दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार नलिन चौहान दो दिन से घर से गायब हैं। अपना फोन वे घर पर छोड़ गए हैं। परिजन परेशान हैं। उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में लिखा दी गयी है।
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सर् न कहे जाने पर त्यागी तुनक जाते थे!
हर्ष कुमार- कार्य संस्कृति : अगर आप चाहते हैं कि आपको जूनियर्स से सम्मान मिले तो आपको अपने सीनियर्स का सम्मान करना होगा और जूनियर्स से प्यार से बात करनी होगी।
मंगलेश डबराल बोलते वक़्त हकलाते पर जब गाते तो पूरे सुर में होते!
चंद्र भूषण- कितनी दूर जाएगी अटकती सी यह मद्धिम आवाज मंगलेश डबराल बोलने में हकलाते थे लेकिन गाते वक्त उनके सुर और शब्द, दोनों पक्के निकलते थे। इस द्वैत को समझना कठिन काम है। बांग्ला कवि नवारुण भट्टाचार्य की कविता ‘यह मृत्यु उपत्यका नहीं है मेरा देश’ छात्र आंदोलन की पत्रिका ‘समकालीन अभिव्यक्ति’ में पढ़ते …
नौकरी से निकाला तो ब्यूरो चीफ को ऑफिस में ही पीट दिया!
ये भी हो गया। बॉस की ऑफिस में पिटाई का कारनामा। एक ट्रेनी सब एडिटर ने अपने गुस्से-क्षोभ का प्रदर्शन यूं किया कि अब वो पुलिस-थाने के चक्कर लगाएगा।
अमर उजाला के ढेर सारे संपादकों को मिला प्रमोशन, देखें लिस्ट
अमर उजाला अखबार से खबर आ रही है कि यहां कई संस्करणों के संपादकों का प्रमोशन हुआ है। कुछ चीफ सब, डीएनई और एनई भी तरक्की की लिस्ट में हैं। ये प्रमोशन एक अप्रैल 2020 से लागू किए गए हैं। देखें पूरी लिस्ट, कौन कहां किस पद पर था और अब प्रमोट होकर किस पद …
आर9 टीवी न्यूज चैनल के पत्रकार पर हमला
कानपुर से पत्रकार पर हमले की खबर… योगी सरकार में नहीं रुक रहे पत्रकारों पर हमले..
मैंने हमेशा मंगलेश जी को वीरेन दा की निगाहों से देखा
दिनेश श्रीनेत- दो दोस्तों की दास्तान ! कालेज से निकलकर पत्रकारिता शुरू करते ही वीरेन डंगवाल मिले- कभी कवि, कभी संपादक और कभी एक सह्रदय इंसान के रूप में। मगर इससे भी अभूतपूर्व थी उनकी दुनिया। वीरेन जी के साथ-साथ एक पूरा संसार चलता था। जाने कितने लोग, कितनी बातें, किस्से, किताबें उनके साथ चलते …
दैनिक भास्कर इंदौर के नए सम्पादक बने अमित
इंदौर से खबर आ रही है कि अमित मंडलोई को दैनिक भास्कर प्रबन्धन ने इंदौर संस्करण का संपादक नियुक्त किया है।
श्याम ने आजतक जॉइन करने की जानकारी दी तो कइयों ने कहा- वहां न जाना!
श्याम मीरा सिंह युवा पत्रकार हैं। खूब पढ़ाई लिखाई किए हैं। जेएनयू और आईआईएमसी से शिक्षित दीक्षित हैं। अपने जन सरोकारी लेखन और साहसपूर्ण आज़ाद पत्रकारिता के लिए फेसबुक पर लोकप्रिय हैं। श्याम ने आज फेसबुक पर एक सूचना पोस्ट की, आजतक जॉइन करने की। इसके बाद कमेंट बॉक्स में शुभकामनाओं और विरोध का तांता …
कहाँ पढ़ लिया आपने कि सोनिया गाँधी बार डांसर थीं?
रीवा सिंह- फ़ैक्ट्स और फ़िगर्स को फ़िलहाल रामगढ़ ताल में बहा दें, सोनिया गाँधी बार डांसर थीं या नहीं इसपर बात ही नहीं करनी। मुझे इस सुसंस्कृत समाज के सभ्यतम महानुभावों से यह जानकर अभिभूत होना है कि बार डांसर होना कितना ख़राब होता है?कौन-सा दर्जा रखते हैं आपलोग बार डांसर के लिये? क्या पैमाना …
मंगलेश का जाना : पहाड़ की लालटेन बुझ गई!
ओम थानवी- मंगलेश डबराल चले गए। कविता और गद्य में अलग से पहचानी जाती लालटेन की रोशनी बुझ गई। कोरोना ने बहुतों को छीना है। पर मंगलेशजी के जाने से हिंदी साहित्य सदमे में गया है। वे सिद्ध कवि थे। उनका गद्य भी सुघड़ था। उन्होंने मुख्य धारा की पत्रकारिता में साहित्य को ख़ास जगह …
एनडीटीवी की इस खबर को स्वास्थ्य मंत्रालय ने FAKE कह दिया
एनडीटीवी ने आज एक ब्रेकिंग न्यूज़ दी- भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को सीरम इंस्टीट्यूट ने खारिज कर दिया।
कोरोना से साहित्यकार और पत्रकार मंगलेश डबराल का निधन
साहित्यकार मंगलेश डबराल चले गए। एम्स में उन्होंने आखिरी सांस ली। उन्हें आईसीयू में रखा गया था। कोरोना से संक्रमित होने के कारण पहले उन्हें ग़ाज़ियाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में हालत बिगड़ने पर एम्स ले जाया गया।
किसान आंदोलन से निपटने में राजनाथ सिंह सक्षम!
सुधीर सिंह गब्बर- भारतीय जनता पार्टी को किसान आंदोलन और किसानों के बढ़ते आक्रोश को हैंडल करने की जिम्मेदारी राजनाथ सिंह जी जैसे नेता को तत्काल देनी चाहिए। बीते कई सालों में यह पहला अवसर आया है जब किसानों के मुद्दे पर देश व्यापी राजनीति शुरू हुई और विपक्ष इसके बहाने अपनी राजनीति चमका रहा …
राकेश टिकैत का इंटरव्यू करने के बाद कोरोना संक्रमित हुआ ये संपादक
यशवन्त सिंह- भाई प्रसून शुक्ला जी किसान नेता राकेश टिकैत का इंटरव्यू क्या करने चले गए, वहां से शूट कम्प्लीट कर लौटे तो संग संग कोरोना भी कदमताल करते चला आया। इस बिन बुलाए मेहमान के साथ अनचाही जुगलबंदी के साइड इफ़ेक्ट्स फौरन दिखने ही थे। दृश्य-अदृश्य के बेमेल गठबंधन के नतीजे प्रकट होने लगे। …
आजतक भी जी न्यूज और रिपब्लिक भारत चैनलों की तरह गोदी मीडिया हो चुका है!
किसान आंदोलन को मोदी के प्रवक्ता के नजरिए से कवर करने का खामियाजा आजतक चैनल को भी उठाना पड़ रहा है। आजतक कभी जनता का चैनल माना जाता था।
175 वर्ष पुरानी लंदन की पत्रिका The Economist में भारत के बारे में क्या छप गया, जानें
अजित शाही- पौने दो सौ साल पुरानी लंदन की The Economist समाचार पत्रिका विश्व पत्रकारिता का जाना माना नाम है. इसे दुनिया के बड़े से बड़े नेता, उद्योगपति, नोबेल पुरस्कार विजेता, वैज्ञानिक इत्यादि पढ़ते हैं. इसकी साख New York Times और Wall Street Journal से भी ऊपर ही है.
