन्य वरिष्ठ पार्टियों को कई दशक लग गए.भारतीय परम्परा में मृत्यु या उसके मुख से छूट जाने की कई कथाएँ हैं लेकिन ‘आप’ ने ग्रीक मिथक के फ़ीनिक्स पक्षी की तरह जैसे अग्नि से पुनर्जन्म प्राप्त किया है.

‘मुर्दहिया’ कार डॉ. तुलसी राम का जाना

‘मुर्दहिया’ कार डॉ. तुलसी राम नहीं रहे. फरीदाबाद के रॉकलैंड अस्पताल में उन्होंने आख़िरी साँसें लीं. यह ख़बर हिंदी जगत और हिन्दुस्तान की वाम-जनवादी ताक़तों के लिए स्तब्धकारी है, यद्यपि हम सब जानते थे कि यह ख़बर कभी भी आ सकती है. वे लम्बे समय से बीमार चल रहे थे. हर हफ़्ते दो बार उन्हें डायलिसिस पर जाना होता था. इसके बावजूद वे सक्रिय थे और देश में साम्प्रदायिक दक्षिणपंथ के उभार के ख़िलाफ़, अपनी शारीरिक अशक्तता से जूझते हुए, लगातार लिख-बोल रहे थे. नवम्बर महीने में हुए जनवादी लेखक संघ के दिल्ली राज्य सम्मलेन में उन्होंने उद्घाटन-भाषण दिया था और उससे पहले जून महीने में ‘आम चुनावों में मीडिया की भूमिका’ पर आयोजित जलेस की संगोष्ठी में भी उन्होंने लंबा वक्तव्य दिया था जो कि ‘नया पथ’ के अप्रैल-सितम्बर २०१४ के अंक में अविकल प्रकाशित है.

लखनऊ का कथित सामाजिक कार्यकर्ता संजय शर्मा कंटेंट चोर है!

: ‘यूपी के आईपीएस अमिताभ ठाकुर के पास खाने और दिखाने के दाँत अलग अलग’ संबंधी आरोपों का जवाब : मैंने एक सज्जन संजय शर्मा द्वारा लिखा “यूपी के आईपीएस अमिताभ ठाकुर के पास खाने और दिखाने के दाँत अलग-अलग” शीर्षक लेख पढ़ा जिसमे सब-टाइटल है-“पारदर्शिता की बात करने बालों को ही पारदर्शिता से परहेज”.

कोटा के बाद दैनिक भास्कर भीलवाड़ा में भी बगावत, प्रबंधन पीछे हटा

मजीठिया वेज बोर्ड के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने वाले कर्मियों को लगातार परेशान करने के कारण भास्कर ग्रुप में जगह-जगह विद्रोह शुरू हो गया है. अब तक प्रबंधन की मनमानी और शोषण चुपचाप सहने वाले कर्मियों ने आंखे दिखाना और प्रबंधन को औकात पर लाना शुरू कर दिया है. दैनिक भास्कर कोटा में कई कर्मियों को काम से रोके जाने के बाद लगभग चार दर्जन भास्कर कर्मियों ने एकजुटता दिखाते हुए हड़ताल कर दिया और आफिस से बाहर निकल गए.

बाएं से दाएं : आंदोलनकारी मीडियाकर्मियों के साथ बात करते भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह, अजमेर के वरिष्ठ पत्रकार रजनीश रोहिल्ला और जर्नलिस्ट एसोसिएशन आफ राजस्थान (जार) के जिलाध्यक्ष हरि बल्लभ मेघवाल.

चौरसिया के चैनल की हिन्‍दी… ”सबसे बड़ी मैच वो होगी जब इंडिया खेलेगी, पाकिस्तान खेलेगी”

Raag Bhopali : “सबसे बड़ी मैच वो होगी जब इंडिया खेलेगी, पाकिस्तान खेलेगी”…..चौरसिया के चैनल की हिन्दी। भई वाह! भारत पाक के साथ मैच भी स्त्रीवाची। टीम भी स्त्रीवाची है। गेंद, क्रीज़ तो खैर फ़ेमिनाइन है ही। अब अगर फील्ड न बोलना हो तो मैदान भी स्त्रीवाची हो जाएगा। रन भी बनेगी। चौकी, छक्की भी लगेगी। काफी अच्छी क्रिकेट होगी क्योंकि धोनी भी खेलेगी ही…

दिल्ली की हार, दस लाख का कोट और संघ की हैरानी

गुजरात के सीएम मोदी बदले तो लोकसभा की जीत ने इतिहास रच दिया और प्रधानमंत्री मोदी बदले तो दिल्ली ने बीजेपी को अर्स से फर्श पर ला दिया। दिल्ली की हार से कही ज्यादा हार की वजहों ने संघ परिवार को अंदर से हिला दिया है। संघ उग्र हिन्दुत्व पर नकेल ना कस पाने से भी परेशान है और प्रधानमंत्री के दस लाख के कोट के पहनने से भी हैरान है। संघ के भीतर चुनाव के दौर में बीजेपी कार्यकर्ता और कैडर को अनदेखा कर लीडरशीप के अहंकार को भी सवाल उठ रहे हैं और नकारात्मक प्रचार के जरीये केजरीवाल को निशाना बनाने के तौर तरीके भी संघ बीजेपी के अनुकुल नहीं मान रहा है।

‘हिमाचल दस्तक’ से पिटता नजर आ रहा ‘अमर उजाला’

अमर उजाला को बाय-बाय करने के साथ ही राजेश मंढोत्रा ने हिमाचल दस्तक के राज्य ब्यूरो प्रमुख के पद पर शिमला ज्वाइन किया है। ज्वाइनिंग के बाद से ही वे एक के बाद एक ताबड़तोड़ खबरें छाप रहे हैं। प्रदेश सरकार की अंदर की खबरों के मामले में अमर उजाला हाल ही में प्रकाशित छोटी से लोकल अखबार के आगे पिटता नजर आ रहा है। ज्ञात रहे कि स्व. राजन टोडरिया के समय में अमर उजाला का राज्य ब्यूरो दमदार भूमिका में रहा है। हालांकि बीच में उदय कुमार के नकारात्मक और निहित स्वार्थी किस्म के प्रयोगों के चलते यह धार बीच में कुछ कम जरूर हुई थी, मगर गिरीश गुरुरानी जैसे अनुभवी के कारण स्थिति काबू में आ गई थी। उन्हें गए भी तीन साल हो चुके हैं। तब से लेकर धर्मशाला ट्रांसफर किए जाने तक राजेश मंढोत्रा ने अपने संपर्कों के जरिये राज्य ब्यूरो को बाकी अखबारों के मुकाबले अच्छी स्थिति में रखा था।

राजिम कुंभ : संतों की वाणी से गुंजयमान छत्तीसगढ़

अनादिकाल से छत्तीसगढ़ अनेक धार्मिक प्रसंगों का साक्षी रहा है। छत्तीसगढ़ की महान धार्मिक नगर राजिम की ख्याति महानदी के त्रिवेणी संगम को लेकर है तो इसी छत्तीसगढ़ की धरा पर भगवान श्रीराम के आने के प्रामाणिक तथ्य हैं। शिव के विभिन्न रूपों को आप अलग अलग तरह से देख सकते हैं तो विभिन्न रूपों में देवियां शक्तिपीठ में विराजित हैं। भौगोलिक दृष्टि से नर्मदा नदी का उद्गगम मध्यप्रदेश में दिखता और अमरकंटक भी मध्यप्रदेश के नक्शे में आता है लेकिन यह कभी छत्तीसगढ़ से अलग नहीं हुआ। अनेक धार्मिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक संस्मरणों को तथ्यों के साथ समेटे छत्तीसगढ़ में दर्शन और आध्यात्मक की एक अविरल धारा बहती है जिसमें सतनाम से लेकर बौद्ध सम्प्रदाय के दर्शन होते हैं।

एक कुचक्री ने अपने छर्रों के माध्यम से अपने बेटे को स्व. अनिल साधक स्मृति अपराध पत्रकारिता का पुरस्कार भी दिलवा दिया

: जन वैभव के खिलाफ कुचक्र रचने वालों को दंडित करने का समय : शोषण के विरोध के नाम पर सामंतों, नवाबों और राजघरानों को पालते रहने वाली कांग्रेस अब काल के गाल में समा रही है। पूंजीवादी बयार ने कांग्रेस को मटियामेट कर दिया है और भारतीय जनता पार्टी को अपने सर आंखों पर बिठा लिया है। जो भाजपा कभी एकात्म मानवतावाद की पुरजोर वकालत करती थी वो आज सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानियों के आर्थिक हितों की वकालत कर रही है।

प्रभात खबर भागलपुर संस्करण के चार वर्ष पूरे होने पर मुंगेर कार्यालय में संगोष्ठी आयोजित

: जनसरोकार की पत्रकारिता से ही बचेगी मीडिया की साख :  प्रभात खबर भागलपुर संस्करण की सफलता पूर्वक चार वर्ष पूरे होने पर मुंगेर कार्यालय में ‘‘क्या हो पत्रकारिता की दिशा’’ विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की गयी. यह संगोष्ठी ऐसे समय में आयोजित की गयी. जब मीडिया पर अनेक तरह के सवाल उठाये जा रहे हैं अगर बाजारवाद की स्थिति हावी है. बहुत सारे विचारक यह कहते हैं कि मुनाफे का कोई चरित्र नहीं होता है. बावजूद इसके इस बहस के माध्यम से अपनी जन आकांक्षाओं को टटोलने का प्रयास किया गया.

‘हिंदुस्तान एक्सप्रेस’ के एएन शिब्ली को एयू आज़मी अवार्ड

नयी दिल्ली।  नयी दिल्ली में आयोजित एक प्रोग्राम के दौरान पत्रकारिता में उनकी सेवा के लिए हिंदुस्तान एक्सप्रेस से बयूरो चीफ और आज़ादएक्सप्रेस डॉट कॉम के संपादक ए एन शिब्ली को ए यू आज़मी अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शिबली के अलावा नवभारत टाइम्स के राहुल आनंद , मुस्लिम मिरर के अब्दुल बारी मसूद, ड्रग टुडे के खाजा रशीदुद्दीन, दैनिंक जागरण के अमित कसना भी सम्मानित किये गए।

गौरी हत्याकांड : यूपी पुलिस पर गंभीर मानवाधिकार हनन का आरोप

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने कल अपने पति अमिताभ ठाकुर के साथ गौरी हत्याकांड के कथित घटनास्थल पर अभियुक्त की बहन डॉली से बातचीत के आधार पर उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग और यूपी के डीजीपी को अभियुक्त के परिवार वालों के मानवाधिकार उल्लंघन के सम्बन्ध में शिकायत की है. डॉली ने इन्हें बताया था कि पुलिस गिरफ़्तारी की रात 12 बजे और फिर 4 बजे सुबह बिना महिला पुलिस के आई थी और उन लोगों ने डॉली सहित महिलाओं से अभद्रता की थी.

अंशकालिक पत्रकार ही असली मठाधीश : प्रेम शुक्ल

पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने-अपने क्षेत्र के असली मठाधीश अंशकालिक पत्रकार ही होते हैं. यह उद्गार ‘दोपहर का सामना’ के कार्यकारी संपादक प्रेम शुक्ल ने व्यक्त किया। ‘मुंबई मराठी पत्रकार संघ’ में आयोजित ‘फैमिली ऑफ प्रेस’ नामक मीडिया डायरेक्टरी के विमोचन समारोह में श्री शुक्ल समारोह अध्यक्ष के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर मंच पर एनसीपी के महासचिव अरविंद तिवारी, भाजपा के उत्तर भारतीय मोर्चा के उपाध्यक्ष शिवकुमार सिंह, डॉ. सतीश वैद्य तथा कांग्रेस माइनॉरिटी सेल के अध्यक्ष निजामुद्दीन राईन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन शिवम पांडेय ‘शिवम’ ने किया।

छठें हफ्ते की टीआरपी : सर्वाधिक नुकसान आजतक को, फायदा न्यूज24 को

इस साल के छठें हफ्ते की टीआरपी में सबसे ज्यादा नुकसान आजतक न्यूज चैनल को हुआ है. हालांकि इस नुकसान से इस चैनल के नंबर वन की पोजीशन पर कोई असर नहीं पड़ा है लेकिन यह सिलसिला रुकेगा नहीं तो नंबर वन की कुर्सी भी खतरे में पड़ सकती है. इस हफ्ते आजतक को पूरे 1.5 का नुकसान टीआरपी में है. इससे आजतक अब 18.2 पर है, फिर भी नंबर वन बना हुआ है, क्योंकि नंबर दो पर मौजूद एबीपी न्यूज चैनल को भी इस हफ्ते ठीकठाक नुकसान सहना पड़ा है.

लैकफेड घोटाला : गलत विवेचना में सुब्रत त्रिपाठी जिम्मेदार

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने लैकफेड घोटाले के कई अभियुक्तों के बरी होने और कोर्ट द्वारा लचर विवेचना साबित होने के सम्बन्ध में तत्कालीन एडीजी एसआईबी को-ऑपरेटिव सुब्रत त्रिपाठी की भूमिका की जांच की मांग की है. उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिख कर कहा है कि यह सर्वविदित है कि इस घोटाले की विवेचना पूरी तरह से श्री त्रिपाठी के सीधे नियंत्रण में थी जैसा उस समय के समाचारपत्रों में प्रकाशित खबरों से भी प्रमाणित होता है.