एक परममोदीभक्त का विश्लेषण पढ़ें- किसान आंदोलन जितना बढ़ेगा, भाजपा को पंजाब में उतना ज़्यादा फायदा होगा!
अजित सिंह पहलवान- दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के निहितार्थ …….जो दिख रहा है वो तो सिर्फ Tip of the Iceberg है ……. जैसा कि मैं पहले ही दिन से कह रहा हूँ कि इस आंदोलन के handlers तो Canada अमरीका में बैठे अपना एजेंडा चला रहे हैं । तो फिर पंजाब की अमरेंद्र …
रवीश जैसों की संख्या किसी भी दौर में बहुत ज्यादा नहीं होती
शशि भूषण- रवीश कुमार जी शानदार हैं। लोग रवीश कुमार जी को शानदार एंकर मानते हैं। लेकिन मैं समझता हूँ रवीश कुमार हर दृष्टि से शानदार हैं। वे अगर शिक्षक भी होते तो इतने ही शानदार होते। रवीश कुमार ऐसे हैं जो किसी भी दौर में बहुत नहीं होते मगर अपनी मनुष्यता के चलते जहां …
सरकार के भोंपू मीडिया के लिए किसान आंदोलन एक सबक
शिरीष खरे- किसान आंदोलन से अब तक हासिल क्या?
पत्रकार डायरी : किसान आंदोलन और बीजेपी-कांग्रेस के पाप!
अनन्त मित्तल- किसानों के इशारे पर देश के अनेक विपक्षी दल भारत बंद में लगे हैं। सवाल ये है कि हम उनके साथ हैं या नहीं? बिल्कुल सौ फीसद किसानों के कॉज के समर्थक हैं हम। अब सवाल यह है कि आज उनके साथ खड़े नेता और दल क्या कल सत्तारूढ़ होने पर बीजेपी सरकार …
पत्रिका ग्रुप के दो बड़े विकेट गिरने की चर्चा
चर्चा है कि राजस्थान पत्रिका के राजस्थान प्रदेश के स्टेट एडिटर हरीश मलिक और जयपुर संस्करण के स्थानीय संपादक चक्रेश महोबिया को पत्रिका अखबार के मैनेजमेंट ने कार्यमुक्त कर दिया है।
क्या किसानों का साथ देना वाकई जरूरी है?
Satyendra PS- कारपोरेट ये, कारपोरेट वो। ये ससुरा कारपोरेट सबका जीवनदाता बना है। गांधी की तर्ज पर पूछता हूँ कि इस कॉरपोरेट की जरूरत क्या है? आदमी की प्राकृतिक जरूरत ख़ाना और हगना है। भाड़ में जाए कारपोरेट। यह रहे या न रहे, इसकी जरूरत क्या है? -1940 के आसपास देश मे अकाल पड़ा और …
एनबीटी को हिंदी व अंग्रेजी में संपादकीय सहायकों की जरूरत
नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) को हिंदी व अंग्रेजी में सम्पादकीय सहायक की अनुबंध के आधार पर जरूरत है।
पीटीआई के फोटो जर्नलिस्ट पर यूपी में हमला
प्रियभांशु रंजन- Press Trust of India (PTI) photographer Ravi Choudhary, his fiancee beaten up in Uttar Pradesh’s Muradnagar by unidentified men who picked up a fight with him while he was travelling to Delhi on his motorcycle, reports PTI.
मीडिया के सुपर संपादक मोदी!
मुकुंद सिंह- लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले ‘पत्रकार’की परिभाषा अब पूरी तरह बदल चुकी है। एक वह भी वक्त था जब लोग आंख बंद कर पत्रकार पर भरोसा करते थे और उन्हें अपना पक्ष धर मानते थे लेकिन हालात अब बदल चुका है। पत्रकार सरकार के पक्ष में रिपोर्टिंग करना शुरू कर दिया …
लक्ष्मी विलास बैंक का मर्जर विदेशी बैंक DBS में करने की खबर को हिंदी मीडिया ने तरजीह नहीं दी
गिरीश मालवीय- भारत के सबसे पुराने बैंकों में से एक लक्ष्मी विलास बैंक (LVB) को एक विदेशी बैंक DBS (‘डेवलपमेंट बैंक ऑफ़ सिंगापुर’) में विलय कर दिए जाने का मामला बेहद संगीन है !
देशबन्धु जैसा अच्छा अखबार अन्य अखबारों के मुकाबले क्यों पिछड़ गया है?
राजकुमार सोनी- सरकारी कागजों में भले ही देशबन्धु कोई विश्वविद्यालय नहीं हैं, लेकिन यह बात किसी से छिपी हुई नहीं हैं कि पत्रकारिता की बेहतरीन पीढ़ी को तैयार करने में देशबन्धु की भूमिका अहम है. गर्व से कहता हूं कि मैं भी मायाराम जी सुरजन और ललित सुरजन जी के द्वारा स्थापित पत्रकारिता विश्वविद्यालय का …
दीपक चौरसिया ने फार्म हाउस खरीदा
दीपक चौरसिया की एफबी पोस्ट- मैं 1992 से दिल्ली में रह रहा हूं, फिर भी दिल अभी भी मध्यप्रदेश के लिए धड़कता है…पत्रकारिता से इतर जब कुछ बनाने की इच्छा हुई तो उसे मध्यप्रदेश की धरती पर करना उचित समझा…लिहाजा सिहोर जिले में मैंने एक फार्म हाउस खरीदा है, जिस पर काम शुरू हो गया …
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अमीश देवगन पर मुकदमा चलाओ लेकिन सारे एफआईआर अजमेर ले जाओ!
सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती पर टिप्पणी करने के बाद पत्रकार अमिश देवगन फंस चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिली है। सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने अमिश देवगन के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करने से इनकार कर दिया। मतलब साफ है। कोर्ट ने कह दिया, अमिश पर मुकदमा चलाओ।
दैनिक भास्कर राजस्थान के नए स्टेट हेड की जिम्मेदारी इस पत्रकार को मिली
यंग सोच के साथ रफ्तार से दौड़ रहे दैनिक भास्कर में बड़ा बदलाव हुआ है। सोशियल मीडिया पर सक्रियता से देश में बढ़ती लोकप्रियता के कारण राजस्थान स्टेट एडिटर लक्ष्मी प्रसाद पंत उर्फ एलपी पंत को मैनेजमेंट ने नेशनल एडिटर पद पर पदोन्नति दी है।
दैनिक भास्कर के राजस्थान स्टेट हेड लक्ष्मीप्रसाद पंत को मिली बड़ी जिम्मेदारी
दैनिक भास्कर के राजस्थान स्टेट हेड लक्ष्मीप्रसाद पंत को बड़ी जिम्मेदारी मिली है। सोमवार 7 दिसंबर को पंत को भास्कर का नेशनल एडिटर (समस्त हिंदी संस्करण) बना दिया गया। इस आशय की मेल सोमवार सुबह जारी हो गयी।
दिवालिया नेशनल वॉइस से सामान उठा ले गए पत्रकार, प्रबन्धन ने थाने में की कम्प्लेन
नेशनल वॉइस चैनल के कर्मचारी आज के समय बहुत परेशान हैं। इन्हें 4 महीनों से पैसा नहीं मिला है।प्रत्येक दिन आज दे देंगे कल दे देंगे बस झूठा वादा मिलता गया। दीवाली छठ जैसे त्योहार में दूसरे चैनलों में बोनस ओर मिठाई गिफ्ट मिला लेकिन हम यहां पर धरने पर बैठे रहे। लोग मालिकों से …
राहुल गांधी तुमसे न हो पाएगा
अपूर्व भारद्वाज- पेट्रोल के भाव 100 को छूने जा रहे है गैस सिलेंडर के भाव दिनोदिन बढ़ते जा रहे है महँगाई अपने चरम पर है लेकिन क्या आपने कांग्रेस के किसी वरिष्ठ नेता को सिलेंडर लेकर या बैलगाड़ी के साथ सड़को पर प्रदर्शन करते देखा है नहीं ना..तो फिर आगे पढ़िए…
हर महिला रिपोर्टर श्वेता, अंजना या रूबिका नहीं होती, शुभ्रा भी होती है!
नवेद शिकोह- घुन के साथ गेहूं भी पिस रहे… पहले बिकाऊ पत्रकार गेहूं में घुन के बराबर थे। अब घुन ही घुन हैं, घुनों के ढेर में कुछ ही गेहूं बचे हैं। इस बीच जनता के गुस्से की चक्की में बेइमान घुनों के साथ ईमानदार गेहूं भी पिसे जा रहे हैं।
चर्चित RLD नेता जियाउर्रहमान ने थामा कांग्रेस का हाथ
चौ चरण सिंह यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष जियाउर्रहमान RLD छोड़ कांग्रेस में शामिल, अजय लल्लू ने दिलाई सदस्यता अलीगढ़। राष्ट्रीय लोकदल के चर्चित नेता और चौ चरण सिंह यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष जियाउर्रहमान एडवोकेट ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए सोमवार को कांग्रेस का ‘हाथ’ थाम लिया। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू …
दिव्य भास्कर ने अपने पहले पेज पर पत्रकारों के विरुद्ध पुलिस की FIR का प्रतिकार किया है
रवीश कुमार- पत्रकारिता को दबाने का नया हथियार FIR, वाह री सरकार…. पहले पत्रकारिता को सामने से ख़त्म कर दिया गया। लोगों को घटिया पत्रकारिता के ज़रिए बौद्धिक और सांप्रदायिक रूप से गुलाम बनाया गया। और अब स्थानीय स्तर पर बची हुई पत्रकारिता को ख़त्म किया जा रहा है। राजकोट की इस ख़बर की तुलना …
सबसे चर्चित हिंदी पत्रकार रवीश कुमार का जन्मदिन
प्रकाश के रे- यद्यपि विद्वानों में तिथि को लेकर मतभेद है, किंतु लोक में आज रवीश कुमार का जन्मदिन हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. चूँकि हम लोक से संबद्ध हैं, सो इस उल्लास में शामिल होते हुए हम भी उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएँ देते हैं. मैं उनकी भाषा और संवेदनशीलता को पत्रकार होने …
मंगलेश डबराल की स्थिति नाजुक
असद ज़ैदी- मंगलेश डबराल के ताज़ा हाल को जानने की दोस्तों की ख़्वाहिश के सिलसिले में यह पोस्ट लिखता हूं। उनकी स्थिति को डॉक्टर गंभीर लेकिन स्थिर (‘critical but stable’) बता रहे हैं। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। चिकित्सा की भाषा में फेफड़ों को नुक़सान पहुंचाने वाली उनकी व्याधि को कोरोना-प्रेरित ARDS (Corona induced …
मोदी, मीडिया, किसान और कार्टून
किसान आंदोलन और मीडिया की भूमिका पर कुछ कार्टून वायरल हैं। सत्ता की भाषा बोलने वाला दलाल मीडिया आंदोलनकारी किसानों को खालिस्तानी बता रहा है। यह शर्मनाक है। देखें कुछ कार्टून्स-
टाइम्स ग्रुप ने मुम्बई मिरर समेत सारे मिरर एडिशन्स बन्द किए, पढ़ें पत्र
All mirror editions closing including Mumbai Mirror Times Group statement Fifteen years ago, the ‘city that never sleeps’ had a new and good reason for staying awake – and for waking up, when it did manage to get some sleep: Mumbai Mirror. Feisty and fearless, energetic and enthusiastic, playful yet punchy, it lived up to …
नहीं बचाए जा सके आईएएस अजय सिंह
वाराणसी : उत्तर प्रदेश से इस वक्त की दुखद खबर। वरिष्ठ IAS अधिकारी अजय सिंह की मौत हो गयी है। चुनाव ऑब्जर्वर बनाकर वाराणसी भेजे गए थे। कल वाराणसी में एमएलसी चुनाव के मतगणना के दौरान दिल का दौरा पड़ा था। अस्पताल में भर्ती अजय सिंह बचाए ना जा सके।
किसानों ने जी न्यूज, रिपब्लिक भारत के अलावा आजतक को भी गोदी मीडिया घोषित कर दिया
विजय शंकर सिंह- चौथा खम्भा इतना बेबस कैसे हो गया है कि वह शाखामृगों के कूदने फांदने की जगह बन कर रह गया है? संजय कुमार सिंह- चौथे स्तंभ के नष्ट होने पर श्रद्धांजलि… नाम लेकर मीडिया से कहना कि मत करो कवर, तुम फर्जी हो – यह हमारे समाज का एक नया वाला फर्राजी …
किसान विरोधी एजेंडा सेट करते हिंदी के दो अख़बार देखें
दीपांकर पटेल- हिंदी पट्टी के बच्चों की टट्टी पोंछने में काम आने वाले,किसान विरोधी एजेंडा सेट करते हिंदी के दो अख़बार देखें-
सुधीर चौधरी के खासमखास सिद्धिनाथ विश्वकर्मा का इस्तीफानामा पढ़ें
सिद्धिनाथ के इस्तीफे से ज़ी न्यूज़ में काम करने वाले बहुत राहत की सांस ले रहे हैं। मीडियाकर्मियों को बहुत परेशान करता था ये शख्स। इस्तीफनामा पढ़कर इन सिद्धिनाथ विश्वकर्मा की शख्सियत का अंदाजा लगा सकते हैं। इनने नैतिकता सरोकार आदर्श की बजाय चापलूसी की नदी बहा दी है। पढ़ें-
कारवां मैग्जीन का मीडिया विशेषांक- मोदी ही सभी मीडिया हाउसों के संपादक हैं!