मजीठिया की जंग : जो लेबर इंस्पेक्टर कभी अखबार दफ्तरों की तरफ झांकते न थे, वे आज वहां जाकर जानकारी मांगने को मजबूर हैं

साथियों,  हिमाचल प्रदेश में मजीठिया वेज बोर्ड लागू करने को लेकर मेरे द्वारा बनाया गया दबाव काम करता नजर आ रहा है। हालांकि श्रम विभाग हरकत में तो आया है, मगर अखबार प्रबंधन के दबाव के भय और सहयोग न करने की आदत के चलते श्रम निरीक्षकों को वांछित जानकारी नहीं मिल पा रही है। राहत वाली खबर यह है कि जो श्रम निरीक्षक कभी अखबारों के दफ्तरों की तरफ देखने से भी हिचकिचाते थे, वे आज वहां जाकर जानकारी मांगने को मजबूर हैं। जैसे की आपको ज्ञात है कि मैं मजीठिया वेज बोर्ड के खिलाफ मई २०१४ से लड़ाई लड़ रहा हूं। श्रम विभाग में शिकायतों व आरटीआई के तहत जानकारियां मांगने का दौर जारी है। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में पिछले सात माह से मामला चल रहा है। हाल ही में माननीय सुप्रीम कोर्ट में भी लड़ाई पहुंचा दी है।

झुका प्रभात खबर प्रबंधन, लगने लगी सत्य प्रकाश चौधरी की हाजिरी

मजीठिया के लिए सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा किये जाने से खुन्नस खाये प्रभात खबर प्रबंधन ने रांची में समाचार संपादक सत्य प्रकाश चौधरी को हाजिरी लगाने से रोक दिया था और उनका दफ्तर का ईमेल हैक करवा लिया था. इस पर सत्य प्रकाश ने कड़ा विरोध जताया और कोर्ट में शिकायत व आंदोलन की चेतावनी दी. अंतत: प्रभात खबर प्रबंधन को झुकना पड़ा और 11 फरवरी को उनकी हाजिरी व ईमेल बहाल कर दिया गया.

दिल्ली चुनाव : गजब का प्राकृतिक न्याय है

: जनादेश ने भरे हर जख्म, उभारे हर जख्म : आज मां की आंखों में आंसू हैं। पिता की नजरें उठी हुई हैं। बेटे को गर्व है । बेटी पिता को निहार रही है। पत्नी की आंखें चमक रही हैं। यह केजरीवाल के परिवार का अनकहा सच है। जिसे बीते नौ महीनो के दौर में पूरे परिवार ने जिस दर्द और त्रासदी के साथ भोगा है उसका अंत जनादेश के इतिहास रचने से होगा यह किसने सोचा होगा। गजब का प्राकृतिक न्याय है। बनारस में केजरीवाल की हार और लोकसभा चुनाव में मोदी की अजेय जीत के बाद जो भक्त कल तक केजरीवाल परिवार को कटघरे में खड़ाकर तिरस्कृत करने से नहीं चूक रहे थे और समूचा परिवार दीवारों के भीतर खामोश होकर सिर्फ वक्त को बीतते हुये देख रहा था उसी परिवार को दिल्ली के जनादेश ने सर उठाकर फिर से सर आंखों पर बैठा लिया।

इन छोटी मानसिकता वाले चैनलों ने कई लोगों की ज़िंदगी तबाह कर दी है

किसी का बच्चा उसकी पत्नी की पेट में तकलीफ से पल रहा हो, किसी का मकान मालिक उसे घर से निकाल दे, किसी के पास ऑफिस आने तक का किराया ना हो, कोई दिन में एक टाइम खाना खाकर जी रहा हो, किसी का स्वाभिमान कर्ज मांगते-मांगते मिट गया हो, किसी की आत्मा रो रही हो, तो क्या आप उसे पत्रकार कहेंगे? चैनल वन न्यूज में काम करने वाले कर्मचारियों की दशा ऐसी ही हो चुकी है जैसी आत्महत्या करने से पहले जैसी हो जाती है। पत्रकारिता का दंड क्या होता है वो चैनल में काम करने के बाद पता चलता है। कहने को तो चैनल वन न्यूज़ नेशनल चैनलों की फेहरिस्त में शुमार है लेकिन यहां जिस तरीके से काम किया और करवाया जाता है उसकी स्थिति जल्लादों से कम नहीं है।

अब फिर रोज खुलने लगा अजमेर का अजयमेरू प्रेस क्लब

स्थापना के 14 सालों में कई साल बंद रहने के बाद अब अजयमेरू प्रेस क्लब फिर रोजाना खुलने लगा है। अजमेर नगर निगम की ऐतिहासिक बिलडिंग गांधी भवन के उपरी तले पर अगर आप किसी भी दिन सुबह दस से शाम 5 बजे तक जाते हैं तो वहां सेवा राम मिलता है। नाम का ही नहीं काम का भी सेवा राम। शुरूआत हुई है तो अब मात्र ढाई रूपए में चाय भी मिलने लगी है। यह व्यवस्था शुरू होने के बाद से तो याद नहीं कि वहां आने वाले किसी सदस्य ने अकेले चाय पी हो। पीछे स्थित मदार गेट पर हर तरह का नाश्ता मिलता ही है। वैसे बाजार में चाय के दाम दस से पंद्रह रूपए है। काफी लम्बा अरसा बंद रहने के बाद जुलाई 2014 में क्लब फिर शुरू हुआ।

मजीठिया वेज बोर्ड मामले में दैनिक भास्कर हिसार के संपादक हिमांशु घिल्डियाल को पत्रकारों का मुंहतोड़ जवाब

हिसार दैनिक भास्कर के संपादक हिमांशु घिल्डियाल को पत्रकारों ने आइना दिखा दिया है। जनाब ने सोमवार शाम को भिवानी ऑफिस में मजीठिया को लेकर केस करने वाले एक पत्रकार को अपने ऑफिस में तलब किया। मुलाकात की शुरुआत में उन्होंने कर्मी को डराने की कोशिश करते हुए कहा कि प्रबंधन उनका तबादला करने जा रहा है। वे कभी इस लड़ाई को नहीं जीत सकते। इस पर पत्रकार ने कहा कि आप अगर सोचते हैं कि इस लड़ाई में मैं अकेला हूं तो ये आपकी गलतफहमी है। रही तबादले की बात तो आप करवाके देख लीजिए। आपको अपने और पत्रकारों के पानी का पता चल जाएगा।

गौरी हत्याकांड : आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने दोषी सभी पुलिसवालों के खिलाफ समुचित कार्रवाई की मांग की

हम अमिताभ ठाकुर एवं नूतन ठाकुर ने गौरी हत्याकांड में अपने स्तर पर गहराई से छानबीन की. हम गौरी के घर जा कर उनके माँ और पिता से मिले, घटनास्थल पर जा कर अभियुक्त की बहन डॉली से बात की और आरी दुकान के चावला बंधुओं से बात की. गौरी के माँ पिता वर्तमान तफ्तीश और खुलासे से पूरी तरह असंतुष्ट हैं. उनका कहना है कि एक आदमी द्वारा यह काम कत्तई नहीं किया जा सकता है और इसमें एक से अधिक लोग अवश्य होंगे. उनका यह भी कहना था कि पुलिस उन्हें तफ्तीश के बारे में कुछ भी नहीं बता रही है. उन्होंने कहा कि गौरी का जो मोबाइल फोन दिखाया गया है उसमे पहले 4 जीबी का कार्ड था जबकि जो मोबाइल फोन वापस किया गया उसमे 2 जीबी का कार्ड था और उसका सारा डाटा हटा दिया गया था. गौरी के माँ पिता ने 100 नंबर डायल किया लेकिन कोई समुचित रेस्पोंस नहीं हुआ लेकिन उनके अनुसार अब तक लापरवाह लोगों पर कार्यवाही नहीं हुई है.

दैनिक भास्कर होशंगाबाद के 25 कर्मचारी मजीठिया के लिए गए हाईकोर्ट, नोटिस जारी

दैनिक भास्कर से सबसे ज्यादा मीडियाकर्मी मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से सेलरी एरियर पाने के लिए कोर्ट की शरण में गए हैं. ये संख्या हजारों में हो सकती है. ताजी सूचना होशंगाबाद यूनिट से है. यहां के करीब 25 मीडियाकर्मियों ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है. जब इसकी खबर भास्कर के वरिष्ठ पदाधिकारियों को मिली तो इन्होंने हाईकोर्ट जाने वालों कर्मियों को एक एक कर अलग अलग केबिन में बुलाया और धमकाना शुरू कर दिया. इन्हें नौकरी से निकाल दिए जाने की धमकी भी दी गई है. कर्मचारियों से कहा गया कि उन्हें सात दिन गैर-हाजिर दिखाकर नौकरी से टर्मिनेट कर दिया जाएगा.

भारत भवन : याद रह गयी तेरी कहानी

13 फरवरी 1982 का दिन और आज तैंतीस बरस बाद 13 फरवरी 2015 का दिन। यह तारीख बार बार और हर बार आयेगी लेकिन भारत भवन का वह गौरव कभी आयेगा, इस पर सवाल अनेक हैं। यह सवाल विमर्श मांगता है किन्तु  विमर्श की तमाम संभावनायें पीछे छूट गयी हैं। इतनी पीछे कि अब भारत भवन के गौरव को पाने के लिये शायद एक और भारत भवन की रचना की पृष्ठभूमि तैयार करने की जरूरत दिखती है। यह जरूरत पूरी करने की कोशिश हुई भी तो इसके बावजूद शर्तिया यह कह पाना मुश्किल सा है कि भारत भवन की विश्व-व्यापी कला-घर की पहचान लौट पायेगी। एक अंतर्राष्ट्रीय पहचान वाले इस कला घर की यह दुर्दशा स्वयं से हुई या इसके लिये बकायदा पटकथा लिखी गयी थी, इस पर कोई प्रामाणिक टिप्पणी करना तो मुश्किल सा है लेकिन आज भारत भवन हाशिये पर है, इस बात शीशे की तरह साफ है। तैंतीस बरस का यह कला घर अब एक मामूली आयोजन स्थल में बदल गया है। बिलकुल वैसे ही जैसे भोपाल के दूसरे आयोजन स्थल हैं। भारत भवन के आयोजन की फेहरिस्त लम्बी हो सकती है लेकिन गुणवत्ता पर अब चर्चा नहीं होती है क्योंकि आयोजन अब स्थानीय स्तर के हो रहे हैं। भारत भवन के मंच से संसार भर के कलासाधकों का जो समागम होता था, उस पर पूर्ण न सही, अल्पविराम तो लग चुका है।

दैनिक जागरण मेरठ यूनिट में कई पत्रकार इधर-उधर, अशोक चैहान की छुट्टी

मजीठिया को लेकर नोएडा और हिसार दैनिक जागरण में बवाल चल रहा है तो मेरठ यूनिट में भी कई लोगों को इधर-उधर कर दिया गया। वरिष्ठ पत्रकार अशोक चौहान की दैनिक जागरण से छुट्टी कर दी गई है। वह बिजनौर के लंबे समय तक ब्यूरो चीफ रह चुके हैं और मेरठ में मोदीपुरम के इंचार्ज रहे। इसके बाद उन्हें डेस्क पर बुला लिया गया। डेस्क पर बुलाने के बाद उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। बुलंदशहर के ब्यूरो चीफ नीरज गुप्ता प्रथम को मेरठ में डेस्क पर भेजा गया है तो खुर्जा इंचार्ज नीरज गुप्ता द्वितीय को बुलंदशहर का नया ब्यूरो चीफ बनाया गया है।

दैनिक भास्कर प्रबंधन नीचता पर उतारू, आंदोलन का नेतृत्व कर रहे कर्मियों के खिलाफ थाने में झूठी शिकायत

दैनिक भास्कर कोटा में मजीठिया वेज बोर्ड के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने पर प्रबंधन द्वारा किए जा रहे दमनात्मक कार्यवाहियों का सिलसिला थमा नहीं है. पांच छह कर्मियों को आफिस आने से मना करने के बाद अब इनके खिलाफ प्रिंटिंग मशीन खराब करने की शिकायत स्थानीय थाने में दर्ज कराई है. इससे कर्मचारियों में रोष फैल गया. सभी आंदोलनकारी कर्मचारियों ने प्रबंधन की इस नीचता के खिलाफ एकजुट रहने और आखिरी दम तक लड़ने का संकल्प लिया है. इस बीच भास्कर प्रबंधन ने अपने सभी विभागों के राजस्थान हेड को कोटा भेज दिया है और संकट से निपटारे की कोशिश शुरू कराई है.

भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के साथ बैठक के बाद ग्रुप फोटो खिंचाते दैनिक भास्कर कोटा के हड़ताली मीडियाकर्मी.

बगावत की आग दैनिक भास्कर तक पहुंची, कोटा में हड़ताल

मजीठिया वेज बोर्ड पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने वाले मीडियाकर्मियों के प्रताड़ना का सिलसिला तेज हो गया है. दैनिक जागरण नोएडा के कर्मियों ने पिछले दिनों इसी तरह के प्रताड़ना के खिलाफ एकजुट होकर हड़ताल कर दिया था और मैनेजमेंट को झुकाने में सफलता हासिल की थी. ताजी खबर दैनिक भास्कर से है. यहां भी मीडियाकर्मियों को सुप्रीम कोर्ट जाने पर परेशान किया जाना जारी है. इसके जवाब में दैनिक भास्कर के कोटा के दर्जनों कर्मियों ने एकजुट होकर हड़ताल शुरू कर दिया है.