मनोहर चौधरी- दी कारवां मैग्जीन का ताजा अंक मीडिया विशेषांक है। कवर पर फोटो मोदी का है। इन्हें सब मीडिया हाउसों का एग्जीक्यूटिव और एडिटर बताया गया है। मीडिया को सरकार का एक अंग घोषित कर दिया गया है। जाहिर है, गोदी मीडिया शब्द यूँ ही नहीं पैदा हुआ है। मीडिया की घनघोर मोदी परस्ती …
इंडिया न्यूज की महिला रिपोर्टर के जज्बे की तारीफ होनी चाहिए
योगेश शर्मा- राणा यशवन्त सर ने वायरल विडियो की कलाई सही खोली हैं। वीडियो वायरल में कुछ शरारती तत्वों ने मजाकिया अंदाज देकर इंडिया न्यूज़ एंकर शुभ्रा सुमन को सवाल भूल जाने की बात कर रहे हैं। यह गलत है बल्कि वह सवालों का जवाब दे रही है दूसरे चैनल पर, जो कि स्टैंडबाई है। …
इंडिया न्यूज की रिपोर्टर शुभ्रा सुमन के वायरल वीडियो का सच बता रहे हैं प्रबंध सम्पादक राणा यशवंत
राणा यशवंत- टीवी न्यूज में जब आप किसी खबर पर लाइव होते हैं तो तबतक स्टैंड बाई यानी प्रतीक्षारत होते हैं, जबतक स्टूडियो से एंकर आपसे सवाल नहीं कर लेता. इस दौरान आप स्टूडियो में चल रही चर्चा या फिर लाइव सोर्स पर जो लोग जुड़े होते हैं, उनको सुनते रहते हैं. आप फ्रेम से …
कोरोना संक्रमित साहित्यकार मंगलेश डबराल एम्स ले जाए गए
असद ज़ैदी- सभी मित्रों की सूचनार्थ : मंगलेश डबराल को, जो पिछले आठ-नौ दिन से कोविड-19 और निमोनिया से ग्रस्त होकर वसुंधरा, ग़ाज़ियाबाद के क्रेस्ट अस्पताल में भर्ती थे, उनकी अपनी इच्छा से अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ले जाया गया है। वह अभी भी ICU में है और ऑक्सीजन हटाई नहीं गई है। …
किसानों को खालिस्तानी बताने पर मीडिया से नाराज एडिटर्स गिल्ड ने जारी की प्रेस रिलीज
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने एक ज़रूरी हस्तक्षेप किया है। सत्ता के इशारों पर नाचने वाले न्यूज़ चैनलों को आईना दिखाने का काम किया है।
मुठभेड़ के बाद नक्सलियों से बरामद सामान में नकली लिंग भी! देखें तस्वीर
झारखंड के पलामू जिले के पांकी थाना क्षेत्र के सालिमदिरी जंगल में पुलिस और प्रतिबंधित नक्सली संगठन जेजेएमपी के बीच गुरुवार को मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ के 134 बटालियन और पलामू की पुलिस शामिल थी.
कंगना के भक्त हैं एंकर सुशांत सिन्हा!
रजनीश सिंह- अभी तक मैं सोचता था कि ‘बड़ी सैलरी’ वाले पत्रकार शब्दों का चयन भी ‘बड़े लेवल’ का करते होंगे, लेकिन ये भी निकले हमारी तरह कंटेंट राइटर…सुलगा रखी है, उखाड़ लो, @टें बना लो तो सब मिल बोलो..धीरे बोलो..प्यार से बोलो..अनंत सिंह की जय…
एक दशक के भीतर किसान अपने खेत कारपोरेट को बेचने को मजबूर हो जाएंगे!
kheti kisani aur corporate
कोरोना काल IT सेक्टर के लिए वरदान साबित हुआ!
अमित चतुर्वेदी- IT अपने देश में सबसे ज़्यादा सैलरी वाला सेक्टर है, यहाँ काम करने वालों की एवेरेज सैलरी बाक़ी तमाम सेक्टर्स से ज़्यादा है। कारण ये है कि आज भी ज़्यादातर बड़ी IT कम्पनियों अधिकांश कमाई डॉलर में होती है।
देसी कुत्ते और बेसहारा बच्चे की दोस्ती की ये तस्वीर हुई वायरल
भूषण भास्कर- खुद मझधार में होकर भी बन रहा स्वान का सहारा… इस मतलबी दुनिया में जंहा लोग एक दूसरे को फूटी आंख नही सुहाते। वहीं मुजफ्फरनगर में इस अनाथ बच्चे और स्वान की दोस्ती लोगों की जुबान पर हैं।
बीजेपी को जिताने के लिए आमादा रहते हैं न्यूज़ चैनल वाले!
उर्मिलेश- निराला है अपना टीवीपुरम्! अंग्रेजी की बात छोडिये, हिंदी के तमाम बड़े-बड़े चैनलों ने भी शुक्रवार दोपहर से पहले हैदराबाद में भाजपा के मेयर बनने का रास्ता ‘क्लियर’ कर दिया था.
फिलिस्तीन का सिनेमा
अजित राय- हालांकि फिलिस्तीन में सिनेमा का इतिहास 1935 से शुरू होता है जब इब्राहिम हसन सिरहान ने सऊदी अरब के शाह इब्न सौद की यात्रा पर एक मूक वृत्तचित्र बनाया था। लेकिन यहां के सिनेमा के बारे में दुनिया भर का ध्यान तब गया जब 1996 में एलिया सुलेमान की फिल्म ‘ क्रानिकल आफ …
आर्थिक मोर्चे पर यह सरकार डिजास्टर है!
अभिरंजन कुमार- दोस्तो, चूंकि किसी ग्रंथ में ऐसा लिखा नहीं है कि सारे अपच सच कांग्रेस के बारे में ही बोले जाएं, इसलिए आज एक अपच सच बीजेपी के बारे में भी बोल ही देता हूं। आखिर बीजेपी विरोधी भाइयों-बहनों की आत्मा को भी तो किसी दिन शांति मिले!
परमात्मा ने इतना कुछ तो दिया है, जो शिकायत करता है वह अंधा है!
ओशो- मैंने सुना है, मुसलमान बादशाह हुआ: महमूद। उसका एक नौकर था। बड़ा प्यारा था। इतना उसे प्रेम था उस नौकर से और उस नौकर की भक्ति-भाव से, उसके अनन्य समर्पण से कि महमूद उसे अपने कमरे में ही सुलाता था। उस पर ही एक भरोसा था उसको।
माध्यमिक शिक्षक संघ के शर्मा गुट का वर्चस्व बीजेपी ने तोड़ा!
समीरात्मज मिश्रा- यूपी में शिक्षक कोटे की आठ विधान परिषद सीटों पर पिछले क़रीब चार-पांच दशक से एक ही गुट का दबदबा था. माध्यमिक शिक्षक संघ का शर्मा गुट इस पर हावी रहा है अब तक. शिक्षक संघ में इस गुट की ओर से टिकट मिलने को इसे ‘Blank Cheque’ समझा जाता था यानी जिसे …
मसाला किंग की कहानी
विवेक शुक्ला- करोल बाग से महाशय जी का सफर… करोल बाग की कृष्णा गली में गुरुवार को महिला-पुरुष छोटे-छोटे समूहों में खड़े होकर महाशय धर्मपाल गुलाटी की बातें कर रहे थे। उधर मंजी पर बैठकर जाड़ों की गुनगुनी धूप का सुख ले रही वाली महिलाएं भी एक-दूसरे को बता रही थी कि महाशय जी उनके …
जासूसी में गिरफ्तार पत्रकार राजीव शर्मा को जमानत मिली
Senior journalist Rajeev Sharma, who was arrested on Sept 14 under Official Secrets Act for allegedly passing on critical defence matters information, was granted bail by Delhi High Court on Friday.
नौकरी छोड़ने के बाद सारे प्रमाणपत्र जला डाले थे ओशो ने!
Osho– जिस दिन मैंने विश्विद्यालय की नौकरी छोड़ी उस दिन मैंने सबसे पहला काम काम यह किया कि सहेज कर और संजो कर रखे गये अपने सारे सर्टिफिकेटों और डिप्लोमाओं को आग लगा दी…। उनको जलता देख कर मैं इतना खुश हो रहा था कि मेरा सारा परिवार वहां इक्ट्ठा हो गया, उन्होंने सोचा कि …
विभाजन के बाद मात्र 1500 रुपए लेकर भारत आए थे MDH वाले महाशय धर्मपाल गुलाटी जी!
अवधेश कुमार- एमडीएच कंपनी के संस्थापक और मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का 98 वर्ष की आयु में निधन हुआ। विभाजन के बाद केवल 1500 रुपये लेकर भारत आने वाले धर्मपाल जी ने जिस तरह मसाले की दुकान से आरंभ कर 18 फैक्ट्री स्थापित की और एमडीएच को देश में सबसे विश्वसनीय ब्रांड बना दिया वह …
ललित सुरजन व्यवसाय की चिंताओं को दफन कर वक़्त पर हंसते रहे!