अमर उजाला के एक वरिष्ठ पत्रकार ने राजुल माहेश्वरी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में किया मानहानि का मुकदमा

अमर उजाला से एक बड़ी खबर आ रही है. यहां कार्यरत एक वरिष्ठ पत्रकार ने अमर उजाला के मालिक राजुल माहेश्वरी पर मानहानि का मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में किया है. उन्होंने राजुल माहेश्वरी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी मजीठिया वेज बोर्ड न देने और मीडियाकर्मियों का पैसा हड़पने के लिए धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है. इन पत्रकार महोदय के वकील ने राजुल माहेश्वरी को भेजे लीगल नोटिस में कहा है कि अमर उजाला प्रबंधन ने मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से पैसा न देना पड़े, इसके लिए कंपनी की प्रोफाइल बदल दी.

दैनिक जागरण पटना के संपादक सदगुरु शरण पर महिला ने लगाया छेड़छाड़ का आरोप

एक बड़ी खबर पटना से आ रही है. दैनिक जागरण के संपादक सदगुरु शरण पर एक तलाकशुदा महिला ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया है. महिला ने कोतवाली में एफआईआर दर्ज करने के लिए लिखित तहरीर दी है. महिला का आरोप है कि अवस्थी ने अपने चेंबर में उसके साथ गलत हरकत की. महिला किसी तरह अपनी आबरू बचाकर भागी.

दैनिक जागरण नोएडा हड़ताल : देखिए और पढ़िए जीत के इस निशान को, सलाम करिए मीडियाकर्मियों की एकजुटता को

जो मालिक, जो प्रबंधन, जो प्रबंधक, जो संपादक आपको प्रताड़ित करता है, काम पर आने से रोकता है, तनख्वाह नहीं बढ़ाता है, बिना कारण ट्रांसफर करने से लेकर इस्तीफा लिखवा लेता है, वही मालिक प्रबंधन प्रबंधक संपादक जब आप एकजुट हो जाते हैं तो हारे हुए कुक्कुर की तरह पूंछ अपने पीछे घुसा लेता है और पराजित फौज की तरह कान पकड़कर गल्ती मानते हुए थूक कर चाटता है. जी हां. दैनिक जागरण नोएडा में पिछले दिनों हुई हड़ताल इसका प्रमाण है. कर्मचारियों की जबरदस्त एकजुटता, काम का बहिष्कार कर आफिस से बाहर निकल कर नारेबाजी करना और मैनेजरों के लालीपॉप को ठुकरा देना दैनिक जागरण के परम शोषक किस्म के मालिक संजय गुप्ता को मजबूर कर गया कि वह कर्मचारियों की हर मांग को मानें.

पंकज यादव और मनोज पासवान ‘चौपाल दर्पण’ से जुड़े

आदित्य बाला समूह देश के अनुसूचित जाति एवं जनजाति व पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं महिला वर्ग की समस्याओं पर आधारित इन वर्गों पर केन्द्रित मासिक हिन्दी पत्रिका ‘चौपाल दर्पण’ 16 मार्च 2015 को लखनऊ से प्रकाशन शुरू करेगा। पत्रिका में बहुजन समाज से जुड़े राजनैतिक, वैचारिक व समाजिक मुद्दों के साथ बहुजन नेताओं पर चर्चा …

संजय द्विवेदी द्वारा संपादित दो पुस्तकों का विमोचन

भोपाल, 10 फरवरी। मीडिया विमर्श के तत्वावधान में आयोजित समारोह में लेखक एवं मीडिया गुरु संजय द्विवेदी द्वारा संपादित दो पुस्तकों ‘अजातशत्रु अच्युतानंद’ और ‘मीडिया, भूमण्डलीकरण और समाज’ का विमोचन किया गया। इस मौके पर संपादक श्री द्विवेदी ने कहा कि दोनों पुस्तकें रचनात्मक और सृजनात्मक पत्रकारिता के पुरोधाओं को समर्पित हैं। पुस्तकों का विमोचन माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थियों ने किया, जो इन दिनों देश के विभिन्न मीडिया माध्यमों में कार्यरत हैं। कार्यक्रम का आयोजन सात फरवरी को भोपाल स्थित गांधी भवन में किया गया। इस मौके पर दिल्ली, छत्तीसगढ़, पंजाब, मध्यप्रदेश, झारखण्ड, बिहार और उत्तरप्रदेश सहित अन्य शहरों से आए मीडियाकर्मी, बुद्धिजीवी एवं पत्रकारिता के विद्यार्थी मौजूद थे।

‘न्यूज इंडिया’ के मालिक ने मुझे इंटीमेट लेडी कॉन्फीडेंशियल लेडी बनने के लिए कहा… (देखें पीड़िता का इंटरव्यू)

‘न्यूज इंडिया’ चैनल के मालिक और निम्स विवि के चेयरमैन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली लड़की का विशेष इंटरव्यू खोजी पत्रकार संजीव चौहान के यूट्यूब चैनल Crimes Warrior पर उपलब्ध है जिसका लिंक नीचे दिया जा रहा है. इस इंटरव्यू की कुछ खास बात यहां पढ़ सकते हैं:

संजीव पाठक, अजय सक्सेना, राम प्रवेश के बारे में सूचनाएं

शशिकांत संदभोर ने मुंबई में मराठी न्यूज चैनल ‘जाग्रुति’ ज्वाइन किया है. वे मुंबई ब्यूरो चीफ बनाए गए हैं. उधर, शाहजहांपुर अमर उजाला के ब्यूरो चीफ अजय सक्सेना को बरेली भेज दिया गया है और उनकी जगह संजीव पाठक अमर उजाला के ब्यूरो चीफ की जिम्मेदारी दी गई है. पहले संजीव पाठक को बदायूं से रोहतक भेजा गया था. वे पहले भी यहां अमर उजाला के ब्यूरो चीफ रह चुके हैं.

बदायूं के पत्रकार रवि का निधन, डाला के पत्रकार कौशल राय पर चली गोली

बदायूं से खबर है कि पत्रकार रवि सक्सेना का निधन हो गया है. रवि सक्सेना बदायूं के युवा और मेधावी पत्रकार थे. उधर, डाला के ‘आज’ अखबार के पत्रकार कौशल राय पर जानलेवा हमला हुआ है. उनकी कार पर अज्ञात स्कार्पियो सवार हमलावरों ने फायरिंग की. हालाकि फायरिंग में वे सुरक्षित बच गये. घटना की सूचना पर स्थानीय लोगों ने डाला में जाम लगा दिया. उधर पुलिस ने एक हमलावर को गिरफ्तार करने का दावा किया है लेकिन हमलावर को कहाँ रखा गया है इसे गोपनीय रखा जा रहा है. डाला पुलिस चौकी में भारी संख्या में पत्रकार जुटे हुए है. पत्रकारों में भारी आक्रोश व्याप्त है.

‘न्यूज एक्स’ के वरिष्ठ पत्रकार दीप्तोष मजूमदार का निधन

वरिष्ठ पत्रकार दीप्तोष मजूमदार का रविवार को दिल्ली में एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। 55 वर्षीय मजूमदार के परिवार में उनकी पत्नी हैं। ‘न्यूज एक्स’ में राष्ट्रीय मामलों के संपादक मजूमदार एक्यूट मायलेकोसाइटिक ल्यूकेमिया (एएमएल) से पीड़ित थे। एएमएल ब्लड कैंसर का एक प्रकार है।

टीवी कार्यक्रम और विज्ञापन के बीच चलो चलें जुमले बनाएं

Sanjaya Kumar Singh : दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान का दिन था। मैं दिन भर घर पर ही था लेकिन जिससे भी बात हुई सबका यही कहना था कि आम आदमी पार्टी की स्थिति मजबूत दिख रही है। शाम में सोचा एक्जिट पॉल देख लिया जाए। शाम 6:00 बजे टीवी ऑन किया और चैनल सर्फ करते हुए देखा कि इंडिया टीवी पर अजीत अंजुम Ajit Anjum एंकरिंग कर रहे थे। इसी पर रुक गया। 6:20 होने तक लगने लगा कि मैं खबरें देख रहा हूं या विज्ञापन। पुराना अनुभव यह रहा है कि एक चैनल पर विज्ञापन आता है तो दूसरे पर भी विज्ञापन ही आ रहा होता है और चैनल बदलने का कोई लाभ नहीं मिलता।

कृष्णदत्त पालीवाल का जाना…

Vineet Kumar : नहीं रहे हमारे कृष्णदत्त पालीवाल सर… एमए का आखिरी पेपर उन बच्चों के लिए प्रोजेक्ट हुआ करता था जो ऑप्शन में मीडिया लिया करते थे..और इस प्रोजेक्ट के लिए विभाग से एक गाइड तय किए जाते थे. जब हमने एमए हिन्दी साहित्य में दाखिला लिया तो के डी सर की धूम थी. वो जापान से लौटे ही थे और सीनियर्स को देखता था कि हर दूसरे उन्हीं के साथ पीएचडी करना चाहते थे. एमए की क्लास में गोविंद दर्शन जैसी भीड़ होती. सच पूछिए तो केडी सर और नित्यानंद तिवारी सर के लिए ही हम बच्चे आर्ट्स फैकल्टी जाते..वैसे मैं बैल की तरह पूरी क्लास में मौजूद होता. खैर. एमए की इस प्रोजेक्ट के लिए वो स्वाभाविक रुप से मिल गए. लिस्ट में नाम आने के बाद मैं वहां गया. अपना विषय बताया और कहां सर बताइए- कैसे लिखना है.

वेतन न मिलने से सहारा मीडिया के कर्मचारी भुखमरी के कगार पर

वेतन न मिलने से सहारा मीडिया के कर्मचारी भुखमरी के कगार पर आ गये हैं। लगभग एक सप्ताह पहले एजेडब्लू (इनका अपना कैडर है) से लेकर जूनियर एग्जकिवटिव तक के कर्मचारियों को पे स्लिप दे दी गई लेकिन वेतन आजतक नहीं मिला…. संपादक, मैनेजर, एकाउन्ट और एचआर हेड रोज कर्मचारियों को गोली पर गोली दिये जा रहे है… हर कर्मचारी अपने खर्च में कटौती कर रहा है… हर कर्मचारी कर्ज मे गले तक डूब गया है…

इस भीषण जीत में कार्पोरेट और करप्ट मीडिया (जी न्यूज, इंडिया टीवी, आईबीएन7 आदि…) भी आइना देखे…

Yashwant Singh : दिल्ली में भाजपा सिर्फ तीन-चार सीट पर सिमट जाएगी और आम आदमी पार्टी 64-65 सीट तक पहुंच जाएगी, इसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी. ये भारतीय चुनावी इतिहास की सबसे बड़ी जीत है और भाजपा की सबसे बड़ी हार. कांग्रेस का तो खाता तक नहीं खुला. पर आप याद करिए. टीवी न्यूज चैनल्स किस तरीके से आम आदमी पार्टी के खिलाफ कंपेन चला रहे थे. कुछ एक दो चैनल्स को छोड़ दें तो सारे के सारे बीजेपी फंडेड और बीजेपी प्रवक्ता की तरह व्यवहार कर रहे थे. आम आदमी पार्टी को किस तरह घेर लिया जाए, बदनाम कर दिया जाए, हारता हुआ दिखा दिया जाए, ये उनकी रणनीति थी. उधर, भाजपा का महिमामंडन लगातार जारी था. बीजेपी की सामान्य बैठकों को ब्रेकिंग न्यूज बनाकर बताकर दिखाया जाता था. सुपारी जर्नलिज्म का जिस किदर विस्तार इन चुनावों में हुआ, वह आतंकित करने वाला है. हां, कुछ ऐसे पत्रकार और चैनल जरूर रहे जिन्होंने निष्पक्षता बरती. एनडीटीवी इंडिया, एबीपी न्यूज, आजतक, न्यूज नेशन, इंडिया न्यूज ने काफी हद तक ठीक प्रदर्शन किया. सबसे बेहूदे चैनल रहे इंडिया टीवी, आईबीएन7 और जी न्यूज.

(सबसे सही एक्जिट पोल इंडिया न्यूज का रहा लेकिन यह भी दस सीट पीछे रहा. इंडिया न्यूज ने सबसे ज्यादा 53 सीट दी थी ‘आप’ को लेकिन आप तो इस अनुमान से दस सीट से भी ज्यादा आगे निकल गई. कह सकते हैं कि न्यूज चैनलों में जनता का मूड भांपने में सबसे तेज ‘इंडिया न्यूज’ रहा.)