ओम थानवी- यह दौर मनहूस है। मौत और ग़म की ख़बरें हर तरफ़ से आती हैं। कभी-कभी सदमे की तरह। क्या कहें क्या नहीं। फेफड़ों के कैंसर से अरसे से पीड़ित ललित सुरजन जी का चेहरा रह-रह कर ज़ेहन में तैर आता है। कितने हँसमुख और सदा विनम्र। कुशाग्र। ज्ञानी और अनुभवी। इन दिनों कैंसर …
सर्दी के मौसम में उच्च रक्तचाप : कारण, निवारण एवं होम्योपैथिक चिकित्सा
डॉ एमडी सिंह- आमतौर पर सर्दी के मौसम में बीमारियां कम हो जाती हैं। खासतौर से बैक्टीरिया और पैरासाइट के कारण उत्पन्न होने वाली बीमारिॅयां इस मौसम में कुछ हद तक कम हो जाती हैं क्योंकि मच्छर , मक्खी, पिस्सू इत्यादि इन रोगों के वाहक इस मौसम में कम हो जाते हैं। बारिश खत्म हो …
पत्रकारिता और सर्वोच्च इंसानी मान्यताओं के अजातशत्रु थे ललित सुरजन
शेष नारायण सिंह- ललित सुरजन जी चले गए . 74 साल की उम्र भी जाने की कोई उम्र है लेकिन उन्होंने हमको अलविदा कह दिया . देशबंधु अखबार के प्रधान संपादक थे . वे एक सम्मानित कवि व लेखक थे .सामाजिक मुद्दों पर बेबाक राय रखते थे ,उनके लिए शामिल होते थे इसलिए उनके जानने वाले उन्हें …
आजतक वाली प्रियंका अब प्रोडक्ट भी बेचने लगी!
दीपांकर पटेल- टीवी चैनलों ने एंकरों को स्टार तो बना ही दिया है,इन स्टार्स की अपनी ब्रांड वैल्यू भी है..
देशबंधु अखबार के प्रधान संपादक ललित सुरजन का निधन
ब्रेन स्ट्रोक के कारण दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती वरिष्ठ पत्रकार और देशबंधु ग्रुप के प्रधान संपादक ललित सुरजन के निधन की सूचना आ रही है।
हरियाणा सरकार के पाइलट को डीजीसीए ने किया सस्पेंड
कैप्टन डी एस नेहरा पर लापरवाही और धोखाधड़ी के चलते हुई कार्यवाही दिल्ली 2 दिसम्बर : हरियाणा सरकार के एक वरिष्ठ पाइलट कैप्टन डी एस नेहरा को भारत सरकार के नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) ने हाल ही में लापरवाही और धोखाधड़ी के संगीन आरोपों की जाँच के बाद सस्पेंड कर दिया। नेहरा पर आरोप था …
SEBI ने NDTV के मालिकों को BAN किया, अवैध कमाए करोड़ों रुपए लौटाने को कहा
सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने एनडीटीवी चैनल्स के मालिकों प्रणय रॉय और राधिका रॉय पर दो साल के लिए प्रतिभूति बाजार में कारोबार की रोक लगा दी है। यह कार्रवाई भेदिया कारोबार में संलिप्तता के चलते की गई है। सेबी ने दोनों को 12 साल पहले की भेदिया कारोबार गतिविधियों से अवैध तरीके …
पत्रकार को जिंदा जलाकर मारने वाले हत्यारे गिरफ्तार
यूपी में बलरामपुर जिले की पुलिस ने पत्रकार को जिंदा जलाकर मार डालने की घटना का खुलासा करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
पत्रकार दम्पति पर केस दर्ज
उत्तराखंड के ऋषिकेश से सूचना है कि पत्रकार दम्पति रजनीश और विनीता पर कोर्ट के निर्देश के बाद मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
गोदी न्यूज चैनल बेबाक पत्रकारों को चर्चा में अब नहीं बुलाते!
जयशंकर गुप्त- धन्यवाद एबीपी न्यूज! आपने वही किया जिसकी आशंका थी! आज लंबे अंतराल के बाद जब एबीपी न्यूज के गेस्ट कोआर्डिनेशन टीम से नीरज का फोन आया, तमाम तरह के परिचयों के साथ उन्होंने जताया कि हम उन्हें बखूबी जानते पहिचानते हैं, मुझे कुछ आश्चर्य सा हुआ। फिर उन्होंने बताया कि आज देव दीपावली …
पैसों का पेड़ उगाता था यह महाभ्रष्ट अफसर!
कुमार प्रियांक- ओडिशा कैडर के 1987 बैच के भारतीय वन सेवा (IFoS) के अधिकारी अभयकांत पाठक के यहाँ से सतर्कता विभाग के पड़े छापों में अरबों की कमाई का पता चला है। भारत सरकार पेड़ लगाने के पैसे देती थी तो उसमें यह अपने लिए पैसे उगाता था।
ये सब मोदी काल के भाजपा में ही हो सकता है!
-शिशिर सोनी- तभी तो भाजपा है… लालू यादव की मांद में राजद को शिकस्त देने वाले राजीव प्रताप रूढ़ी की पहले मोदी मंत्रिमंडल से विदाई हुई। फिर उन्हें ऐसा बर्फ पे लगाया गया कि आज तक ठिठुर रहे हैं। पर सार्वजनिक रूप से उफ तक नहीं कर रहे। सांसद तो हैं पर पैदल हैं। जिस …
यूपी में पत्रकार को जिंदा जलाकर मार डाला
बलरामपुर मे दबंगों ने किया पत्रकार के घर पर हमला, आग लगाई, पत्रकार राकेश सिंह घायल, साथी की जलकर मौत, घायल पत्रकार राकेश सिंह की लखनऊ ट्रामा सेंटर में मौत लखनऊ, 28 नवंबर: इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (आईएफडब्ल्यूजे) उपाध्यक्ष औरउत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने बलरामपुर जिले में पत्रकार …
नीतीश ने आपा क्यों खोया?
शिवानन्द तिवारी- नीतीश जी को इतना आपा खोते मैंने कभी नहीं देखा. आरोप उन्होंने तेजस्वी पर लगाया. लेकिन आरोप तो नीतीश जी पर ही लगता है. याद कीजिए चुनाव के समय उन्होंने तेजस्वी को क्या-क्या नहीं कहा! कहां से लाओगे 10 लाख लोगों को तनख्वाह देने का पैसा? बाप के पास से ले आओगे? जेल …
मीडिया वाले किसके निर्देश पर किसान आंदोलन को खालिस्तानियों से जोड़ रहे हैं?
मुकेश कुमार- इससे ज़्यादा शर्मनाक क्या हो सकता है कि किसान अपनी रोज़ी-रोटी की लड़ाई के लिए जान लड़ा रहे हैं और मीडिया उसे खालिस्तानियों से जोड़ रहा है, उनके आंदोलन में कई तरह की साज़िशें ढूँढ़ रहा है।
राजीव कटारा में फकीरी तत्व बहुत प्रबल था, कभी किसी नौकरी से चिपकने की कोशिश न की
-शेष नारायण सिंह- अलविदा राजीव… राजीव कटारा का जाना बहुत ही तकलीफदेह है. . मुझसे उम्र में करीब दस साल छोटे थे. एक बार किसी दोस्त से मैंने उनका परिचय करवाया और कहा कि राजीव पढ़ते बहुत हैं ,, लिखते बहुत अच्च्छा हैं, साहित्य , संगीत , स्पोर्ट्स, विचारधारा ,राजनीतिक हलचल आदि के अच्छे जानकार …
गोदी मीडिया किसान आंदोलन कवर करते हुए फिर नंगा हुआ!