इस्लाम, आईएसआईएस और जार्डन का अभियान

जिन आधुनिक हथियारों और गोला बारूद से इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी लड़ रहें हैं, वे हथियार भी उन्होंने नहीं बनाए हैं। जिस टेलीविजन और इंटरनेट व यू-ट्यूब का इस्तेमाल वे कर रहें हैं, उसे भी उन्होंने नहीं बनाया है। इन आधुनिक वस्तुओं का आविष्कार इनके लोगों और देश ने नहीं किया। यह लोगों की गर्दन काटते वक्त पाक कुरआन की आयतों को पढ़ते हुए अपनी वीडियो खिंचवा कर इंटरनेट पर पोस्ट करके कौन सा संदेश देना चाहते हैं? ये आतंकी इस्लाम धर्म की ऐसी खतरनाक व्याख्याएं कर रहें, जिनसे लोगों को सतर्क रहने की जरुरत है। इनके खिलाफ पूरी दुनिया के इस्लाम धर्म के मानने वालों को विरोध करना चाहिए। इनके विरोध में सामूहिक सम्मेलन, रैली और तकरीरें करना बहुत जरुरी है…

खुद हैं तथाकथित पत्रकार, दूसरों से पैसे लेकर उन्हें भी बना पत्रकार

सिवनी। पैसों की दम पर अगर पत्रकार होते तो आज टाटा, बिड़ला सबसे वरिष्ठ पत्रकार होते लेकिन ऐसा नहीं है। हम आपको बताना चाहते हैं कि सिवनी नगर में कुछेक तथाकथित पत्रकार  ऐसे भी हैं जो लोगों से पैसे लेकर उन्हें पत्रकार बना रहे हैं। इनका खुद का अखबार तो निकलता नहीं लेकिन ये उसी अखबार की फे्रचांइची बांटते फिर रहे हैं। यूं तो सिवनी जिला पत्रकारों के लिए फेमस माना जाता है। इंदौर, जबलपुर व भोपाल के बाद सिवनी में ही इतने अधिक पत्रकार है कि यहां हर छठवां शख्स अपने आपको पत्रकार या उसका रिश्तेदार बताता है। ऐसा ही एक मामला एक साप्ताहिक समाचार पत्र का सामने आया है जो कि डी-लिस्ट में जा चुका है, उसके संपादक ने एक पूर्व पार्षद पति को कुछ राशि लेकर उस अखबार की संवाददाता बना दिया। इस अंगूठाछाप पत्रकार को यह तक नहीं मालूम कि उसका अखबार डी-लिस्ट में जा चुका है जो भोले-भाले लोगों से पैसे लेकर उन्हें पत्रकार बना रहा है। पत्रकारिता जैसे पवित्र धर्म में कालिख पोतने वाले ये तथाकथित काले पत्रकार ग्लैमर्स के लिए किसी को भी पत्रकार बना देते हैं।

डा. आंबेडकर के मिशन से भटकने वाले दलित नेताओं का यही अंजाम होना है

Kanwal Bharti : जीतनराम मांझी ने दलित राजनीति को झकझोर कर रख दिया है. उन्होंने बहुत से अनसुलझे सवालों को भी सुलझा दिया है और लोकतंत्र में दलितों की हैसियत क्या है, इसका भी आईना दिखा दिया है. दलित आखिर जाएँ तो जाएँ कहाँ? किसी भी पार्टी में उनकी इज्जत नहीं है, सिर्फ उनका उपयोग है. यह लोकतंत्र, यह धर्मनिरपेक्षता और यह समाजवाद (जो सिर्फ हवाई है) दलितों के हितों की बलि पर ही तो जिन्दा है.

काला धन रखने वाले 1195 भारतीयों का नाम लीक हो गया, इनके पास है कुल 25420 करोड़ रुपये

एचएसबीसी बैंक के स्विट्जरलैंड में कारोबार करने वाली इकाई स्विस प्राइवेट बैंक में गोपनीय खाता रखने वालों और 2009-2007 तक इसमें जमा रकम से जुड़ी जानकारियां लीक हो गई हैं। सूची में 200 देशों के नागरिकों के नाम हैं और इनके खातों में सौ अरब से ज्यादा की रकम जमा है। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक चएसबीसी की स्विस शाखा में 1195 भारतीयों के खाते होने का पता चला। यह संख्या 2011 में फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा भारत को सौंपी गई 628 नामों से लगभग दोगुना है। संभावना है कि नए खुलासों के बाद काले धन की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआइटी) की जांच के दायरे में खासा इजाफा होगा।

बोकारो में सड़क हादसे में पत्रकार संतोष घायल, बेटी की मौत, हैदराबाद में सड़क हादसे में एंकर की मौत

बोकारो के स्वतंत्र पत्रकार एवं शिक्षाविद् संतोष शर्मा सड़क हादसे में घायल हो गये। इस दुर्घटना में उनकी पुत्री अंजलि शर्मा (19) की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी। घटना पर बोकारो प्रेस क्लब ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। पत्रकार संतोष शर्मा अपनी पुत्री को मोटरसाइकिल पर सेक्टर-2 में कोचिंग सेन्टर ले जा रहे थे। इसी दौरान सेक्टर-2 स्थित जैन मंदिर मोड़ पर पीछे से आ रही कार ने ठोकर मार दी और वाहन चालक वहां से फरार हो गया। पत्रकार संतोष शर्मा की पुत्री अंजलि ने वहीं दम तोड़ दिया और श्री शर्मा को गंभीर चोटें आयीं। स्थानीय लोगों ने दोनों को तत्काल बोकारो जनरल अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उनकी पुत्री को मृत घोषित कर दिया। घटना की खबर पाते ही बीजीएच में पत्रकारों व उनके शुभ-चिन्तकों की भीड़ लग गयी। बोकारो प्रेस क्लब के शशांक शेखर, विकासचन्द्र महाराज, विजय कुमार झा, जय सिन्हा, कृष्णा चौधरी, आशीष सिन्हा, पीयूष कुमार राय, मनोज विशाल, अक्षय कुमार, अशोक विश्वकर्मा सहित क्लब के सभी पदाधिकारियों व सदस्यों ने घटना पर दु:ख व्यक्त करते हुए दिवंगत की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।

इलाहाबाद में मीडिया पर दो किताबों का विमोचन और सात लोगों का सम्मान

इलाहाबाद। जयप्रकाश त्रिपाठी की पुस्तक ‘मीडिया हू मैं’ में कई अनछुए पहलू हैं, जिसे पढ़कर बहुत सी जानकारियां हासिल हो जाती है। मीडिया जगत में हो रही गतिविधियां और क्रियाकलापों को जानने के लिए यह किताब हर किसी को पढ़ना चाहिए। यह बात प्रसिद्ध साहित्यकार रवींद्र कालिया ने पुस्तक ‘मीडिया हूं मैं’ और ‘क्लास रिपोर्टर’ के विमोचन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कही। कार्यक्रम का आयोजन रविवार को सिविल लाइंस स्थित बाल भारती स्कूल में किया गया।  अध्यक्षता प्रो. अमर सिंह ने की। संचालन इम्तियाज अहमद गाजी ने किया।

देवरिया में वरिष्ठ पत्रकार को सीओ सिटी के ड्राईवर ने किया अपमानित

देवरिया : जिले के आम नागरिकों को छोड़ दीजिये जनाब, हालत तो यह हो गई है कि यहां के पत्रकारों का सम्मान अब पुलिसकर्मियों के हाथों सुरक्षित नहीं है। मनबढ़ किस्म के पुलिस कर्मी जब चाहते हैं किसी भी पत्रकार को सरेआम बेईज्जत कर देते हैं। हद तो यह है कि पुलिस विभाग के आला अधिकारी इस तरह के मामले में तत्काल कोई कार्यवाही भी नहीं करते हैं। इसी तरह का एक मामला संज्ञान में आया है जिसमें पुलिस विभाग के सी ओ सिटी के वाहन चालक ने एक वरिष्ठ पत्रकार की ऐसी तैसी कर दी। पत्रकार की गलती बस इतनी भर थी कि उसने सड़क किनारे खड़े वाहनों में सूआ से छेद करने आए सी ओ सिटी के वाहन चालक को ऐसा करने से मना कर दिया था।

यूपी सीएम अखिलेश ने महज मौजमस्ती के लिए सरकारी पैसे पर विदेश टूर किया!

सरकारी खर्चों पर किए गये विदेश दौरों के बाद उन दौरों के दौरान सीखी गयी बातों को लेकर रिपोर्ट तैयार करना और उस पर अमल करना एक सामान्य प्रक्रिया है परंतु यूपी सीएम के सरकारी विदेश दौरे इस सामान्य प्रक्रिया से छूट प्राप्त श्रेणी में आते हैं. यह खुलासा लखनऊ निवासी सामाजिक कार्यकर्ता और इंजीनियर संजय शर्मा की एक आरटीआई से हुआ है। दरअसल, संजय की आरटीआई के जवाब में उत्तर प्रदेश के गोपन विभाग के विशेष सचिव एवं जन सूचना अधिकारी कृष्ण गोपाल ओर से जो उत्तर मिला है, उसने अखिलेश के विदेश दौरों की पोल खोल दी है.

बिड़ला की कंपनी से बिना वजह नौकरी से निकाल दिए गए कई मजदूर, भूख हड़ताल शुरू

आदित्य बिड़ला ग्रुप की सबसे अधिक मुनाफा देने वाली कम्पनी हिंडाल्को इंडस्ट्री लिमिटेड है जो एलुमिनियम कम्पनी है. इस कम्पनी में काम करने वाले मजदूरों की हालत काफी दयनीय है. इस कम्पनी में काम करने वाले सैकड़ो मजदूरों को बिना किसी कारण बताये काम से हटा दिया गया है. ये मजदूर इस कम्पनी में 15 से 20 वर्ष तक काम कर चुके हैं. आज इनके सामने अपने बीबी बच्चों के साथ नौकरी चले जाने के कारण भूखों मरने की नौबत आ गई है.

स्वाइन फ्लू से गाजीपुर के युवा पत्रकार निलेश राय का निधन

गाजीपुर : पत्रकार निलेश राय का आकस्मिक निधन होने पर पत्रकारो में शोक की लहर दौड़ गयी। पत्रकार निलेश राय वाराणसी से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र के रेवतीपुर से स्थानीय संम्वाददाता थे। वे बड़े ही मिलनसार प्रवृत्ति के थे। वे विगत एक सप्ताह से स्वाइन-प्लू की बीमारी से पीड़ित थे। उनका निधन आज सुबह लगभग सात बजे इलाज के लिए जिला अस्पताल लाते समय रास्ते में हो गया। वे अपने तीन भाईयों में सबसे छोटे थे। अपनी पीछे पत्नी और एक 12 वर्षीय पुत्र आयुष राय को छोड़ गये है।

मीडियाकर्मियों को अपनी कमर कसकर रहना होगा, मालिकान के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का समय करीब आ रहा है…

Abhishek Srivastava : रात साढ़े दस बजे जब मैं शनि बाज़ार में सब्‍ज़ी खरीद रहा था, कि अचानक मोबाइल पर Yashwant Singh का नाम चमका। हलो बोलने के बाद बिना किसी औपचारिकता के उधर से आवाज़ आई, ”जागरण में हड़ताल हो गई है। दो सौ लोग सड़क पर हैं। पहुंचिए।” मैंने Sandeep Rauzi को फोन मिलाया, तो वे दफ्तर में थे। वे बोले कि घर पहुंचकर और बाइक लेकर मेरे यहां कुछ देर में पहुंच रहे हैं। फिर मैंने Pankaj भाई को एसएमएस किया। संयोग देखिए कि आंदोलन के बीचोबीच हम सभी मौके पर घंटे भर बाद मौजूद थे। पंकज भाई के साथ वरिष्‍ठ पत्रकार प्रशांत टंडन भी आंदोलनरत कर्मचारियों को समर्थन देने रात एक बजे पहुंचे। तीन चैनलों के पत्रकारों के वहां कैमरा टीम के साथ पहुंचने से आंदोलन को और बल मिला।

(दैनिक जागरण के महाप्रबंधक का घेराव और कर्मचारियों के साथ सड़क पर समझौते की वार्ता.)

सरोज सिंह के पहले कविता संग्रह ‘तुम तो आकाश हो’ का लोकार्पण

8 फरवरी 2015 को इंदिरापुरम, ग़ाज़ियाबाद में Saroj Singh की काव्यकृति ‘तुम तो आकाश हो’ का विमोचन हुआ। इस किताब का लोकार्पण हिंदी की मूर्धन्य कथाकार मैत्रेयी पुष्पा, दुनिया इन दिनों के प्रधान संपादक सुधीर सक्सेना, कवि सिद्धेश्वर सिंह, संस्कृत की प्राध्यापिका हीरावती सिंह तथा लेखक और साइक्लिस्ट राकेश कुमार सिंह ने किया।

यूपी के डीजी कमलेन्द्र प्रसाद के खिलाफ गवाही देंगे आईजी अमिताभ ठाकुर

आईजी नागरिक सुरक्षा अमिताभ ठाकुर अपने ही डीजी कमलेन्द्र प्रसाद के खिलाफ मशहूर गीतकार संतोष आनंद के बेटे संकल्प आनंद आत्महत्या मामले में पुलिस के सामने गवाही देंगे. उन्होंने आज प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को पत्र लिख कर इस बात से अवगत कराया है. पत्र में उन्होंने यह कहा है कि श्री प्रसाद के साथ पिछले लगभग डेढ़ माह में काम करते हुए उन्होंने उनकी कार्यप्रणाली में वे सभी बातें देखीं जो संकल्प आनंद ने अपने सुसाइड नोट में कहा था.

राजस्थान पत्रिका में मजीठिया वेज बोर्ड के साइड इफेक्ट : डीए सालाना कर दिया, सेलरी स्लिप देना बंद

कोठारी साहब जी, मन तो करता है पूरे परिवार को लेकर केसरगढ़ के सामने आकर आत्‍महत्‍या कर लूं

जब से मजीठिया वेज बोर्ड ने कर्मचारियों की तनख्‍वाह बढ़ाने का कहा व सुप्रीम कोर्ट ने उस पर मोहर लगा दी तब से मीडिया में कार्य रहे कर्मचा‍रियों की मुश्किलें बढ रही हैं. इसी कड़ी में राजस्‍थान पत्रिका की बात बताता हूं। पहले हर तीन माह में डीए के प्‍वाइंट जोड़ता था लेकिन लगभग दो तीन वर्षों से इसे सालाना कर दिया गया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए तनख्‍वा बढ़ी तो जहां 100 प्रतिशत की बढ़ोतरी होनी थी तो मजीठिया लगने के बाद कर्मचारियों की तनख्‍वाह में मात्र 1000 रुपए का ही फर्क आया। किसी किसी के 200 से 300 रुपये की बढ़ोतरी।

कोर्ट जाने पर छह मीडियाकर्मियों को भास्कर प्रबंधन ने किया टर्मिनेट

गुजरात से खबर है कि दैनिक भास्कर वालों के गुजराती अखबार दिव्य भास्कर की मेहसाणा यूनिट के 20 मीडियाकर्मियों ने प्रबंधन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है. ये लोग मजीठिया वेज बोर्ड के अनुरूप सेलरी एरियर न दिए जाने के खिलाफ कोर्ट गए हैं. प्रबंधन को अपने कर्मियों के कोर्ट जाने की जानकारी मिली तो अब सभी को परेशान किया जा रहा है.