-कृष्ण कांत- मीडिया इस पर बहस नहीं करता कि सरकार किसान विरोधी कानून क्यों लाई? मीडिया इस पर भी बात नहीं करता कि सरकार किसानों के संसाधन छीनकर कृषि बाजार को पूंजीपतियों का गुलाम क्यों बनाना चाहती है? मीडिया प्रोपेगैंडा पर बहस करता है कि किसानों को कोई ‘भड़का’ रहा है.
राजीव कटारा जैसे बेमिसाल मोती आसानी से नहीं मिलते!
-क़मर वहीद नक़वी- राजीव कटारा जैसे बेमिसाल मोती आसानी से नहीं मिलते। उन्हें हमने ऐसे खो दिया, इसका बड़ा मलाल है और रहेगा।
राजीव कटारा के जीवन-मृत्यु की पूरी कहानी बता रहे हैं वीरेंद्र सेंगर
-वीरेन्द्र सेंगर- अलविदा राजीव! कोरोनाकाल बहुत क्रूर होता जा रहा है। उसने हमारे प्रिय मित्र राजीव कटारा को छीन लिया। दो दिन से आशंका बनी हुई थी। वे दिल्ली के बतरा अस्पताल में वेंटीलेटर पर थे। दीवाली से ही कोरोना की चपेट में आ गये थे। उन्होंने कई दिनों तक जीवन संघर्ष किया। वे सितंबर …
इसे कोरोना से मौत नहीं बल्कि मर्डर कहना चाहिए
-संत समीर- जब से ख़बर सुनी है, सकते में हूँ। कुछ देर तक हिम्मत ही नहीं पड़ी कि कुछ लिखूँ। इसे कोरोना से हुई मौत नहीं, इलाज के ज़रिये किया गया ‘मर्डर’ कहना चाहिए। हत्या। जिन सज्जन के लिए कुछ दिनों पहले मैंने प्लाज्मा दान की अपील की थी, आज सवेरे पता चला कि अब …
अखबारों को जो काम करना चाहिए वह सिर्फ टेलीग्राफ कर रहा है!
-संजय कुमार सिंह- माईवे ऑर हाईवे यानी मेरी मानो या निकल लो व्यस्तता के कारण द टेलीग्राफ के कल के इस शीर्षक की चर्चा नहीं कर पाया। मुझे अक्सर लगता है कि अखबारों का जो काम है वह अक्सर टेलीग्राफ कायदे से करता हुआ नजर आता है। बाकी के कई अखबार अक्सर न सिर्फ सरकार …
कोरोना के कारण मित्रों, करीबियों और पत्रकार साथियों की मौतों से गहरे अवसाद में हूँ!
-अमरेंद्र राय- पिछले कुछ दिनों में कई मित्रों, करीबियों और पत्रकार साथियों की मृत्यु हुई है। गहरे अवसाद में हूं। मन कहीं नहीं लग रहा। मौत से डर नहीं लग रहा। पर कोई चीज है जो दिमाग पर दबाव बनाए हुए है। सबसे पहले गांव से खबर आई कि परिवार में चाची जी नहीं रहीं।
कोरोना से ‘कादम्बिनी’ के संपादक रहे राजीव कटारा की मौत
–चंद्रभूषण– मीडिया सर्कल में दो सबसे नजदीकी लोग कादम्बिनी में काम करते थे। कोरोना काल में ही पहले शशिभूषण गए, फिर कादम्बिनी गई और अब राजीव कटारा भी चले गए। बहुत निजी किस्म की हतक है, क्या कहूं? -अम्बरीश कुमार- पुराने साथी और कादंबनी के पूर्व संपादक राजीव कटारा भी चले गए कोरोना की वजह …
मालिकाना हक बदलने के बाद ‘हफ़पोस्ट इंडिया’ का संचालन बंद
-प्रकाश के रे- हफ़पोस्ट इंडिया के बंद होने से भारतीय मीडिया लैंडस्केप और भी दरिद्र हो गया है. इस वेबसाइट पर हमारे समय के कुछ बेहतरीन पत्रकार काम कर रहे थे. इसी के साथ हफ़पोस्ट का ब्राज़ील संस्करण भी बंद हो गया है. हफ़पोस्ट का मालिकाना वेरीज़ोन से बज़फ़ीड के पास चला गया है. इस …
वाचमैनों को लोकल ट्रेन में जाने की इजाजत लेकिन मीडियाकर्मियों को नहीं
-शशिकांत सिंह- महाराष्ट्र में मीडियाकर्मियों को लोकल ट्रेन में जाने की इजाजत नहीं है। लोकल ट्रेन में सिर्फ उन्हीं पत्रकारों को यात्रा की इजाजत है जो मंत्रालय से मान्यता प्राप्त हैं। अब जाहिर सी बात है कि मान्यता ज्यादातर उन्ही पत्रकारों को मिलता है जो पोलिटिकल बीट कवर करते हैं। इनकी संख्या नाम मात्र है। …
नोएडा के पत्रकार ललित पंडित समेत कइयों पर केस दर्ज, पढ़ें एफआईआर, जानें उनका पक्ष
नोएडा के पत्रकार ललित पंडित के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ है। नॉलेज पार्क-2 से संचालित एक होटल मैनेजमेंट शिक्षण संस्थान के प्रबंधन से उगाही का मामला है। उगाही गैंग के मददगार के रूप में ललित पंडित का जिक्र एफआईआर के लिए दिए गए शिकायती पत्र में किया गया है।
ट्रैकिंग के दौरान फिसलकर मरने से बचें
-अश्विनी कुमार श्रीवास्तव- ट्रैवलिंग का शौक यूं तो जबरदस्त होता है लेकिन इसमें कई जोखिम भी होते हैं. अभी कल ही फेसबुक पर एक पोस्ट से पता चला कि हिमाचल में कुल्लू के नजदीक स्थित कसोल में एक पहाड़ पर दिल्ली के एक युवक की ट्रैकिंग के दौरान फिसलकर हजारों फीट गहरी खाई में गिर …
86.5 ग्राम गाँजा रखने के जुर्म में कामेडियन भारती सिंह गिरफ्तार
-संजय कुमार सिंह- नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने शनिवार को मशहूर स्टैंड अप कामेडियन भारती सिंह के तीन बंगलों पर छापा मारा, जिसमें ‘थोड़ी मात्रा में गांजा’ भी बरामद हुआ है। पता नहीं तीन बंगलों में गांजे की थोड़ी मात्रा बरामद करने वाला कई दिनों से तरसता हुआ पहुंच गया या तलाशी टीम में शामिल था। …
ये कौन है जो गोदी मीडिया के माध्यम से एक के बाद एक फर्जी खबरें प्लांट करा रहा है?
-सौमित्र रॉय- POK पर हमला याद है आपको? कुछ दिन पहले की ही बात है। सेना ने थोड़ी देर बाद भारत की बिकाऊ मीडिया की खबरों को रद्दी बताया था। अब एक और रद्दी खबर का खुलासा कर रहा हूं। पिछले दिनों खबर आई थी कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध और तनाव को कम करने …
टेलीग्राफ अखबार में आज पत्रकार सिद्दीक कप्पन की फोटो के साथ पहले पन्ने पर पांच कॉलम में खबर है
-संजय कुमार सिंह- इमरजेंसी मुक्त डबल इंजन वाले राम-राज्य का हालजमानत देने से आसमान नहीं गिर पड़ेगा और नहीं देने से कहां गिरा…. एक पत्रकार के खिलाफ हत्या के लिए मजबूर करने का मृत्यु पूर्व बयान और अपने प्रभाव के दुरुपयोग का परिस्थिजन्य साक्ष्य है। पर उसे जमानत मिल गई क्योंकि जमानत देने से आसमान …
अलविदा डियर पंकज!