लोकहित में काम करने वाली एक सरोकारी मीडिया की जरूरत आज पहले से ज्यादा : श्रवण गर्ग

सात दिवसीय मीडिया लेखन कार्यशाला का सफलता पूर्वक समापन

इंदौर। कस्तूरबाग्राम रूरल इंस्टीट्यूट, इंदौर और आवाज इंडिया फाउंडेशन, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय (2 से 8 फरवरी 2015) मीडिया लेखन कार्यशाला का समापन हो गया। समापन समारोह सत्र में मुख्य अतिथि दैनिक भास्कर और नई दुनिया के पूर्व मुख्य संपादक श्रवण गर्ग थे। कार्यशाला प्रतिदिन दोपहर 3 से 5 बजे के बीच आयोजित की गई। इसमें प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से 32 ऐसे नौजवान प्रतिभागी के रूप में शामिल थे जो पत्रकारिता को अपना कैरियर बनाना चाहते हैं अथवा भविष्य में अन्य किसी पेशे में रहते हुए भी किसी न किसी रूप में पत्रकारिता या लेखन से जुड़े रहना चाहते हैं। इनमें ज्यादा संख्या लड़कियों की थी।

खनन मंत्री के खुद के बताये पते से रजिस्टर्ड पत्र वापस

खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति द्वारा दिए गए कानूनी नोटिस पर भेजा जवाब उनके द्वारा बताये गए पते पर प्राप्त नहीं किया गया और भेजने वाले के पास ही वापस आ गया. श्री प्रजापति ने अपने खिलाफ लोकायुक्त को परिवाद दायर करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर को ग्राम परसावां, थाना और जिला अमेठी के निवासी के रूप में मानहानि का एक कानूनी नोटिस भेजा था.

वरिष्ठ पत्रकार विनय उपाध्याय का सम्मान

भोपाल । हम बहुत ही कठिन समय में जी रहे हैं, यह हमें याद रखना चाहिए। वर्तमान समय में लोगों की संवेदनाएं खत्म हो रही हैं, यह गंभीर बात है। मीडिया की भी यही स्थिति है। मीडिया के लिए भूख और गरीबी कोई खबर नहीं है। उसकी सारी खबरें राजनीति, क्रिकेट, बॉलीवुड और फैशन के इर्द-गिर्द हैं। ये विचार प्रख्यात उपन्यासकार तेजिन्दर ने व्यक्त किए। मीडिया विमर्श के तत्वावधान में आयोजित पं. बृजलाल द्विवेदी स्मृति अखिल भारतीय साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान समारोह में वे बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृजकिशोर कुठियाला ने की। उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद जगदम्बिका पाल भी विशिष्ट अतिथि के नाते उपस्थित थे। सम्मान समारोह में आठवां पं. बृजलाल द्विवेदी स्मृति अखिल भारतीय साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान-2015 ‘कला समय’ और ‘रंग संवाद’ के संपादक विनय उपाध्याय को दिया गया।

राजेश मंढोत्रा ने अमर उजाला हिमाचल को बाय-बाय कह दिया

अमर उजाला हिमाचल के शिमला स्थित स्टेट ब्यूरो से हटाकर धर्मशाला भेजे गए राजेश मंढोत्रा ने अमर उजाला को बाय-बाय कह दिया है. उन्हें करीब सात माह पहले धर्मशाला में निचले हिमाचल के तहत आने वाले जिला कार्यालयों का कोआर्डिनेटर बनाया गया था. हालांकि वे तब से अपना तबादला रद करवाने की जुगत में लगे हुए थे, मगर प्रबंधन ने उनकी नहीं सुनीं. इस बीच उनका परिवार शिमला में ही था.

यूपी के दो आईएएस अफसरों पर कार्मिक मंत्रालय की मेहरबानी

केन्द्रीय सतर्कता आयोग द्वारा सीबीआई जांच के बाद सम्बंधित कार्यालय को भेजे गए अभियोजन स्वीकृति के मामलों में 30 नवम्बर 2014 को 4 माह से अधिक समय तक स्वीकृति नहीं मिलने के जो 22 मामले दर्शाए गए हैं, उनमें 2 उत्तर प्रदेश के हैं. ये दोनों मामले वरिष्ठ आईएएस अफसरों के हैं जो कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार के सामने लंबित हैं.

सैय्यद सलमान अहमद ने ‘महाराष्ट्र टीवी’ के एडिटोरियल हेड के बतौर ज्वाइन किया

महाराष्ट्र के रीजलन न्यूज चैनल ‘महाराष्ट्र टीवी’ के एडिटोरियल हेड बनाए गए हैं सैय्यद सलमान अहमद. वह इसके पहले पी7 न्यूज चैनल में स्पेशल करेस्पांडेंट हुआ करते थे. वे पी7 में पांच वर्षों से कार्यरत थे. वे लाइव इंडिया न्यूज चैनल के मुंबई ब्यूरो में दो वर्षों तक काम कर चुके हैं. महाराष्ट्र टीवी में …

समाचार संपादक सत्य प्रकाश चौधरी ने ‘प्रभात खबर’ प्रबंधन के खिलाफ मजीठिया वेज बोर्ड न देने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की

सत्य प्रकाश चौधरी प्रभात खबर, रांची में समाचार संपादक हैं. उन्होंने मजीठिया वेज बोर्ड लागू करने के लिए पहले प्रबंधन को पत्र लिखा. जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो 6 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का मुकदमा दायर कर दिया. जैसे ही कोर्ट की वेबसाइट पर मुकदमा होने की बात सार्वजनिक हुई, सत्य प्रकाश का उत्पीड़न शुरू कर दिया गया. वह मुकदमे के बाद जब 7 फरवरी को दफ्तर पहुंचे तो बायोमेट्रिक सिस्टम से उनकी हाजिरी नहीं लग सकी, क्योंकि मशीन से उनके फिंगर प्रिंट का रिकॉर्ड उड़ा दिया गया.

‘न्यूज़ इंडिया’ नामक राजस्थान के रीजनल न्यूज चैनल के मालिक डा. बलवीर सिंह तोमर पर छेड़छाड़ का आरोप

जयपुर स्थित निम्स यूनिवर्सिटी के चेयरमैन और ‘न्यूज इंडिया’ नामक चैनल के मालिक डॉ. बलवीर सिंह तोमर पर छात्रा के साथ दुष्कर्म करने की कोशिश का मामला सामने आया है. छात्रा रांची की रहने वाली है. डॉ. तोमर के खिलाफ छह फरवरी को रांची के चुटिया थाने में भादवि की धारा 376 (सी), 511, 354, 354(ए), 356बी और 506 के तहत कांड संख्या 29-15 दर्ज किया गया है. सब इंस्पेक्टर बीपी सिंह मामले के अनुसंधानकर्ता बनाए गए हैं. डॉ. बलवीर सिंह तोमर न्यूज़ इंडिया नामक चैनल के मालिक भी हैं। ये चैनल राजस्थान में चलता है। अगले कुछ दिनों में इस चैनल के विस्तार के लिए दिल्ली में भी इंटरव्यू करने की तैयारी है। इस चैनल की नौकरी में महिलाओं को प्रमुखता दी जाती है।

हिन्दुस्तान मेरठ से अरविंद शर्मा ने इस्तीफा देकर जागरण ज्वाइन किया… ‘मस्तीमार्ग’ के जवाब में ‘धमाल’ शुरू…

हिन्दुस्तान मेरठ में हुए जहरीले माहौल के बीच विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है। सीनियर आरई अनिल भास्कर और आरई सूर्यकांत द्विवेदी के बीच चल रहे शीतयुद्ध में रिपोर्टरों का काम करना मुहाल हो गया है। ऐसे में न्यूज एडिटर अरविंद शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अरविंद ने हिन्दुस्तान छोड़कर दैनिक जागरण में बिहार स्टेट हैड के रूप में ज्वाइन किया है। इस बीच, हिन्दुस्तान मेरठ में संपादकीय विभाग ने पूरी तरह से मैनेजमेंट के आगे घुटने टेक दिए हैं और अपने रिपोर्टरों की फजीहत कराने में लगा है। दरअसल हिन्दुस्तान के एवीपी अजय अरोड़ा ने सीनियर आरई अनिल भास्कर और आरई सूर्यकांत द्विवेदी के बीच की जंग का फायदा उठाते हुए मस्तीमार्ग नाम का प्रोग्राम लांच कर दिया।

दूरदर्शन और आकाशवाणी पर भी आएगी ब्रेकिंग न्‍यूज

दूरदर्शन और आकाशवाणी का कलेवर अब बदलने जा रहा है। निजी समाचार चैनलों की तरह अब इसमें भी ब्रेकिंग न्‍यूज दिखाई और सुनाई जाएगी। कोशिश रहेगी कि ब्रेकिंग न्यूज निजी समाचार चैनलों से पहले चल जाए। इसके लिए सरकारी प्रसार भारती सरकारी मंत्रालयों पर निर्भर होगी। प्रसार भारती के प्रमुख ने सचिवों से कहा है कि सरकारी मंत्रालयों की खबरें सार्वजनिक होने से नहले दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो को एडवांस में दी जाएं।

रवीश की यही समझ उन्हें बड़ा बनाती है

Shambhunath Shukla : टीवी न्यूज चैनलों में Ravish Kumar एक शानदार एंकर ही नहीं है या वे महज न्यूज चयन में सतर्कता बरतने वाले बेहतर टीवी संपादक ही नहीं अथवा आम आदमी के सरोकारों के प्रति आस्था जताने वाले पत्रकार ही नहीं है वरन उनकी असल खूबी है उनकी सामाजिक सरोकारों के प्रति आस्था। एक ही उदाहरण काफी होगा जब कल उन्होंने एक वृद्घ से बात करते हुए कहा कि बेटियां न होतीं तो क्या होता! इस एक वाक्य ने हम पति-पत्नी को भिगो दिया। मुझे खुशी हुई यह सुनकर।

दो देवियां : एक विकराल रूप धरे सीने पर चढ़ी और दूसरी प्रेम में डूबी पैर दबाती

Manisha Pandey : मैं पिछले दिनों एक स्‍टोरी पर काम कर रही थी – रीराइटिंग माइथोलॉजी। उस सिलसिले में काफी कुछ माइथोलॉजी से गुजरना हुआ और एक नई बात उजागर हुई। हालांकि डर है कि ये कहने से एक खास प्रगतिशील जमात का टैग न मिल जाए। तो मैडम लौट गईं आप भी हिंदूवादी जड़ों की ओर टाइप। ओह। बट हू केयर्स। जब मैं जबानदराज और बैड कैरेक्‍टर वुमन होने के टैग से बेपरवाह हूं तो इस टैग की किसे पड़ी है। तो ये रहा किस्‍सा। दो चित्र हैं देवियों के। पार्वती और लक्ष्‍मी। एक में पार्वती शिव की छाती पर सवार हैं। बेचारे जमीन पर पड़े हैं और पार्वती विकराल रूप धारण किए उनके सीने पर चढ़ी हुई हैं। दूसरे में लक्ष्‍मी क्षीरसागर में लेटे हुए विष्‍णु के पांव दबा रही हैं।

इनके बेशर्म फतवे से पूरा मुस्लिम समाज खुद को शर्मसार महसूस करता है

Asrar Khan : मतदान से एक दिन पहले मुसलमानों से किसी पार्टी विशेष को वोट देने की अपील करना जामा मस्जिद के इमाम अहमद बुखारी साहब के मजहबी धंधे का हिस्सा है… इनके बेशर्म फतवे से पूरा मुस्लिम समाज खुद को शर्मसार महसूस करता है लेकिन इनका यह पुश्तैनी धंधा बदस्तूर जारी है ….मेरा ख्याल है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपनी हार के भय से मतदान में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कराने के मकसद से इमाम साहब के आगे कुछ टुकड़े फेंक दिये होंगे और इमाम साहब ने मुसलमानों से आम आदमी पार्टी के पक्ष में मतदान करने की अपील कर दिया ….? मित्रों जैसा की आप सभी को मालूम है कि दिल्ली के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी अपने वैचारिक दिवालियापन और मोदी के U-Turn की वजह से हारने जा रही है और आम आदमी पार्टी अरविंद केजरीवाल और आप की विश्वसनीयता की वजह से जीत की ऐतिहासिक चौखट पर खड़ी है, ऐसे में अहमद बुखारी जैसे बिकाऊ व्यक्तियों की बातों को तरजीह न देते हुए अपने क्रांतिकारी विचारों से प्रेरित होकर आम आदमी की इस लड़ाई को कामयाब बनाने के लिए मिलजुल कर भाईचारे के साथ जमकर मतदान करें और अपने सच्चे भारतवासी होने का परिचय देते हुए धर्म और जाति की राजनीति के किसी भी प्रयास को विफल कर दें ……!

भड़ास की पहल पर 117 मीडियाकर्मियों ने मजीठिया वेज बोर्ड के लिए नाम-पहचान के साथ सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

प्रिंट मीडिया के कर्मियों को मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों के अनुरूप सेलरी न दिए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की आखिरी तारीख को भड़ास की पहल पर 117 मीडियाकर्मियों ने अपने नाम पहचान के साथ खुलकर याचिका दायर की. इन सभी 117 मीडियाकर्मियों की तरफ से याचिका तैयार करने और फाइल करने का काम किया सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील उमेश शर्मा ने.

ये हार बहुत भीषण है म्हराज!

Sheetal P Singh : पिछले दो दिनों में दिल्ली के सारे अख़बारों में पहले पेज पर छापे गये मोदी जी + बेदी जी के विज्ञापन का कुल बिल है क़रीब चौबीस करोड़ रुपये। आउटडोर विज्ञापन एजेंसियों को होर्डिंग / पोस्टर / पैम्फलेट / बैनर / स्टेशनरी / अन्य चुनावी सामग्री के बिल इससे अलग हैं। इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों द्वारा प्रधानमंत्री और अन्य हैवीवेट सभाओं के (कुल दो सौ के क़रीब)इंतज़ाम तथा टेलिविज़न / रेडियो विज्ञापन और क़रीब दो लाख के क़रीब आयातित कार्यकर्ताओं के रख रखाव का ख़र्च श्रद्धानुसार जोड़ लें। आम आदमी पार्टी के पास कुल चुनाव चंदा क़रीब चौदह करोड़ आया। बीस करोड़ का लक्ष्य था। कुछ उधार रह गया होगा। औसतन दोनों दलों के ख़र्च में कोई दस गुने का अंतर है और नतीजे (exit poll) बता रहे हैं कि तिस पर भी “आप” दो गुने से ज़्यादा सीटें जीतने जा रही है! ये हार बहुत भीषण है म्हराज! ध्यान दें, ”आप” बनारस में पहले ही एक माफ़िया के समर्थन की कोशिश ठुकरा चुकी थी, आज उसने “बुख़ारी” के चालाकी भरे समर्थन को लात मार कर बीजेपी की चालबाज़ी की हवा निकाल दी।

संजय गुप्ता को रात भर नींद नहीं आई, जागरण कर्मियों में खुशी की लहर

बहुत दिनों बाद ऐसा हुआ. इसे पहले ही हो जाना चाहिए था. डिपार्टमेंट का कोई भेद नहीं था. सब एक थे. सब मीडियाकर्मी थे. सब सड़क पर थे. सबकी एक मांग थी. मजीठिया वेज बोर्ड खुलकर मांगने और सुप्रीम कोर्ट जाने वाले जिन-जिन साथियों को दैनिक जागरण प्रबंधन ने परेशान किया, ट्रांसफर किया, धमकाया, इस्तीफा देने के लिए दबाव बनाया, उन-उन साथियों के खिलाफ हुई दंडात्मक कार्रवाई तुरंत वापस लो और आगे ऐसा न करने का लिखित आश्वासन दो.

लिखित आश्‍वासन के बाद काम पर लौटे हड़ताली जागरणकर्मी

(दैनिक जागरण, नोएडा के कर्मियों द्वारा हड़ताल की जानकारी मिलने पर जनपक्षधर पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव कैमरे समेत मौके पर पहुंचे और फोटोग्राफी में जुट गए)


अरसे से अपने पत्रकारों, कर्मचारियों को अपना दास समझने वाले दैनिक जागरण समूह के मालिकों पहली बार सामूहिक शक्ति के सामने झुकना पड़ा है. दैनिक जागरण के मीडिया कर्मचारी इस मीडिया हाउस के समूह संपादक व सीर्इओ संजय गुप्‍ता के लिखित आश्‍वासन के बाद ही हड़ताल समाप्‍त करने को राजी हुए और काम पर वापस लौटे. मैनेजर टाइप लोगों के लालीपाप थमाकर हड़ताल खत्म कराने के तमाम प्रयास फेल होने के बाद संजय गुप्‍ता को मजबूरी में लिखित आश्‍वासन देकर मामला सुलझाना पड़ा. बताया जा रहा है कि दिल्‍ली चुनाव के चलते गुप्‍ता एंड कंपनी ने तात्‍कालिक तौर पर यह रास्‍ता अपनाया है और किसी को परेशान न करने का लिखित वादा किया है.  

दैनिक जागरण, नोएडा के हड़ताल की आंच हिसार तक पहुंची

दैनिक जागरण, नोएडा में कर्मचारी सड़कों पर उतर गए हैं. प्रबंधन की दमनकारी और शोषणकारी नीतियों के खिलाफ कर्मचारियों का सालों से दबा गुस्‍सा अब छलक कर बाहर आ गया है. मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर एक संपादकीय कर्मचारी का तबादला किए जाने के बाद सारे विभागों के कर्मचारी एकजुट होकर हड़ताल पर चले गए हैं. मौके पर प्रबंधन के लोग भी पहुंच गए हैं, लेकिन कर्मचारी कोई बात सुनने को तैयार नहीं हैं. प्रबंधन ने सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल को बुला लिया है, लेकिन प्रबंधन के शह पर सही गलत करने वाली नोएडा पुलिस की हिम्‍मत भी कर्मचारियों से उलझने की नहीं हो रही है. 

आराधना शर्मा ने न्यूज24 और ई24 के साथ नई पारी शुरू की

पी7न्यूज़ की एंटरटेनमेंट एंकर आराधना शर्मा ने न्यूज़24 ज्वाइन कर लिया है. हाल ही में वह ई24 के प्राइम टाइम शो करती हुई दिखीं. आराधना इससे पहले पी7न्यूज़ और लाइव इंडिया में काम कर चुकी हैं. उन्होंने न्यूज़ 24 बतौर एंकर प्रोड्यूसर ज्वाइन किया है.

डीएनए के वाईस प्रेसीडेंट आदर्श मिश्रा समृद्ध जीवन के बिज़नेस हेड बने

समृद्ध जीवन चिटफंड कंपनी से खबर आ रही है कि यह कंपनी मुंबई से मराठी और हिंदी में अखबार शुरू करने जा रही है। महेश मोतेवार की यह कंपनी लाईव इंडिया और मी मराठी चैनल चला रही है। इस कंपनी का प्रजातंत्र लाईव नामक दैनिक अखबार नोएडा से निकलता है। डीएनए के वाईस प्रेसीडेंट आदर्श मिश्रा ने समृद्ध जीवन पब्लिकेशन में बिज़नेस हेड के रूप में दो फरवरी से कामकाज संभाल लिया है।

आलोक गुप्ता पर सहारा ने फिर जताया भरोसा, बने लखनऊ के ब्यूरो प्रभारी

लखनऊ के वरिष्ठ टीवी पत्रकार आलोक गुप्ता पर सहारा प्रबंधन एक बार फिर भरोसा जताते हुए उन्हें सहारा समय न्यूज चैनल के लखनऊ ब्यूरो प्रमुख का प्रभार सौंपा है। आलोक गुप्ता इससे पहले भी ब्यूरो चीफ की लंबी पारी खेल चुके हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार आने के बाद कानपुर के ब्यूरो प्रमुख अनिरुद्ध यादव को ब्यूरो चीफ का प्रभार दिया गया था। आलोक उसके बाद नंबर दो की पोजीशन पर थे।

दैनिक जागरण, नोएडा में हड़ताल, सैकड़ों मीडियाकर्मी काम बंद कर आफिस से बाहर निकले

मीडिया जगत की एक बहुत बड़ी खबर भड़ास के पास आई है. दैनिक जागरण नोएडा के करीब तीन सौ कर्मचारियों ने काम बंद कर हड़ताल शुरू कर दिया है और आफिस से बाहर आ गए हैं. ये लोग मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से वेतन नहीं दिए जाने और सेलरी को लेकर दैनिक जागरण के मालिकों की मनमानी का विरोध कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक हड़ताल की शुरुआत मशीन यानि प्रिंटिंग विभाग से जुड़े लोगों ने की और धीरे-धीरे इसमें सारे विभागों के लोग शामिल होते गए. सिर्फ संपादक विष्णु त्रिपाठी और इनके शिष्यों को छोड़कर बाकी सारे लोग हड़ताल के हिस्से बन गए हैं.

ईडी ने मतंग सिंह के 100 करोड़ मूल्‍य की संपत्ति जब्‍त की

कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह की लगभग 100 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति शुक्रवार को जब्त कर ली। साथ ही ईडी ने मनी लॉन्ड्रिग की जांच को लेकर तृणमूल कांग्रेस की सांसद अर्पिता घोष और मतंग सिंह के दो सहयोगियों को नया समन भी जारी किया है। संपत्ति जब्त करने की यह कार्रवाई सारदा घोटाले में मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के कथित उल्लंघन को लेकर की गई है। 

AAP determined to recover lost ground in Delhi

Consider the way the AAP’s fortunes plummeted after its spectacular show in 2013. It had won 28 of the 70 seats in its debut election in Delhi then and was second to the BJP’s 31, while the ruling Congress was routed and could win only eight seats. However, the AAP’s aspirations of stopping the BJP’s vote line in last summer’s general elections failed miserably and the most honest and anti-establishment party could not win a single seat from Delhi and win just four Lok Sabha seats from Punjab. It shows people are changing their moods accordingly. As the elections are heating up in Delhi, the political parties are coming up with their latest interviews and the comments, making tall poll promises. The BJP is banking on the popularity of Prime Minister Narendra Modi while its main challenger AAP has projected its supremo Arvind Kejriwal as the CM.

शिमला के पत्रकार का डेबिट कार्ड हैक कर लगाई लाखों की चपत

शिमला : साइबर ठगों द्वारा वरिष्ठ पत्रकार को 2 लाख रुपए की चपत लगाए जाने का मामला सामने आया है। वरिष्ठ पत्रकार पीसी लोहमी का डैबिट कार्ड हैक कर 1 लाख 75 हजार रुपए की राशि निकाली गई है। हैकरों ने डैबिट कार्ड से 1 लाख 75 हजार रुपए की शॉपिंग की है। इस संबंध में साइबर शातिरों का पता लगाया जा रहा है और छानबीन की जा रही है। वरिष्ठ पत्रकार ने यह राशि अपनी एफडी को तुड़वाकर मकान के लिए अपने बचत खाते में डलवाई थी।

अमित अवस्थी की जगह ज्ञानेंद्र त्रिपाठी बने जागरण बरेली के सिटी चीफ

दैनिक जागरण बरेली में सिटी इंचार्ज अमित अवस्थी की कुर्सी छिन गई. संपादकीय प्रभारी प्रदीप शुक्ला यहां अपने पुराने मुरादाबादी शिष्य ज्ञानेंद्र त्रिपाठी को सिटी इंचार्ज बनाने में सफलता पा ली है.  ज्ञानेंद्र सीनियर सब हैं जबकि जागरण में सिटी इंचार्ज की कुर्सी चीफ सब को दी जाती है. ऐसा नहीं है कि बरेली जागरण में चीफ सब नहीं हैं, लेकिन शुक्ला की पसंद ज्ञानेंद्र थे तो सीनियर को दरकिनार कर उन्हें कुर्सी दे दी गई. अमित को जनरल डेस्क पर भेजा गया है. बरेली में सीनियर सब वसीम को नोएडा ट्रेनिंग पर भेज दिया गया है. लगातार फर्जी खबरें लिखने के आरोप में प्रशासन देख रहे विनीत सिंह से इस्तीफा ले लिया गया है. हालांकि ज्ञानेंद्र के इंचार्ज बनने के बाद विनीत की वापसी की चर्चा शुरू हो गई है.

एक करोड़ का मानहानि प्रकरण : अरुण पुरी और सलमान खुर्शीद में समझौता, हफ्ते भर तक माफीनामा चलेगा ‘आजतक’ वेबसाइट पर

India Today, Aroon Purie settle Salman Khurshid defamation claim

The India Today group’s TV channel Aaj Tak has published a small note of mutual regret on the bottom right-hand corner of its website, in its settlement of a Rs 1 crore defamation suit brought in 2012 by Louise Khurshid, the wife of Salman Khurshid, who was then law minister.

Will ’K’ factor be a boon for BJP in Delhi polls?

Delhi goes to the polls on February 7. The BJP is keen to win after 2013 loss when the AAP had formed a minority government and ruled the capital for 49 days before its leader Kejriwal resigned. Delhi has been under President’s rule since then. Manay political changes can be seen in the Delhi election. A desperate shift of the candidates fron one party to other is done. The major rivals are AAP and BJP.Congress is a distant third in the election. However, it pretends to be in the race. Above all, the entry of the first lady police officer Kiran Bedi into BJP has changed the whole political game, say the Delhites.

कृष्ण मुरारी किशन के नाम पर ‘फोटो जर्नलिस्ट एवार्ड’ शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री मांझी को पत्र लिखा

सेवा में, श्री जीतन राम मांझी, माननीय मुख्यमंत्री,

बिहार सरकार, पटना

विषय- राज्य सरकार की ओर से पटना निवासी प्रख्यात छायाकार स्व.कृष्ण मुरारी किशन जी के नाम पर प्रति वर्ष ‘के एम किशन पत्रकारिता/छायाकार सम्मान एवार्ड’ देने के आग्रह के संदर्भ में,

मान्यवर,

पैगमंबर मोहम्मद का कार्टून छापने वाली उर्दू अखबार की संपादिका को प्रताड़ित करने की मुंबई प्रेस क्लब और डीयूजे ने निंदा की

: STOP WITCH HUNT OF EDITOR SHIREEN DALVI : The Press Club condemns the hounding of journalist Shireen Dalvi by filing police complaints against her across the city and state. Ms Dalvi, as editor of the Mumbai edition of the Urdu daily Awadhnama, has already published a Page One apology for having reproduced a cover of the French magazine Charlie Hebdo in its January 17 issue, which had a cartoon of Prophet Mohammed.