-यूसुफ किरमानी- अलविदा डियर पंकज… मेरा पंकज शुक्ला का साथ दैनिक जागरण बरेली में रहा। पंकज सिटी रिपोर्टर था। हम लोगों ने उसे जो भी बीट दी, उसने बहुत बेहतरीन काम किया। …वह सुर्ती मलकर बहुत खाता था, जिस पर मैं उसे चिढ़ाता भी था। लेकिन हर बार चिढ़ाने पर वह कहता – भाईसाहब लेकिन …
वरिष्ठ पत्रकार पंकज शुक्ला का कोरोना से निधन
-महेंद्र मिश्रा- अलविदा नहीं कहेंगे पंकज भाई… पंकज भाई का नाम सबसे पहले बरेली में सुना था। जब वह जागरण के ब्यूरो चीफ थे और मैं अमर उजाला में अभी ट्रेनी के बतौर इलाहाबाद से पहुंचा था। उस समय जागरण और अमर उजाला के बीच मानो युद्ध होता था। वह रोजाना का युद्ध था और …
आकाशवाणी गोरखपुर और जालंधर की आवाज़ खामोश करने के आदेश
गोरखपुर और जालंधर के आकाशवाणी केंद्र अब खामोश हो जाएंगे। महानिदेशालय से आए पत्र में गोरखपुर और जालधंर केंद्र को तत्काल प्रभाव से पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया गया है।
सांप्रदायिकता भड़काने के आरोपी सुदर्शन टीवी को केंद्र सरकार ने सुधरने की चेतावनी देकर माफ कर दिया!
-संजय कुमार सिंह- जेबकतरे को फांसी, हत्यारे को चेतावनी, सुधरने का मौका! कल की एक खबर इस प्रकार है, “मोदी सरकार ने पिछले एक साल में ढाई लाख से ज्यादा अखबारों के टाइटल रद्द कर दिए हैं साथ ही सैंकड़ों अखबारों को सरकारी विज्ञापनों के लिए डीएवीपी की सूची से बाहर कर दिया है। इसके …
मोहसिन खान हम लोगों की सेलरी खा गए!
मैं सुनील राजोरिया, मेकअप आर्टिस्ट। हम कई लोग साधना प्राइम न्यूज़ में काम करते थे। मैं और मेरे दो साथियों ने मार्च-अप्रैल मई की सेलरी की मांग की तो को मोहसिन खान सर ने हमें बोल दिया कि एचआर से जाकर अपना हिसाब ले लो।
गोदी मीडिया ने pok पर एयर स्ट्राइक कर दी!
गलत फर्जी झूठी खबरें चलाने में नम्बर एक भारतीय गोदी मीडिया ने आज फिर कांड कर दिया। बिना सेना से कन्फर्म किए पाक अधिकृत कश्मीर (pok) में एयर स्ट्राइक किए जाने की खबर चला दी। बाद में सेना को बयान जारी कर खंडन छापना पड़ा।
मेवालाल ने इस्तीफा नहीं दिया, उन्हें बर्खास्त किया गया है!
-Pravin Bagi- क्या विवादास्पद शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया गया है ? उन्होंने खुद इस्तीफा नहीं दिया है ? राजभवन से जारी प्रेस विज्ञप्ति से तो यही संकेत मिलता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सलाह पर राज्यपाल ने उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त किया है। बर्खास्तगी तभी की जाती है …
दैनिक जागरण ने पटाखों को विलेन न बनने दिया!
-दीपांकर पटेल- देश भर के अखबार और मीडिया पोर्टल ये बता रहे हैं कि रीता बहुगुणा जोशी की पोती अपने दोस्तों साथ “पटाखे फोड़ते समय” जल गई थी, इसके बाद उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. लेकिन दैनिक जागरण की पूरी ख़बर से “पटाखों से खेलने” का जिक्र ही खत्म कर दिया गया. पूरी …
प्रभाष जोशी जी को रिटायरमेंट के वक़्त 30 हजार रुपये के करीब मिलते थे!
-शम्भूनाथ शुक्ल- जब मैंने जनसत्ता बतौर सब एडिटर ज्वाइन किया था, यानी 1983 में। तब मैं सब एडिटर था और प्रभाष जी संपादक। मेरी तनखा उस समय 1463 रुपए थी और प्रभाष जी को 4200 रुपए मिलते थे। प्रभाष जी को 1995 में रिटायरमेंट के समय 30 हज़ार के क़रीब मिलते थे और मैं तब …
करोना दंश से मौत के मुंह में जाकर वापस लौटने वाले पत्रकार की मर्मस्पर्शी कहानी है ‘बनारस लॉकडाउन’
-रामजी प्रसाद भैरव–(साहित्यकार एवं लेखक, चंदौली) जब कभी निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता की बात उठेगी तो बनारस के वरिष्ठ पत्रकार विजय विनीत जेहन में स्वतः कौंध जाएंगे । यह इत्तिफ़ाक़ नहीं है कि विजय विनीत ने कोई किताब लिखी है, बल्कि उन्होंने 75 दिनों की इस जिंदगी को बड़ी संजीदगी से जिया है, जो अब …
अर्णब पत्रकार नहीं, सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ता और सफल बिजनेसमैन है!
-निरंजन परिहार– अर्णब की ताकत के मुकाबले शिवसेना का सच! अर्णब दिखने में भले ही पत्रकार हैं, लेकिन उनकी रगों और धमनियों में बहता रक्त शुद्ध रूप से राजनीतिक है। पैसे की कमी उन्हें कभी खली नहीं और शान से जीना उनके शौक का हिस्सा है। असम के बरपेटा जिले के अर्णब गोस्वामी के दादा …
सुशांत केस से रिलेटेड फर्जी खबरों के वीडियो बनाकर यूट्यूब-फेसबुक से लाखों रुपए कमाए
-शीतल पी सिंह- सुशांत सिंह राजपूत के मामले में कांसपिरेसी थ्योरियों को बेचने वाले यू ट्यूबर्स और फ़ेसबुक पेज वालों ने करोड़ों रुपये कमाए । मुंबई पुलिस की जाँच में बिहार से ओरिजिनेट किये गये ऐसे एक अकाउंट को ही चार महीनों में यू ट्यूब ने क़रीब पंद्रह लाख रुपये का भुगतान किया था ।
कुणाल कामरा से कसमसाई सरकार ट्वीटर पर चिल्लाई
-संजय कुमार सिंह- सूत्रों की इस खबर के अनुसार, संसदीय समिति ने ट्वीटर अधिकारियों से पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ कॉमेडियन कुणाल कामरा के ट्वीट क्यों रहने दिए गए। अगर यह खबर सही है तो इसका मतलब यह हुआ कि ट्वीटर को यह अधिकार दिया जा रहा है वह तय कर ले कि …
अवैध खनन में एसएसपी आगरा की भूमिका की जाँच की मांग
एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने आगरा के खैरागढ़ तथा अन्य इलाकों में अवैध खनन में एसएसपी आगरा बबलू कुमार की भूमिका की जाँच की मांग की है.