मुक्तिबोध के बाद गुम हुई ऊर्जा की तलाश है विमल कुमार की कविता

”मुक्तिबोध के बाद की हिन्दी कविता में जो ओज, जो ऊर्जा, जो संभावना दिखाई देती है, वह आठवें दशक के बाद की हिंदी कविता में मुझे दिखाई नहीं देती। परंतु आठवें दशक के बाद जिन कवियों ने हिंदी कविता की चमक को बचाए रखा है उन कवियों में कवि विमल कुमार भी हैं.” यह वक्तव्य वरिष्ठ आलोचक डॉ. खगेन्द्र ठाकुर ‘बिहार प्रगतिशील लेखक संघ’  द्वारा आयोजित दिल्ली से पधारे कवि विमल कुमार की प्रतिरोधी कविताओं के पाठ के समय दिया।

वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार प्रदीप सौरभ के नए उपन्यास ‘और सिर्फ तितली” के कुछ अंश पढ़ें…

सबसे पहले आप जानें कि उपन्यास ”और सिर्फ तितली” के बारे में वरिष्ठ विश्लेषक और आलोचक सुधीश पचौरी का क्या कहते हैं: ”प्रदीप सौरभ का नया उपन्यास  ‘और सिर्फ तितली’,  पब्लिक स्कूली शिक्षा के भीतरी परतों को एक-एक कर खोलते हुए पब्लिक स्कूली शिक्षा जगत की अंदर की खुश्बू और सड़ांध को कुछ इस तरह पेश करता है कि आप पहली बार इस अनजाने, अनकहे जगत के समक्ष खडे़ हो जाते हैं, और अपने आप से पूछने लगते हैं कि आखिर वे क्या कारण है, जिनके चलते हमारी स्कूली शिक्षा और  शिक्षण पद्धति अपनी सारी चमक दमक और दावों के बावजूद इस कदर खोखली और संस्कारविहीन हो चली है?  छोटे-छोटे बच्चों की मासूमियत, उनकी जिज्ञासा एवं उनकी ज्ञान-पिपासा, उनका सोच-विचार, उनकी रचनात्मकता, उनका साहस, उनकी प्रयोग-प्रियता किस तरह से कुंठित होती जाती है? किस तरह से सुयोग्य, अच्छे और गुणी अघ्यापक और अघ्यापिकाएं अपने संस्थान के प्रबंधन की दोहन एवं शोषण नीति के चलते उत्साहविहीन होते जाते हैं? किस तरह से उनका शोषण किया जाता है? किस तरह वे आपसी मनमुटाव, टुच्ची गुटबाजी भरी राजनीति के चलते अपने सपनों को चकनाचूर होते देख मनोरोगों तक के शिकार होते रहते हैं? और किस तरह शिक्षा के इस महंगे तिलिस्म का कोई तोड़ नहीं है?  और अगर कोई उसे तोडने की कोशिश करता है तो उसका क्या हश्र होता है? इन्हीं तमाम पहलुओं पर यह उपन्यास दिलचस्प शैली में रोशनी डालता है। उपन्यास की खासियत यह है कि आप इसे एक ही सीटिंग में पढ़ते चले जा सकते हैं। यही प्रदीप सौरभ की कथा-कलम की विशेषता है, जो उनके पहले के उपन्यासों ‘मुन्नी मोबाइल’, ‘तीसरी ताली’ और ‘देश भीतर देश’ में भी पूरी शिद्दत के साथ मौजूद है।

मतंग सिंह को बचाने वाले पूर्व केन्द्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी की आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने सीवीसी में लिखित शिकायत की (पढ़ें पत्र)

आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने पूर्व केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी द्वारा सारधा  घोटाले के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह की गिरफ्तारी कथित रूप से रुकवाने के लिए सीबीआई पर दवाब बनाने की भूमिका के सम्बन्ध जांच करने हेतु केन्द्रीय सतर्कता आयोग में शिकायत भेजी है. उन्होंने कहा है कि इस गंभीर आरोप के सामने आने के बाद श्री गोस्वामी को पद से तत्काल हटाया जाना स्वागत योग्य है पर उन्हें तत्काल स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मिल जाने से उनके संभावित दुराचरण के विषय में उचित दंड नहीं दिया जा सका है.

एबीपी न्यूज के एडिटर इन चीफ शाजी जमां अपने चैनल में न्याय क्यों नहीं कर रहे?

: कानाफूसी : एबीपी न्यूज चैनल से खबर है कि पीसीआर में कार्यरत एक वरिष्ठ महिला मीडियाकर्मी को इन दिनों न्याय की तलाश है. एडिटर इन चीफ शाजी जमां को सब कुछ पता है. लेकिन पीड़िता को न्याय नहीं मिल पा रहा. हुआ ये कि पीसीआर में कार्यरत वरिष्ठ महिला मीडियाकर्मी ने एक रोज अपने फेसबुक पेज पर बिना किसी का नाम लिए यह लिख दिया कि ‘एंकर ने कितना घटिया सवाल पूछा’.

मजीठिया वेज बोर्ड के लिए भड़ास की जंग : लीगल नोटिस भेजने के बाद अब याचिका दायर

Yashwant Singh : पिछले कुछ हफ्तों से सांस लेने की फुर्सत नहीं. वजह. प्रिंट मीडिया के कर्मियों को मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से उनका हक दिलाने के लिए भड़ास की पहल पर सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दायर करने की प्रक्रिया में इनवाल्व होना. सैकड़ों साथियों ने गोपनीय और दर्जनों साथियों ने खुलकर मजीठिया वेज बोर्ड के लिए भड़ास के साथ सुप्रीम कोर्ट में जाने का फैसला लिया है. सभी ने छह छह हजार रुपये जमा किए हैं. 31 जनवरी को दर्जनों पत्रकार साथी दिल्ली आए और एडवोकेट उमेश शर्मा के बाराखंभा रोड स्थित न्यू दिल्ली हाउस के चेंबर में उपस्थित होकर अपनी अपनी याचिकाओं पर हस्ताक्षर करने के बाद लौट गए. इन साथियों के बीच आपस में परिचय हुआ और मजबूती से लड़ने का संकल्प लिया गया.

(भड़ास की पहल पर मजीठिया वेज बोर्ड को लेकर शुरू हुई लड़ाई के तहत मीडिया हाउसों के मालिकों को लीगल नोटिस भेज दिया गया. दैनिक भास्कर के मालिकों को भेजे गए लीगल नोटिस का एक अंश यहां देख पढ़ सकते हैं)

दिल्‍ली में चुनाव और मदनोत्‍सव के बीच जो कुछ हो रहा है, उस पर अभिषेक श्रीवास्तव की लंबी टीप

: सरे-आग़ाज़े मौसम में अंधे हैं हम… : दिल्‍ली, वसंत, कुछ अजनबी चेहरे और अनसुनी आवाज़ें : अभी दो दिन पहले दिल्‍ली से टहल-फिर कर रात में जब मैं घर लौट रहा था, तो अपनी गली में कुछ बच्‍चे एक जगह इकट्ठा दिखे। वे सब आकाश में देख रहे थे जैसे कुछ बूझने की कोशिश कर रहे हों। ये बच्‍चे मुझे शक्‍ल से जानते हैं। रोज़ देख-देख कर मुस्‍कराते हैं। इनमें एक नहर वाली बच्‍ची भी है।

भारत की पहली महिला आईपीएस प्रकरण, ‘गूगल’ और खुद के ‘अल्प-ज्ञान’ पर शर्मिंदा हूं

: ‘गूगल’ भी हमारे ‘ज्ञान’ के रहम-ओ-करम पर हंसता-सिसकता है साहब! :

सवाल- भारत की पहली महिला आईपीएस कौन थी?

जबाब- ‘किरन बेदी’…..भारत सहित दुनिया भर में अबतक खिंचा चला आ रहा था…..

‘बिलकुल सही जबाब….’

लेकिन अब इस सवाल का सही जबाब ‘किरन बेदी’ गलत साबित होगा। सही जबाब होगा…मरहूम सुरजीत कौर।

हां, शर्मिंदा हूं मैं….

टीआरपी पांचवां सप्ताह : मोदी भक्ति इंडिया टीवी पर भारी पड़ी, एबीपी न्यूज से पिछड़ गया

पांचवें हफ्ते की टीआरपी से यह पता चलता है कि इंडिया टीवी को अब मोदी का प्रवक्ता बनना भारी पड़ने लगा है. लगातार नंबर दो पर रहने वाला यह न्यूज चैनल इस हफ्ते दर्शकों की बेरुखी के कारण नंबर तीन पर चला आया है. एबीपी न्यूज ने शानदार प्रदर्शन करते हुए नंबर दो की कुर्सी हथिया ली है.

मनोज कुमार, दीपक द्विवेदी, संजय तिवारी, सौरभ सूद और नदीम खान के बारे में सूचनाएं

मनोज कुमार ने दैनिक भास्कर श्रीगंगानगर में 7 साल तक विज्ञापन डिजाईनर के पद पर कार्य किया. मई माह में मजीठिया वेज बोर्ड नहीं लेने के बॉण्ड पर साईन नहीं करने पर उन्हें उमेश बंसल द्वारा ट्रांसफर की धमकी दी गई. 9 जून को जयपुर सीओओ ने जोधपुर बुलाकर उनसे बांड पर यह कह कर साईन करवा लिया कि न तो आपका ट्रांसफर किया जाएगा और न ही आपको परेशान किया जाएगा. साईन करवाने के बाद 28 जुलाई को उनता बांसवाडा ट्रांसफर कर दिया गया. इस पर 3 सितंबर को मनोज कुमार ने इस्तीफा दे दिया। उमेश बंसल शुरू से ही मनोज से रंजिश रखता था, इस कारण उसने नुकसान पहुंचाया.

आरएन सिंह ने ‘उत्तर भारतीय संघ’ को परिवार व रिश्तेदारों का संघ बना डाला, देखें लिस्ट

मुंबई। उत्तर भारतीयों की संस्था ‘उत्तर भारतीय संघ’ के स्वयम्भू अध्यक्ष आरएन सिंह ने इसे अपने परिवार और रिश्तेदारों का संघ बना डाला है। उत्तरभारतीय संघ के कार्यकारिणी सदस्यों की सूची पर एक नज़र डालिए आप को सारा खेल खुद समझ में आ जायेगा कि किस तरह एक परिवार ने उत्तरभारतीयों की करोडो रुपये मूल्य वाली संपत्ति पर कब्ज़ा जमा लिया है। देखें लिस्ट….

राजस्थान में ”राष्ट्रवादी नाथूराम गोडसे पुल”!

राजस्थान के अलवर से खबर है कि एक फ्लाईओवर को नाथूराम गोडसे का नाम दे दिया गया है. अलवर में 750 मीटर लंबे इस फ्लाईओवर पर एक पट्टिका लगा दी गई, जिस पर लिखा था राष्ट्रवादी नाथूराम गोडसे पुल. यह फ्लाईओवर अलवर शहर के भगत सिंह सर्किल को अग्रसेन सर्किल से जोड़ता है. मीडिया में खबर आने के बाद इस पट्टिका को हटा दिया गया.

कन्नौज प्रेस क्लब के निर्विरोध अध्यक्ष बने अन्नू

कन्नौज। कान्यकुब्ज पत्रकार समिति (प्रेस क्लब) में पुरानी कमेटी का किला तीन दशक पुराना था. उसे सर्वसम्मति से निर्विरोध चुनाव कराकर ढहा दिया गया. अनुजराज दीक्षित ‘अन्नू’ को अध्यक्ष और महामंत्री की शैलेन्द्र सिंह चौहान को बनाया गया. कोषाध्यक्ष कुशल मिश्र बने हैं. जिला पंचायत सभागार में कान्यकुब्ज पत्रकार समिति की बैठक हुई. इसमें समिति के चुनाव पर चर्चा हुई. काफी हो-हल्ला मचने के बाद चुनाव कराने के लिए निवर्तमान कमेटी के पदाधिकारी राजी हुए.

भारतीय साहित्य किसी बड़े आंदोलन की प्रतीक्षा कर रहा है : केदारनाथ सिंह

: समकालीन भारतीय कविता में भारतीयता के तत्वों को खोजने की जरूरत है : कोलकाता : हिंदी के वरिष्ठ कवि केदारनाथ सिंह ने कहा है कि समकालीन भारतीय कविता में भारतीयता के तत्वों को खोजने एवं उन पर गंभीरता से बिचार करने की जरूरत हैं. यह काम नयी पीढ़ी ही कर सकती है. समकालीन कविता अब ऐसे क्षेत्रों से भी उभर कर आ रही है जिनके बारे में अब तक सोचा नहीं गया. सिंह ‘समकालीन भारतीय कविता’ विषयक सेमिनार में बोल रहे थे. प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस सेमिनार में सिंह ने कहा कि अब साहित्य में बड़ा आंदोलन नहीं हो रहा है. भारतीय साहित्य किसी बड़े आंदोलन की प्रतीक्षा कर रहा है.

बूथ कैप्चरिंग तस्वीर छापने पर भास्कर के प्रकाशक, संपादक और डेस्क प्रभारी को आरोपी बनाने के निर्देश

भिंड से खबर है कि कोर्ट ने बूथ कैप्चरिंग तस्वीर छापने पर भास्कर के प्रकाशक, संपादक और डेस्क प्रभारी को आरोपी बनाने के निर्देश दिए हैं. पूरी खबर इस अखबारी कतरन को पढ़कर जान समझ लीजिए…

रामगढ़ में टीवी पत्रकार करा रहा था अपने होटल में देह व्यापार!

झारखंड के रामगढ़ जिले से खबर है कि एक पत्रकार अपने होटल में देह व्यापार का धंधा चला रहा था. होटल पर रामगढ़ डीसी की विशेष टीम ने छापामारा तो यह खुलासा हुआ. रीजनल न्यूज चैनल ‘न्यूज 11’ से ताल्लुक रखने वाले कोयलांचल के पुराने पत्रकार महावीर अग्रवाल के रांची रोड स्थित होटल गणपति पैलेस होटल से तीन युवक-युवतियों को आपत्तिजनक स्थिति में रंगे हाथ पकड़ा गया.

ग्वालियर में मीडिया और पुलिस का कथित गठजोड़, 2 करोड़ की खुली बंदरबांट!

खबर ग्वालियर से है। पुलिस, पत्रकारों, कुछ प्रादेशिक चैनल के ब्यूरो हैड और क्राईम ब्राँच के पुलिस कर्मचारियों, अधिकारीयों के गठजोड़ के बीच 2 करोड़ रुपये की बंदरबांट की गई है. चर्चा के मुताबिक एक प्रादेशिक चैनल के ब्यूरो हेड ने 3 अन्य प्रादेशिक चैनल के कारिंदो और लोकल चैनल व लोकल अख़बार के कुछ पत्रकारों एवं क्राइम ब्राँच के कुछ पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से 2 करोड़ रुपये हज़म किये हैं.

पुढारी के चंदन शिरवाले बने मंत्रालय और विधिमंडल वार्ताहर संघ के अध्यक्ष

मुंबई : मंत्रालय और विधिमंडल वार्ताहर संघ के अध्यक्ष चंदन शिरवाले (पुढारी) बन गए हैं। शनिवार मंत्रालय और विधिमंडल वार्ताहर संघ के वार्षिक चुनाव के लिए मतदान हुआ। इस चुनाव में संघ के उपाध्यक्ष पद पर प्रमोद डोईफोडे (मुंबई लक्षदीप) ने भारी वोटों जीत हासिल की।

अपने मीडियाकर्मियों को ठेकेदार का आदमी बताकर बाहर निकाल रहा है अमर उजाला प्रबंधन!

अमर उजाला ने मजीठिया के डर से कर्मचारियों को ठेकेदार का कर्मचारी बताकर बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया है। अभी तक यह खेल पीटीएस डिपार्टमेंट में शुरू किया गया है, लेकिन विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि यह नियम जल्द ही संपादकीय विभाग में भी लागू कर दिया जाएगा। पिछले साल मई महीने में मजीठिया वेज बोर्ड का लेटर बांटने के बाद अखबार प्रबंधन कुछ ऐसी नीतियां अपना रहा है ताकि उसे मजीठिया वेज बोर्ड के नाम पर धेला भी न देना पड़े। कुछ महीने पहले माहेश्वरी परिवार के खासमखास बताए जाने वाले और मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब किताब करने वाले एचआर प्रमुख को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

दो बड़े अफसरों ने मतंग सिंह की गिरफ्तारी को रोकने का प्रयास किया था, जांच शुरू

: मतंग सिंह की गिरफ्तारी में अधिकारियों की भूमिका की जांच : केंद्रीय गृह मंत्रालय में एक शीर्ष नौकरशाह और सीबीआई में एक संयुक्त निदेशक जांच के दायरे में हैं जिन्होंने सारदा घोटाला मामले में कुछ दिनों पहले गिरफ्तार हुए पूर्व कांग्रेसी मंत्री मतंग सिंह की गिरफ्तारी को कथित रूप से रोकने का प्रयास किया था . एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि समझा जाता है कि सीबीआई ने इस सिलसिले में प्रधानमंत्री कार्यालय को एक रिपोर्ट भेजी है.

एडिटोरियल के शांतिभूषण ने मार्केटिंग के बिभूति के मुंह पर पेपर दे मारा!

दैनिक जागरण सोनीपत से खबर है कि मार्केटिंग डिपार्टमेंट के सीनियर एग्जीक्यूटिव बिभूति मोहन ठाकुर ने आरोप लगाया है कि एडिटोरियल के शांतिभूषण ने उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट की है. सूत्रों ने बताया कि ठाकुर ने प्रबंधन को इस बारे में शिकायती पत्र भेजा है. पत्र में एडिटोरियल के इंचार्ज शांतिभूषण पर आरोप लगाया गया है कि जब बिभूति मोहन ठाकुर ने शांतिभूषण से जब कहा  कि वे एक आर्टिकल को देख लें ताकि उसमें कोई गलती न रहे. इसके बाद शांतिभूषण ने उस पेपर को फाड़कर बिभूति के मुंह पर मारा और माँ बहन की गालियां दी. जान से मारने की धमकी देने का आभी आरोप है.

एंकर कविता सिंह पहुंचीं न्यूज़ नेशन

सहारा समय नेशनल की एंकर कविता सिंह ने न्यूज़ नेशन ज्वाइन कर लिया है। वो सहारा में प्राइम टाइम बुलेटिन करती थीं। सहारा में उन्हें पोलिटिकल डिस्कशन समेत कई महत्वपूर्ण इंटरव्यू करते हुए देखा गया।

बेइन्तहा पैसे वाली हो गई डाक कर्मचारी की बेटी मायावती पर टिकट बेचने को लेकर चौतरफा हमला :

: बसपा से बिदकते नेताओं की भाजपा पहली पसंद : बसपा सुप्रीमो मायावती के ऊपर एक बार फिर टिकट बेचने का गंभीर आरोप लगा है।यह आरोप भी पार्टी से निकाले गये बसपा के एक कद्दावर नेता ने ही लगाया है।मायावती के विरोधियों और मीडिया में अक्सर यह चर्चा छिड़ी रहती है कि बसपा में टिकट वितरण में खासकर राज्यसभा और विधान परिषद के चुनावों में पार्दशिता नहीं दिखाई पड़ती है। विपक्ष के आरोपों को अनदेखा कर भी दिया जाये तो यह बात समझ से परे हैं कि बसपा छोड़ने वाले तमाम नेता मायावती पर टिकट बेचने का ही आरोप क्यों लगाते हैं। किसी और नेता या पार्टी को इस तरह के आरोप इतनी बहुतायत में शायद ही झेलने पड़ते होंगे। कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि धुआ वहीं से उठता है जहां आग लगी होती है। आरोप लगाने वाले तमाम नेताओं की बात को इस लिये भी अनदेखा नहीं किया क्योंकि यह सभी नेता लम्बे समय तक मायावती के इर्दगिर्द रह चुके हैं और उनकी कार्यशैली से अच्छी तरह से परिचित हैं।

एक अकेले बंदे ने, एक अकेली शख्सियत ने पूरी की पूरी केंद्र सरकार की नींद उड़ा रखी है

दिल्ली चुनाव इन दिनों आकर्षण और चर्चा का केंद्र है. हो भी क्यों ना, एक अकेले बंदे ने, एक अकेली शख्सियत ने पूरी की पूरी केंद्र सरकार की नींद उड़ा कर रखी हुई है. आपको याद होगा कि 2013 में सरकार गठन पर अरविन्द केजरीवाल ने कहा था कि अन्य दलों को राजनीति तो अब आम आदमी पार्टी सिखाएगी. अब जाकर यह बात सही साबित होती हुई दिखाई दे रही है. जहाँ महाराष्ट्र, झारखंड, जम्मू कश्मीर और हरियाणा में बीजेपी ने बिना चेहरे के मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा और नए चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया लेकिन दिल्ली में उसे चेहरा देना ही पड़ा. अपने पुराने सिपहसालारों व वफादारों को पीछे करके एक बाहरी शख्सियत को आगे लाया गया. देखा जाए तो ये भी अपने आप में केजरीवाल और उनकी पार्टी की जीत है. कहना पड़ेगा, जो भी हो, बन्दे में दम है.

नीतीश ने पत्रकारों पर निकाली भड़ास, दिखाया बाहर का रास्ता

पटना। सत्तारूढ़ जदयू के अंदर सत्ता की जारी जंग में सारे दांव उल्टा पडऩे की खीज निकालते हुए कवरेज को गए पत्रकारों को पार्टी नेता नीतीश कुमार ने बाहर का रास्ता दिखा दिया।  नीतीश कुमार पार्टी पर अपनी पकड़ बनाए रखने की जद्दोजहद के साथ ही अपने निवास पर कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण वर्ग चला रहे हैं।  मंगलवार को छात्र जदयू के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन की कवरेज के लिए मीडियाकर्मी बुलाए गए थे, लेकिन नीतीश ने सभी को बाहर चले जाने की नसीहत दे डाली।

340 करोड़ की योजना में घोटाला : दम तोड़ता तंत्र

जे.एन.एन.यू.आर.एम योजना के तहत कानपुर शहर के इनर ओल्ड एरिया में पेयजल व्यवस्था दुरूस्त करने की गरज से तत्कालीन मायावती सरकार के कार्यकाल में 340 करोड़ की योजना को मंजूरी दी गयी थी। इसे सम्बन्धित अधिकारियों की लापरवाही कहें अथवा रिश्वतखोरी के लिए उपयुक्त ठेकेदार का चयन, काम देर से शुरू होने के कारण इस योजना की धनराशि भी बढ़कर 363 करोड़ हो गयी। विडम्बना यह कि इसके बावजूद उक्त योजना का कार्य वर्तमान समय तक पूरा नहीं हो सका। 

अमर उजाला ने बदायूं के ब्‍यूरोचीफ संजीव को भेजा रोहतक, बलराम बने नए प्रभारी

अमर उजाला प्रबंधन ने बदायूं के ब्यूरो चीफ संजीव पाठक को रोहतक भेज दिया है। बदायूं में बलराम शर्मा को प्रभारी बनाया गया है। बदायूं के प्रभरी रहे संजीव पाठक ने राजेश मिश्रा को संपादक से सिफारिश कर अपने यहां ज्‍वाइन करवा लिया था। जबकि राजेश मिश्रा को सात आठ साल पहले अमर उजाला से निकाला गया था। बताया जा रहा है कि प्रबंधन को धोखे में रखने के कारण संजीव पर यह कार्रवाई की गई है। 

‘जानेमन जेल’ पढ़ने के बाद कोई भी निरपराध जेल जाने से भय नहीं खायेगा

: पुस्तक समीक्षा : पिछले दिनों हमारे एक वरिष्ठ पत्रकार मित्र ने स्वयं के जेल प्रवास पर स्वयं द्वारा लिखी पुस्तक के स्वरूप में आत्मकथा ‘जानेमन जेल’ मुझे सप्रेम भेंट के साथ पढ़ने के लिए दी। हालांकि मैं पुस्तक और खासतौर से किसी की आत्मकथा पढ़ने के मामले में ठेठ नशेबाज की श्रेणी में गिना जाता रहा हूं, लेकिन पिछले कुछ समय से एक मीडिया हाउस की आधारशिला रखने की जद्दोजहद में इतना मशगूल हो चुका हूं कि पुस्तक पढ़ने का वक्त ही नहीं निकाल पाता। 

हरप्रीत कौर ओर रुचिका सक्सेना ने नेशनल दुनिया को किया गुडबाय

नयी दिल्ली से प्रकाशित हिंदी दैनिक नेशनल दुनिया की एकाउंट हैड हरप्रीत कौर व एच आर हैड रुचिका सक्सेना ने संस्थान से इस्तीफा दे दिया है। पता चला है कि ये दोनों महिला अधिकारी नेशनल दुनिया के मुख्य महाप्रबंधक मनीष अवस्थी की नीतियों से परेशान थीं। काफी समय से मनीष और इन दोनों महिला अधिकारियों के बीच खींचतान चल रही थी।

द सी एक्सप्रेस के पत्रकारों और गैर-पत्रकारों को चार माह से तनख्वाह नहीं मिली, सेलरी चेक हो गए बाउंस

कभी आगरा में धमाकेदार लांचिंग के कारण प्रसिद्ध हुआ हिन्दी डेली द सी एक्सप्रेस में संकट पर संकट चल रहे हैं। पत्रकारों को पिछले चार माह से तनख्वाह नहीं मिली है। जो तनख्वाह की मांग करता है, उसका हिसाब करने की धमकी देते हुए इस्तीफा मांगा जाता है। जब इस्तीफा दे देता है, तो उससे कहा जाता है कि दस दिन में पूरा भुगतान हो जाएगा। वे दस दिन कभी नहीं आते हैं।  तनख्यवाह न िमलने के कारण नौकरी छोड़कर गए एक दर्जन पत्रकारों और गैर पत्रकारों को अभी तक हिसाब नहीं हुआ है। वे चक्कर लगाकर और फोन करके थक चुके हैं।

450 करोड़ रुपये जुटाने के लिए फिर आईपीओ लाएगा अमर उजाला

Amar Ujala plans another IPO to raise about Rs 450 crore

MUMBAI: Amar Ujala Publications, which publishes Hindi daily Amar Ujala in six northern states, is making a second attempt to raise funds through the primary markets. People close to the development said the company is aiming to raise about Rs 450 crore through an initial public offer (IPO).Amar Ujala’s earlier attempt to bring an IPO in 2010 had failed, which led private equity major DE Shaw drag the company to the Company Law Board (CLB).