ज़ी न्यूज़ में दिल्ली में बड़े पदों पर नई ज्वाइनिंग, मुंबई से लगा तगड़ा झटका
ज़ी न्यूज़ में उठा पठक जारी है। निखिल दुबे और परितोष चतुर्वेदी ने एबीपी न्यूज़ से ज़ी न्यूज़ में वापसी की है। परितोष बतौर एक्जीक्यूटिव एडिटर आउटपुट की कमान संभालेंगे तो निखिल को एग्जेक्यूटव एडिटर पद के साथ सुधीर चौधरी के शो डीएनए को संभालने की बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। फिलहाल डीएनए प्रोड्यूस करने …
श्वेता भट्टाचार्य ने ज़ी हिंदुस्तान संग नई पारी शुरू की
अपने बेबाक़ अंदाज़ के लिए पहचानी जाने वालीं पत्रकार व सीनियर एंकर श्वेता भट्टाचार्य ने अपनी नई पारी का आग़ाज़ Zee Hindustan से किया है.
आनंद ज्वेलर की ये खबर दैनिक भास्कर ने पूरी तरह दबा दी
-आदित्य पांडेय- इंदौर : खबरों से आपको क्यों और कैसे दूर रखा जाता है इसका षड्यंत्र आप कथित बड़े अखबार से समझिए। कल एक ज्वैलर के बीस कर्मचारी उस संक्रमण से ग्रस्त मिले जिसका दुनिया भर में खौफ है और जिसकी सावधानी न रखने पर आम लोगों ने पुलिसिया डंडे भी खूब खाए। अखबार को …
Scribe murdered, police officer booked in UP
Guwahati: Journalists’ Forum Assam (JFA) expresses serious concern over the killing of another scribe in Uttar Pradesh where a police officer is booked for the murder. Suraj Pandey (25), who worked for a Hindi newspaper, was found dead on a railway track at Sadar Kotwail area on Thursday (12 November 2020) evening.
इस प्रेस रिलीज के जरिए नवनीत सहगल यूपी के पत्रकारों से कहना क्या चाहते हैं?
पत्र सूचना शाखा सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, उ0प्र0 केन्द्र सरकार द्वारा पत्रकारों की मदद के लिए पत्रकार कल्याण योजना संचालित लखनऊ: 17 नवम्बर, 2020 उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, सूचना श्री नवनीत सहगल ने आज यहां बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा पत्रकारों की मदद के लिए पत्रकार कल्याण योजना संचालित की जा रही है।
दैनिक भास्कर ने महिला रेजिडेंट एडिटर की नियुक्ति कर इतिहास रचा
-अभिषेक उपाध्याय- ये हमारे वक़्त की सबसे शानदार खबर है। हमारी प्यारी दोस्त उपमिता वाजपेयी उपमिता दैनिक भास्कर की पहली महिला रेजिडेंट एडिटर (भोपाल एडिशन) नियुक्त हुई है।
खुद करोड़ों का पैकेज लेने वाले संपादक पत्रकारिता के मिशन का बोझ दूसरों के कंधों पर डाल देते हैं!
-अश्विनी कुमार श्रीवास्तव- मीडिया की अपनी आखिरी नौकरी बिज़नेस स्टैंडर्ड अखबार में करते समय लगभग हर मीटिंग में हमारे ग्रुप एडिटर अशोक कुमार भट्टाचार्य उर्फ एकेबी कहा करते थे- हम यहां पैसे कमाने नहीं आये हैं। हम लोग पत्रकार हैं। हम पढ़े लिखे लोग हैं। पैसे ही कमाने होते तो वह तो हम सरसों का …
विधानसभा (दो) : उम्र एवं शैक्षिक अर्हता नहीं, फिर भी बन गये सहायक समीक्षा अधिकारी
-अनिल सिंह- आवेदन पत्र में गलत सूचनाएं दिये जाने के बावजूद दे दी गई नियुक्ति जांच के बाद हटाये जाने के आदेश, फिर भी कर रहे हैं नौकरी विस सचिवालय में लंबे समय से चल रहा है गलत नियुक्तियों का खेल ताकतवर लोगों के रिश्तेदारों को नौकरी देकर साधते हैं प्रमुख सचिव लखनऊ : बीते …
जी न्यूज के तेजतर्रार और हष्टपुष्ट पत्रकार की कोरोना से मौत
-प्रमेन्द्र मोहन- ज़ी के साथी राकेश तनेजा जी को लेकर दुखद खबर मिल रही है। कोविड 19 की चपेट में आ गए थे।
अवमानना, कामरा और टेलीग्राफ
-संजय कुमार सिंह- अधिकारों का ऐसा दुरुपयोग हुआ कि सुप्रीम कोर्ट के अधिकारों को चुनौती मिलने लगी… सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के मामले में कॉमेडियन कुणाल कामरा का स्टैंड न सिर्फ बड़ी खबर है बल्कि उन वकीलों और वकालत के छात्रों के लिए सीख भी है जो कतिपय कम महत्वपूर्ण मुद्दों पर मुकदमा चलाने की …
कुणाल कामरा और सुप्रीम कोर्ट की जंग में कौन जीतेगा?
-मुकेश कुमार- सुप्रीम कोर्ट को थोड़ा आलोचना झेलने की आदत डालनी चाहिए। वह राज्य सरकारों को नसीहत देकर खुद उनका पालन न करके कोई अच्छी मिसाल नहीं बना रहा है। कुणाल कामरा ने चुभने वाली चीज़ें ज़रूर कही हैं, मगर उनमें सचाई भी है।
भारत की जमीन पर काबिज चीन से ये कैसा समझौता कर लिया मोदीजी ने!
-सौमित्र रॉय- वाह नरेंद्र मोदी जी। अपनी गोदी में बिकी हुई मीडिया के ज़रिए बढ़िया झूठ फैला रहे हैं आप। बिहार चुनाव की आड़ में आपने चीन के साथ चुपके से समझौता कर लिया कि पूर्वी लद्दाख से भारतीय सेना पहले पीछे हटेगी!
जेल से निकलते ही अर्नब ने उन्मादी रोड शो कर जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है! देखें वीडियो
Siddharth Vimal : ज़मानत मिल जाने का मतलब यह नहीं होता कि अभियुक्त आरोप से बरी हो गया। इसका मतलब सिर्फ़ और सिर्फ़ इतना ही होता है कि जबतक मुक़दमे का फ़ैसला नहीं हो जाता, आरोपी को क़ानून के दायरे में रहते हुए अनुशासन पूर्वक रहना है। उसे अपने प्रतिपक्ष और समाज के लिए ख़तरा …
न्यूज़ पोर्टल और डिजिटल कंटेंट पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार ने जारी कर दिया आदेश
केंद्र सरकार ने ऑनलाइन कंटेंट, फ़िल्म और न्यूज़ को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत लाने का फ़ैसला ले लिया है।
बिहार में जनादेश का चीरहरण हुआ है!
-दीपांकर पटेल- दरअसल, पोस्टल बैलेट से भरा बॉक्स रद्द कराना बेहद आसान है…. पान खाकर थूकने जितना आसान है….
बिहार में सारे अनुमान धरे रह गए!
-शिशिर सिन्हा- बिहार में रैली हार गया। नुक्कड़ सभा जीत गया। इसी को जनादेश कहते हैं। तेजस्वी की सभाओं की भीड़ वोट में परिणत कम हुई। सारे अनुमान धरे रह गए। जमीन पर काम करने वाले गलत साबित हुए। पत्रकार, फनकार, कलाकार गलत साबित हुए। ओपिनियन पोल सही साबित हुआ। Exit Poll गलत साबित हुआ।
कोरोना, कटौती और छंटनी के दौर में टीवी9भारतवर्ष में इंक्रीमेंट की बयार!
टीवी9भारतवर्ष न्यूज़ चैनल ने दिवाली से ठीक पहले अपने कर्मियों को तगड़ा गिफ्ट दिया है।